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देरी से आना और जल्दी जाना, जिले में नहीं चलेगा यह बहाना

जांजगीर-चाम्पा। शासन के आदेश निर्देश और कलेक्टर के हिदायतों को नजरअंदाज करने वाले ऐसे लापरवाह कर्मचारियों पर जल्दी ही कार्यवाही की गाज गिरेगी जो समय पर न तो अपने कार्यालय पहुचते हैं और न ही निर्धारित समय तक कार्यालय में रहते हैं। जिले में शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों के संबंध में जनप्रतिनिधियों द्वारा लगातार आ रही शिकायतों के मद्देनजर कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने सभी कार्यालयों में फेस रीडिंग मशीन लगाने का निर्णय लिया है। 

इन मशीनों के कार्यालय में लगने के पश्चात हर अधिकारी-कर्मचारी को निर्धारित समय पर अपनी उपस्थिति दर्शानी होगी, यही नहीं निर्धारित समय तक कार्य करने के बाद जाते समय भी उन्हें अपना चेहरा या फिंगरप्रिंट मशीन में दर्ज करना होगा। इस व्यवस्था के लागू होने के बाद जिले में देरी से आकर कार्यालय से जल्दी चले जाने की प्रवृत्ति पर जहां अंकुश लगेगी, वही आम जनता की समस्याओं का निराकरण एवं शासन की योजनाओं का क्रियान्वयन भी आसानी से होगी।

जिले में कलेक्टर के रूप में पदस्थ होने के पश्चात तारन प्रकाश सिन्हा ने पहली बैठक में ही सभी सरकारी कर्मचरियों को निर्धारित समय में कार्यालय आने के निर्देश दिए थे। यहीं नहीं जिले के सभी विकासखण्ड मुख्यालयों के कार्यालयों एवं स्कूल, आंगनबाड़ी केंद्र, स्वास्थ्य केंद्र, उचित मूल्य की दुकानों के अलावा अन्य सरकारी दफ्तरों के निरीक्षण के पष्चात उन्होंने ब्लाॅक मुख्यालय लेबल के अधिकारियों की बैठक लेकर सख्त हिदायत भी दी थीं।



उनके द्वारा विगत तीन माह के कार्यकाल के दौरान यिे गए आकस्मिक निरीक्षण में अनेक कार्यालयों के अधिकारियों व कर्मचारियों की अनुपस्थिति भी उजागर हुई थी। शासकीय कार्यालयों में समय पर अधिकारी-कर्मचारियों नहीं आने पर आम जनता में नाराजगी के साथ जनप्रतिनिधियों में आक्रोश तो था ही, शासन द्वारा निर्धारित जनहितैषी कार्यों के अलावा शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं के क्रियान्वयन में भी लापरवाही हो रही थी। कलेक्टर ने जिले में सरकारी व्यवस्था को दुरस्त करने की ठानी और निर्देशों का अवहेलना करने वालों को सही राह में लाने आधुनिक फेस रीडिंग मशीन लगाने का फैसला लिया।

आने और जाने के समय करानी होगी फेस की रीडिंग

शासकीय कार्यालयों में लगने जा रहे फेस रीडिंग मशीन आधुनिक साफ्टवेयर से लैस है। इसमें सभी अधिकारी-कर्मचारियों के चेहरे व फिंगरप्रिंट को स्कैन कर सुरक्षित कर लिये जायेंगे। सभी अधिकारी-कर्मचारी कार्यालय आने के साथ ही अपना चेहरा सामने रखेंगे तो मशीन में ऑटोमेटिक चेहरा स्कैन होने के साथ समय भी दर्ज हो जाएगा। इसी तरह कार्यालयीन समय तक कार्य करने के पष्चात जाने के समय भी अपनी फेस रीडिंग करानी होगी। बताया जा रहा है कि विलंब से आने और जल्दी चले जाने वालों का रिकॉर्ड दर्ज होकर सॉफ्टवेयर में प्रेषित होंगी। उच्च अधिकारी लापरवाही पर वेतन कटौती के साथ अन्य अनुशासनात्मक कार्यवाही कर सकेंगे।

पारदर्शी प्रशासन की ओर बढ़ाया कदम

कलेक्टर तारन प्रकाश सिन्हा ने शासकीय कार्यालयों में फेस रीडिंग मषीन लगवाकर जहां लापरवाह कर्मचारियों को शासन के निर्देशानुसार कार्य करने एक सकारात्मक रूख अपनाया है, वहीं उन्होंने प्रशासनिक कसावट के साथ पारदर्शी प्रशासन की दिशा में कदम आगे बढ़ाते हुए आम नागरिकों के हितों का भी ख्याल रखा है। गौरतलब है कि अधिकारी-कर्मचरियों के समय पर कार्यालय नहीं पहुचने पर जनप्रतिनिधि सहित आम नागरिक भी स्थानीय प्रशासन पर सवाल उठाते रहते थे। जिले के कलेक्टर ने फेस रीडिंग मशीन लगाने का निर्णय लेकर यह भी साबित किया है कि वे राज्य शासन की मंशानुरूप आम नागरिकों और जनप्रतिनिधियों के हित में जो भी जायज फैसले हैं जरूर लेंगे। 

मनमानी करने वालों के खिलाफ कार्यवाही करेंगे-कलेक्टर

एक्सपर्ट से फेस रीडिंग मशीन के संबंध में सम्पूर्ण जानकारी लेने के साथ कलेक्टर सिन्हा ने मशीन को हाथों में लेकर बारीकी से परखा। उन्होंने कहा कि निरीक्षण के दौरान कार्यालय सहित स्कूलों में समय पर उपस्थिति नहीं मिल रही थी। बैठक लेकर विभागीय अधिकारियों को भी निर्देश देकर शतप्रतिशत उपस्थिति सुनिश्चित करने कहा गया है। वे मशीन लगाने के पक्ष में नहीं थे, लेकिन जिले में समय पर शासकीय कामकाज, शासन की योजनाओं के क्रियान्वयन, आम नागरिकों के हितों के अलावा पारदर्शी और स्वच्छ प्रशासन की दिशा में कदम बढ़ाने के लिये यह जरूरी हो गया था। अब जो मनमानी करेंगे, उसके विरूद्ध कार्यवाही करना आसान हो जायेगा। उन्होंने किसी तरह की कार्यवाही से बचने के लिए सभी अधिकारियों-कर्मचारियों को समय पर आने के निर्देश दिए हैं।

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