नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा है कि नये भारत की परिकल्पना केवल देश के लिए ही नहीं है, बल्कि यह बलिदान, प्रेम, संवेदना, प्रतिभा, साहस, पराक्रम और शांति का मिश्रण है। करगिल में सशस्त्र बलों के साथ बातचीत करते हुए मोदी ने कहा कि विश्वभर में कई सभ्यताएं विकसित हुई हैं और उनका अंत भी हुआ है, लेकिन भारतीय सभ्यता हर संभव चुनौतियों के बाद हमेशा पुनर्जीवित हुई है। उन्होंने कहा कि एक राष्ट्र तब अजर-अमर हो जाता है, जब उस देश के वीर सैनिकों का स्वयं में विश्वास होता है। देशभक्ति को देवभक्ति के समान बताते हुए प्रधानमंत्री ने देश के सशस्त्र बलों की सराहना की। उन्होंने कहा कि वे करगिल की विजय भूमि से विश्व और देशवासियों को दीपावली की शुभकामनाएं दे रहे हैं।
मोदी ने कहा कि दिवाली का मतलब है, आतंक के अंत का त्योहार और करगिल ने
इसे संभव बनाया है। उन्होंने कहा कि सुरक्षा बलों ने करगिल में दिवाली के अवसर पर
आतंक के अस्तित्व को नेस्तनाबूद कर दिया था। प्रधानमंत्री ने सेना की अतुल्य वीरता
की सराहना की और कहा कि राष्ट्र को तब गर्व होता है, जब उसके सैनिकों का मस्तक हिमालय की तरह ऊंचा होता है। उन्होंने कहा
कि भारत ने हमेशा से ही युद्ध को अंतिम विकल्प माना है और विश्व में शांति का
प्रचार किया है। यदि कोई भारत की तरफ बुरी नजरों से देखने की हिम्मत करेगा, तो देश के तीनों सशस्त्र बल उसका करारा
जवाब देंगे।