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दीपावली पर दो घंटे से ज्यादा नहीं फोड़ सकते पटाखे, यह है दिशा निर्देश

रायपुर। राष्ट्रीय हरित प्राधिकरण (एनजीटी) ने दीपावली, छठ पूजा, गुरूपर्व, नववर्ष और क्रिसमस के मद्देनजर पटाखे फोड़ने के संबंध में दिशा-निर्देश जारी किए हैं। एनजीटी के दिशा-निर्देशों के अनुरूप राज्य शासन द्वारा दीपावली के दौरान पटाखे फोड़ने के लिए रात आठ बजे से दस बजे के बीच दो घंटे का समय निर्धारित किया गया है। वहीं, छठ पूजा में सुबह छह से आठ बजे तक, गुरूपर्व पर रात आठ से दस बजे तक, नववर्ष और क्रिसमस के अवसर पर रात ग्यारह बजकर पचपन मिनट से साढ़े बारह बजे तक पटाखे फोड़े जाने की अनुमति दी गई है। 



रौशनी का त्यौहार दीपावली देशभर में उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। उमंग के इस त्यौहार में जरा सी लापरवाही स्वास्थ्य पर विपरीत असर डाल सकती है। पटाखे जलाते समय बच्चों का खास ध्यान रखना जरूरी है। असावधानीवश कई बार पटाखे और फूलझड़ी जलाते समय बच्चों के हाथ जल जाते हैं। ऐसे में जली हुई जगह का तुरंत उपचार नहीं किए जाने पर परेशानी बढ़ सकती है, इसलिए पटाखे जलाने के दौरान सावधानी बहुत जरूरी है। लापरवाही या दुर्घटनावश अगर किसी का हाथ या शरीर का कोई हिस्सा जल जाए तो तत्काल घर में ही प्राथमिक उपचार के बाद डॉक्टर की सलाह ली जाए। 

दिवाली पर पटाखे जलाते कुछ बातों का ध्यान रखना बेहद जरूरी है। पटाखे हमेशा खुले मैदान या खुले स्थान पर ही जलाएं। पटाखा जलाने से पहले आसपास देख लें कि कोई आग फैलाने वाली या फौरन आग पकड़ने वाली वस्तु तो वहां नहीं है। जितनी दूर तक पटाखे की चिंगारी जा सकती है, उतनी दूरी तक छोटे बच्चों को न आने दें। पटाखा जलाने के लिए अगरबत्ती या लकड़ी का इस्तेमाल करें ताकि पटाखे से आपके हाथ दूर रहें और जलने का खतरा न हो। रॉकेट जैसे पटाखे जलाते वक्त यह देख लें कि उसकी नोक खिड़की, दरवाजे या किसी खुली बिल्डिंग की तरफ न हो। यह दुर्घटना का कारण बन सकता है। पटाखे जलाने के दौरान जूते-चप्पल जरूर पहनें। अकेले पटाखे जलाने के बजाय सबके साथ मिलकर पटाखे जलाएं जिससे आपात स्थिति में लोग आपकी मदद कर सकें।

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