प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के प्रेस नोट ने खोली छत्तीसगढ़ में भ्रष्टाचार की पोल, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुके हैं- भाजपा.
महासमुंद । छत्तीसगढ़ में ईडी के छापों एवं ईडी द्वारा जारी किए गए प्रेस नोट की चर्चा करते हुए भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता संदीप शर्मा ने कहा है कि ईडी के प्रेस नोट ने छत्तीसगढ़ में हो रहे बड़े भ्रष्टाचार के रैकेट की पोल खोल दी है। हम सब ने कभी सोचा भी नहीं था कि कांग्रेस के शासन में छत्तीसगढ़ में छत्तीसगढ़ के आदिवासियों का, किसानों का, आम जनता का मेहनत का पैसा, भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ाया जाएगा। एक तरफ सरकारी योजनाओं के लिए देने के लिए सरकार के पास पैसे नहीं है और दूसरी तरफ छत्तीसगढ़ में सरकारी संरक्षण में भ्रष्टाचार ने अपनी सारी सीमाएं लांघ दी है। यह छत्तीसगढ़ के इतिहास के लिए एक काला अध्याय है।
प्रवक्ता संदीप शर्मा ने भाजपा कार्यालय महासमुन्द में प्रेसवार्ता आयोजित किया उन्होंने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा कि बड़े दुर्भाग्य का विषय है कि कांग्रेस के शासन में भ्रष्टाचार के लिए पूरा रैकेट बनाया गया है। जिसमें वरिष्ट नौकरशाह, व्यापारी, राजनेता और बिचौलिए शामिल हैं। छत्तीसगढ़ राज्य में परिवहन किए गए प्रत्येक टन कोयले से 25 रुपये प्रति टन की अवैध वसूली कर रहे हैं। प्रतिदिन 2 से 3 करोड़ रुपये जबरन वसूले जा रहे है। इस प्रकार हजारों करोड़ रुपये वसूली कर गलत कृत्यों में इस्तेमाल किए जा रहे है।
ईडी के प्रेस नोट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि ईडी ने करीब 4.5 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी, सोने के आभूषण, सराफा और करीब दो करोड़ रुपये मूल्य के अन्य कीमती सामान जब्त किए हैं। भ्रष्टाचार करने के लिए बाकायदा नियम बदले गए, कोयले के खदानों से उपयोगकर्ताओं तक मैनुअल जारी करने के लिए ई-परमिट की पूर्व ऑनलाइन प्रक्रिया को संशोधित किया गया । अनापत्ति प्रमाण पत्र इस संबंध में कोई एसओपी या प्रक्रिया परिचालित नहीं की गई थी। भ्रष्टाचार किस प्रकार से, किस प्रक्रिया के तहत किया जा रहा है इसकी भी विस्तार जानकारी ईडी ने अपने प्रेस नोट में दी है।
उन्होंने कहा कि 15 जुलाई 22 से बिना किसी एसओपी के 30,000 से अधिक एनओसी जारी किए गए हैं। आवक और जावक रजिस्टरों का रखरखाव नहीं किया गया । अधिकारियों की भूमिका पर कोई स्पष्टता नहीं है। ट्रासपोर्टर का नाम, कंपनी का नाम आदि जैसे कई विवरण खाली छोड़ दिए गए है।
प्रदेश प्रवक्ता ने बताया कि ईडी ने तलाशी एवं जांच के दौरान लक्ष्मीकांत तिवारी के पास से 1.5 करोड़ रुपये नकद बरामद किया गया। ईडी के अनुसार तिवारी ने स्वीकार किया है कि यह रोजाना 1-2 करोड़ की जबरन वसूली करता था। जिन अधिकारियों की शिकायत को आधार बनाकर मुख्यमंत्री ईडी पर कार्रवाई की बात कर रहे हैं उनके घर 47 लाख रुपये की बेहिसाब नकदी और 4 किलो के सोने के आभूषण पाए गए। जरा मुख्यमंत्री और सरकार बताए अधिकारियों के पास इतने पैसे और सोना मिलने पर उन्हें आश्चर्य क्यों नहीं हुआ?
भाजपा ने प्रेसवार्ता के माध्यम से कांग्रेस सरकार से 5 सवाल किया है
1. ईडी के प्रेस नोट में विस्तार से भ्रष्टाचार की प्रक्रिया, जब्त की गई बेहिसाब राशि, आभूषण, नकदी की जानकारी आने के बाद मुख्यमंत्री इस्तीफा कब देंगे ?
2. भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही लड़ाई में बाधा बनने के लिए क्या मुख्यमंत्री जनता से माफी मांगेंगे ?
3. क्या कांग्रेस सरकार अब यह बताएगी कि अधिकारियों, राजनेताओं, व्यापारियों का यह भ्रष्टाचार रैकेट 10 जनपथ दिल्ली में कितने रुपए पहुंचा रहा है ?
4. अधिकारियों के घर से नकदी आभूषण और अनेक बेहिसाब चीजें मिलने के बाद भी अब तक उन पर निलंबन की कार्यवाही क्यों नहीं हुई है ?
5. जो लोग सरकारी पदों पर या सरकार द्वारा मनोनीत हैं और जिन पर जांच हुई है, उन्हे तत्काल प्रभाव से हटाया क्यों नही गया?
सूर्यकांत फरार क्यों है?
एक सवाल का जवाब देते हुए प्रवक्ता संदीप शर्मा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह पर अनर्गल आरोप लगाने वाला इस मामले का सरगना सूर्यकांत तिवारी फरार क्यों है? दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा, यदि वह ईडी को जांच में सहयोग करे। जानबूझकर उसे फरार किया गया है। उनके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी ने ईडी के समक्ष भंडाफोड़ कर दिया है। भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे लोगों को सरकार बचाने में लगी है। गौरतलब है कि आयकर का छापा पड़ने पर सूर्यकांत ने मीडिया को एक वीडियो संदेश जारी कर भाजपा नेताओं और पूर्व मुख्यमंत्री डॉ रमन सिंह पर अनेक गम्भीर आरोप लगाया था।
प्रेसवार्ता में प्रमुख रूप से पूर्व विधायक परेश बागबाहरा, वरिष्ठ भाजपा नेता मोती साहू, प्रेम चंद्राकर, पूर्व नपा उपाध्यक्ष कौशिल्या बंसल, पूर्व मंडल अध्यक्ष नारेंद्र गिरी आदि उपस्थित थे।