रायपुर। मानसिक तनाव में आकर दो बार जीवन समाप्त करने की कोशिश करने वाले रमेश (बदला हुआ नाम ) 35 वर्ष कहते हैं, “मैं इस कदर तनाव में आ गया था कि जीने की इच्छा ही खत्म हो गई थी। मैंने दो बार खुद को समाप्त करने की कोशिश करी। लेकिन दोनों ही बार मुझे परिवार द्वारा बचा लिया गया।“ जिला चिकित्सालय के स्पर्श क्लिनिक में काउंसलिंग के लिए आए रमेश को अब पहले से बहुत बेहतर लगता है जीवन जीने का मजा आ रहा है छोटी सी समस्या विकराल रूप धारण कर लेती है तो जीवन समाप्ति ही एक विकल्प दिखने लगता है लेकिन ऐसा नहीं है समस्या कितनी भी बड़ी हो उस को खत्म किया जा सकता है, क्योंकि समस्या अपने साथ समाधान भी लाती है। ‘’ऐसा रमेश ने बताया’’
रमेश कहते हैं: ’’मैं अपनी प्रतिष्ठा को लेकर इतना ज्यादा तनाव में आ गया था कि मुझे लग रहा था कि मैं अपने जीवन को समाप्त कर लूं इसके लिए मैंने दो असफल प्रयास भी किये लेकिन जब मैं स्पर्श क्लीनिक में आया और यहां पर मेरी काउंसलिंग की गई तो मुझे समझ आ गया था, कि जीवन में तनाव को बाय करना ही होगा तभी खुशहाल जिंदगी को हाय किया जा सकता है।’’
स्पर्श क्लीनिक रायपुर की साइकोलॉजिस्ट एवं परामर्शदात्री ममता गिरी गोस्वामी कहती है: “रमेश दो-तीन सालों से तनाव में रहते थे। आर्थिक तंगी, पारिवारिक रिश्तों में तनाव, घरेलू रिश्तो में अनबन की वजह से वह तनाव में आ गए थे। उन्हें नींद और खाने-पीने में समस्या थी। नींद कम आती थी खाना पीना भी उनका बहुत कम हो गया था , उनका मन उदास निराश रहने लगा। कोई काम में मन नहीं लगता था। कभी-कभी आत्महत्या के विचार मन में आते थे।
शराब सिगरेट तंबाकू का सेवन अत्यधिक मात्रा में करना शुरू कर दिया था। इसकी वजह से घर में झगड़े होते रहते हैं और उससे वह तनाव में आकर आत्महत्या के बारे में सोचने लगते थे। वह आत्महत्या के दो असफल प्रयास कर चुके थे। अपनी इस परेशानी की वजह से वह हेल्थ वेलनेस सेंटर गए वहां उन्होंने बात की वहां की मितानिन के माध्यम से अपने इलाज के लिए जिला चिकित्सालय के स्पर्श क्लिनिक पहुंचे जहाँ उनका उपचार किया गया।“