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आयोग के आड़ में अवैध कार्य स्वीकार्य नही, घरेलू आपसी मन मुटाव का समाधान परिवार के बीच ही किया जाए, सामाजिक बहिष्कार गंभीर चुनौती - डॉ किरणमयी नायक

बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ किरणमयी नायक ने आज जिला पंचायत के सभागार में महिला उत्पीड़न से संबंधित प्रकरणों पर जन सुनवाई की। सुनवाई में कुल 25 प्रकरण रखे गये थे। जिसमें 18 प्रकरणों के आवेदक उपस्थित रहे एवं उनकी सुनवाई की गयी। उसमें से आज 7 प्रकरणों को निराकरण करते हुए नस्तीबद्ध किया गया। साथ ही कुछ प्रकरणों को  सुनवाई हेतु रायपुर स्थानन्तरण किया गया है। इस दौरान महिला आयोग की सदस्य डॉ अनिता रावटे उपस्थित रही। डॉ. नायक ने महिलाओं को समझाईश देते हुए कहा कि घरेलू आपसी मनमुटाव का समाधान परिवार के बीच किया जा सकता है।


घर के बड़े बुजुर्गों का सम्मान एवं आपसी सामंजस्य सुखद गृहस्थ के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही आयोग के आड़ में अवैध कार्य को किसी भी तरह से स्वीकार्य नही किया जाएगा। 
वर्तमान समय में सामाजिक बहिस्कार एक बड़े चुनौती के रूप में उभर कर सामने आ रहा है। जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित सुनवाई में मुख्य रूप से महिलाओं से मारपीट, मानसिक, शारीरिक, दैहिक प्रताड़ना कार्यस्थल पर प्रताड़ना दहेज प्रताड़ना से संबंधित प्रकरणों पर सुनवाई की गई। भाटापारा विकासखण्ड के अंतर्गत ग्राम कोनीबंजर के आवेदक ने अपने पति पर बिना तलाक दिए विवाह करने का आरोप लगाया था। 

जबकि अनावेदक का आठ साल की बच्ची भी है।आयोग ने प्रकरण की सुनवाई करते हुए अनावेदक के खिलाफ एफआईआर धारा आईपीसी की धारा 494 के तहत कराने के निर्देश दिए है। साथ ही उक्त मामले में न्यायालीन क्षेत्र भाटापारा रखने के निर्देश दिए है। उसी तरह बलौदाबाजार नगर  निवासी आवेदक ने अपने  अनावेदक ससुर पर समाज की आड़ में मानसिक प्रताड़ना एवं उनके पति के जायदाद को बेचने साथ ही घर से बेदखल करने का आरोप लगाया गया। आयेाग ने मामले की गंभीरता को लेते हुए पुलिस अधीक्षक को एक महिने के भीतर जांच कर विस्तृत रिपोर्ट देने के निर्देश दिए है। 

क्योंकि उक्त प्रकरण में आवेदक के खिलाफ दबाव पूर्ण तरीके से पुलिस विभाग के ही कुछ कर्मचारियों के साथ मिलकर अपराध पंजीबध्द कराने के संदेह मिले है। उक्त प्रकरण के लिए डीएसपी अभिषेक सिंह को जांच अधिकारी नियुक्त किए गए है। उसी तरह एक अन्य प्रकरण में भाटापारा विकासखंड के अंर्तगत ग्राम रमदैया निवासी आवेदक ने ग्राम पंचायत सरपंच पर सामाजिक से बहिष्कार कर हुक्कापानी बंद करने का आरोप लगाया है।

जिस पर आयोग ने मामले के जांच के लिए महिला बाल विकास के प्रोटेक्शन अधिकारी मंजू तिवारी एवं सखी सेंटर के केन्द्र प्रशासक तुलिका परगनिहा की नियुक्ति की गई है। उक्त अधिकारी आगामी 20 सितम्बर को गांव में पहुंचकर विस्तृत जांचकर रिपोर्ट प्रतिवेदन प्रस्तुत करने के निर्देश दिए है। इसी तरह सुनवाई दौरान डीएसपी अभिषेक सिंह,जिला कार्यक्रम अधिकारी एल आर कच्छप अन्य विभागीय अधिकारी गण उपस्थित थे। साथ ही आयोग की सुनवाई के दौरान आवेदक अनावेदक सहित जनप्रतिनिधि गण उपस्थित थे।

मानव तस्करी रोकथाम, अन्य हितधारकों तथा पीड़ीतों के पुनर्वास विषय पर हुआ परिचर्चा का आयोजन इस दौरान मानव तस्करी रोकथाम तथा पीड़ीतों के पुनर्वास विषय पर परिचर्चा का भी आयोजन किया गया। जिसमें जिलें में मानव तस्करी से संबंधित प्रकरणों के संबंध में जानकारी सहित इसके बचाव के आयामों पर मार्गदर्शन दिया गया। इस दौरान कलेक्टर रजत बंसल, पुलिस अधीक्षक दीपक झा सहित टास्क फोर्स के सम्मानित सदस्य भी उपस्थित रहे। इस दौरान कलेक्टर रजत बंसल ने मानव तस्करी के संबंध में जन जागरूकता के लिए अलग से कार्य महिला बाल विकास विभाग के अधिकारियों को दिए है।

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