जांजगीर-चांपा जिले में बोरवेल के गड्ढे में फंसे हुए राहुल साहू को 105 घंटे और 5 दिन के बाद रेस्क्यू कर बाहर निकाल लिया गया है। जांजगीर कलेक्टर जीतेंद्र शुक्ला ने कहा है कि टीम ने 60 फीट नीचे फंसे राहुल को टनल के जरिए बाहर निकाल लिया है। कलेक्टर जीतेंद्र शुक्ला ने बताया कि राहुल की स्थिति ठीक है। उन्होंने बताया कि राहुल जिस जगह पर था वहां पर एक सांप और मेंढक भी था। इसके बाद भी बच्चा निडरता के साथ लड़ता रहा। पांच दिन तक जिला प्रशासन, पुलिस से लेकर NDRF, सेना, SDRF सहित कई सुरक्षा संस्थानों के सैकड़ों लोग राहुल के रेस्क्यू के लिए दिन-रात प्रयास कर रहे थे।
NDRF जवानों को आराम देने के लिए जवानों ने कमान संभाली थी। यह एक ज्वाइंट ऑपरेशन है और इसमें ऐसा ही किया जाता है। सवाल यहां बच्चे की जिंदगी का था, ऐसे में चट्टान तोड़ने के लिए सख्त रुख नहीं अपना सकते थे। राहुल की लोकेशन का अंदाजा लगाकर अब चट्टान तोड़ने के बाद सेना के जवान हाथों से मिट्टी निकाल रहे थे और कोहनी के सहारे आगे बढ़ रहे थे। धीरे-धीरे मिट्टी हटाते-हटाते आखिरकार वह क्षण आ ही गया जब बनाई गई टनल बोरवेल से मिल गई। वहां पहली बार अंदर चट्टान के हिस्से पर सोए राहुल की पहली झलक सेना के जवानों को मिली। वहां से बाहर जानकारी दी गई और बाहर जमा भीड़ भारतमाता की जय के नारे लगाने लगी।
माना कि चुनौती बड़ी थीहमारी टीम भी कहाँ शांत खड़ी थीरास्ते अगर चट्टानी थेतो इरादे हमारे फौलादी थेसभी की दुआओं और रेस्क्यू टीम के अथक, समर्पित प्रयासों से राहुल साहू को सकुशल बाहर निकाल लिया गया है।वह जल्द से जल्द पूर्ण रूप से स्वस्थ हो, ऐसी हमारी कामना है। pic.twitter.com/auL9ZMoBP7— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 14, 2022
मूक-बधिर है बच्चा
राहुल साहू का शुक्रवार दोपहर 2 बजे के बाद से कुछ पता नहीं चला। जब घर के ही कुछ लोग बाड़ी की तरफ गए तो राहुल के रोने की आवाज आ रही थी। गड्ढे के पास जाकर देखने पर पता चला कि आवाज अंदर से आ रही है। बोरवेल का गड्ढा 80 फीट गहरा है। ये भी बताया गया है कि बच्चा मूक-बधिर है, मानसिक रूप से काफी कमजोर है, जिसके कारण वह स्कूल भी नहीं जाता था। घर पर ही रहता था। राहुल अपने मां-बाप का बड़ा बेटा है। उसका छोटा भाई 2 साल छोटा है। पिता की गांव में बर्तन की दुकान है। CM भूपेश बघेल इस ऑपरेशन में नजर बनाएं हुए थे।