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पुलिस मुखबिरी के शक में नक्सलियों ने की ग्राम पटेल की हत्या, जांच में जुटी पुलिस

छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा पर एक बार फिर नक्सलियों की कायराना करतूत (Naxalites attacks) सामने आई है, जहां नक्सलियों ने गढ़चिरौली जिले के एक गांव के पटेल की हत्या कर दी है। बताया जा रहा है कि युवक तेंदूपत्ता जमा करने के लिए गया था। इसी दौरान नक्सलियों ने पहले युवक का अपहरण किया और फिर धारदार हथियार से वारकर हत्या कर दी, जिसके बाद शव को सड़क पर फेंक दिया।  

जानकारी के मुताबिक युवक का नाम कुल्ले वजा है, जो एटापल्ली तहसील के डोड़डूर गांव का रहने वाला था। युवक तेंदूपत्ता जमा करने के लिए एक फड़ में गया था। जहां से लौटते समय ग्रामीण वेशभूषा में पहुंचे करीब 5 से 7 नक्सलियों ने युवक का अपहरण कर लिया। फिर जंगल की तरफ लेकर गए, जहां पुलिस की मुखबिरी करने का आरोप लगाकर युवक पर धारदार हथियार से वार कर मौत के घाट उतार दिया। 

वारदात को अंजाम देने के बाद नक्सलियों ने उसे गांव के ही पास सड़क पर फेंक दिया था। युवक के शव को देख इलाके के ग्रामीणों ने इसकी सूचना पुलिस को दी, जिसके बाद मौके पर पहुंची गढ़चिरौली पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराने अस्पताल भिजवाया है। वहीं पुलिस इस मामले की जांच में जुट गई है। इससे पहले महाराष्ट्र के गढ़चिरौली जिले में ही नक्सलियों ने दो ग्रामीणों की गोली मारकर हत्या कर दी थी। नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के शक में वारदात को अंजाम दिया था। पुलिस के एक सीनियर ऑफिसर के मुताबिक मारे गए दोनों ग्रामीणों की उम्र 20 साल थी। 

बीजापुर में भी नक्सलियों ने की थी 2 लोगों की हत्या

बता दें कि छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में नक्सलियों ने पुलिस मुखबिरी के शक में 2 लोगों की हत्या कर दी थी। नक्सलियों ने जांगला थाना क्षेत्र में जनअदालत लगाकर सैकड़ों ग्रामीणों के बीच 7 से 8 जनवरी की रात को वारदात को अंजाम दिया था। इधर, बीजापुर के SP कमलोचन कश्यप ने मारे गए दोनों लोगों को नक्सली बताया था। उन्होंने कहा कि नक्सली खुद के साथियों की ही हत्या कर रहे हैं। जनअदालत में भोंगी पोयाम और कोतरापाल निवासी बोटी कुहरामी को सब के बीच खड़ा किया था। ग्रामीणों को बताया गया कि ये दोनों गद्दार हैं और पुलिस की मुखबिरी करते हैं। फिर सैकड़ों ग्रामीणों के सामने दोनों की हत्या कर दी थी। 

पुलिस मुखबिरी के शक में नक्सलियों ने की इतनी हत्याएं 

बता दें कि पुलिस मुखबिरी के शक में नक्सली लगातार ऐसी ही वारदात को अंजाम दे रहे हैं। 17 नवंबर 2020 को नक्सलियों ने सुकमा के जंगलों में जन अदालत लगाकर 2 युवकों की हत्या की थी। 21 अक्टूबर 2020 को नक्सलियों ने बीजापुर में एक आरक्षक को अगवा कर जन अदालत लगा उसकी हत्या की थी। साल 2020 में ही नक्सलियों ने नारायणपुर के अबूझमाड़ में 2 युवकों पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर गला रेत का हत्या की थी। साल 2020 में कांकेर जिले में नक्सलियों ने जन अदालत लगा कर एक पूर्व सरपंच की हत्या की थी। साल 2020 में कांकेर जिले में एक दिव्यांग युवक की हत्या कर शव सड़क किनारे फेंका था। इस पर भी पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया गया था।

सुकमा में ग्रामीण की हत्या

वहीं 2020 में ही सुकमा जिले में ही नक्सलियों ने एक ग्रामीण पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर उसकी हत्या कर दी थी। नवंबर 2021 में सुकमा जिले में जन अदालत लगाकर नक्सलियों ने 2 युवकों की हत्या की थी। इन पर भी पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया था। नवंबर 2021 में नक्सलियों ने कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा इलाके में जन अदालत लगाकर 1 ग्रामीण की हत्या की थी। जनवरी 2022 में बीजापुर जिले में अपने ही एक साथी कमलू पुनेम को जन अदालत लगाकर मारा था। अब नक्सलियों ने 7-8 जनवरी की रात 2 ग्रामीणों को मार दिया है।

5 साल में नक्सली हिंसा में इतने लोगों की गई जान

बीते 5 साल में छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा (Naxalite violence) में 1000 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें 314 आम लोग भी शामिल हैं। इनका नक्सल आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं था। वहीं 220 जवान शहीद हुए हैं, साथ ही 466 नक्सली भी मुठभेड़ में मारे गए हैं।

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