छत्तीसगढ़ में भीषण गर्मी के बीच कई हिस्सों में बारिश हो रही है। इसी बीच मैनपाट में आई तेज आंधी तूफान में पेड़ गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई। वहीं क्षेत्र में 45 से ज्यादा बिजली के पोल टूट गए। इससे पूरे इलाके में बिजली व्यवस्था ध्वस्त हो गई । बिजली विभाग के जेई संतोष कुजूर ने बताया कि अब तक तूफान से कभी भी इतना नुकसान नहीं हुआ है। बिजली आपूर्ति बहाल करने में थोड़ा समय और लाखों रुपए खर्च आएगा।
जानकारी के मुताबिक तूफान में 22 मकान भी क्षतिग्रस्त हुए हैं। तूफान में जिस व्यक्ति की मौत हुई है उसके ऊपर पेड़ गिर गया था। सोमवार की सुबह ग्रामीणों ने उसे पेड़ के नीचे दबा हुआ देखा। पुलिस ने बताया कि लुरैना के रहने वाले 55 साल के नइहर साय घर से एक हफ्ते पहले निकला था। वह घर पर कम आता जाता था। उसकी पत्नी और बच्चे नहीं हैं। नइहर साय की पहचान करने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी। उसके छोटे भाई ने मौके पर उसकी पहचान की।
बांस में दबकर ग्रामीण की मौत
इधर, सीतापुर में तेज आंधी और पानी से बचने के लिए 2 ग्रामीणों ने बांस के झुंड में शरण लिया था। इसी दौरान आंधी-पानी के कारण बांस का झुंड जड़ से उखड़कर धराशायी हो गया, जिससे दोनों ग्रामीण दबकर बुरी तरह घायल हो गए। ग्रामीण घायलों को इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गए, जहां डॉक्टर ने प्रतापगढ़ दर्रीपारा के कमल साय 50 साल को मृत घोषित कर दिया।
मौसम में हो रहे बदलाव से रविवार को तेज हवा के साथ हल्की बारिश के बाद भी गर्मी से राहत नहीं मिली। हालांकि एक डिग्री की गिरावट जरूर दर्ज की गई, लेकिन ये अभी 40 डिग्री के पार है। सोमवार को शहर का अधिकतम तापमान 40.1 डिग्री और रात का न्यूनतम तापमान 26.2 डिग्री दर्ज किया गया। नमी के कारण उमस भी बढ़ गई है। इससे तेज धूप के बीच बैचेन करने वाली गर्मी पड़ रही है। इसका लोगों के सेहत पर भी असर पड़ रहा है।
चक्रवाती सिस्टम के साथ पश्चिमी विक्षोभ का दिखेगा असर
मौसम विभाग के मुताबिक बंगाल की खाड़ी में बन रहे चक्रवाती सिस्टम के साथ पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से अब तापमान में कमी होगी। इससे पश्चिमी से आने वाली गर्म हवा का प्रभाव कुछ कम होगा। मैनपाट तहसीलदार मोहन भारद्वाज ने बताया कि तूफान और बारिश से हुए नुकसान का आंकलन करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके बाद प्रकरण तैयार किया जाएगा, जिस व्यक्ति की पेड़ से दबकर मौत हुई, उसके परिजन को भी मुआवजा दिया जाएगा।
रोपाखार में 22 मकान को नुकसान
तूफान से रोपाखार में 22 लोगों के मकान को नुकसान हुआ है। वहीं सामुदायिक कॉम्प्लेक्स में लगे 12 शेड उड़ गए। इसके अलावा रोपाखार, पैगा, परपटिया, पकरीखांड, सुपलगा समेत अन्य गावों में बिजली नहीं है। यहां कई जगह तार टूटने से व्यवस्था बिगड़ गई है। लाइन मरम्मत का काम विद्युत विभाग के मेंटेनेंस टीम द्वारा जारी है। इधर, ग्रामीणों ने मकानों को हुए नुकसान पर मुआवजा दिलाने की मांग की है। तूफान से बिजली पोल गिरने से पूरे इलाके में बिजली व्यवस्था बिगड़ गई है। पूरे दिन मरम्मत के बाद देर शाम टाउन फीडर को किसी तरह चालू किया जा सका। इससे कमलेश्वरपुर में बिजली आपूर्ति 24 घंटे बाद शुरू हो सकी।
कई गांवों में अभी भी बिजली नहीं
वहीं ग्रामीण क्षेत्र में मंगलवार देर शाम तक विद्युत आपूर्ति शुरू होने की उम्मीद है। बिजली विभाग के अधिकारियों का कहना था कि अचानक तूफान और बरिश से इतना बड़ा नुकसान मैनपाट में बिजली विभाग को कभी नहीं हुआ। तूफान में 7 जगह 33 केवीए के तार टूट गए। वहीं 11 केवीए और एलटी लाइन में 45 जगह पर पोल गिरे हैं। बिजली विभाग ने तीन टीम बनाकर युद्ध स्तर पर मरम्मत शुरू किया है। साथ ही बिजली ठेकेदार के मजदूरों का भी पोल लगाने में सहयोग लिया जा रहा है। इधर, मौसम विभाग के मुताबिक छत्तीसगढ़ में 7 जून तक मानसून प्रवेश कर सकता है, जिससे लोगों को गर्मी से राहत मिलेगी।