MP के खंडवा जिले में दर्दनाक हादसा हुआ है, जहां के मूंदी में सोमवार रात को दहेज लेकर जा रहे ट्रक ने 7 मेहमानों को रौंद दिया। हादसे में चाचा, भतीजे और भांजी की मौत हो गई। वहीं अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हैं। हादसा मूंदी के रुद्र मैरिज गार्डन के बाहर हुआ, जहां राठौर परिवार के घर शादी का फंक्शन चल रहा था। इसी बीच मूंदी से सिंधखाल की ओर जा रहे तेज रफ्तार ट्रक ने लोगों को रौंद दिया।
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक ड्राइवर ने सबसे पहले दो बाइक को टक्कर मारी। इसके बाद ट्रक लहराते हुए मेहमानों को रौंदते हुए आगे बढ़ा। फिर वाहन अनियंत्रित होकर फुटपाथ पर रुक गया। गुस्साई भीड़ ने ड्राइवर को पकड़कर पहले उसकी जमकर पिटाई की, फिर उसे पुलिस को सौंप दिया। हादसे में गेंदालाल राठौर (उम्र 62) की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं उनके भतीजे विशाल राठौर ने रास्ते में और भांजी खुशी राठौर (उम्र 7) ने खंडवा जिला अस्पताल में दम तोड़ा। इन्हीं के परिवार की बहू भारती, पति संजय, हर्षिता (उम्र 8) पिता राकेश और शानू गंभीर रूप से घायल हो गए।
सबकी जान बचाते-बचाते खुद की भी मौत
लोगों के कहना है कि हादसे के बाद विशाल सभी घायलों को गाड़ियों में बैठाकर अस्पताल भेजता रहा। फिर सबसे आखिरी में वो खुद इलाज करवाने जावर अस्पताल पहुंचा। उसने कहा था कि 'मैं ठीक हूं, जिन्हें ज्यादा चोट आई है उन्हें जल्द खंडवा ले जाओ। इसके बाद अचानक उसकी तबीयत बिगड़ गई और उसने दम तोड़ दिया। राकेश ने बताया कि हम शादी से बाहर निकल रहे थे। नशेड़ी ड्राइवर गाड़ी लेकर कुचलते हुए जा रहा था। चारों ओर अफरा-तफरी का माहौल था। चीख-पुकार मची हुई थी। मेरी बेटी हर्षिता रोड पर पड़ी हुई थी। उसे भी उसने टक्कर मारी थी। वो बुरी तरह जख्मी थी। खून से लथपथ बेटी को सीने से लगाकर इलाज के लिए अस्पताल की ओर दौड़ा। इस बीच मुझे किसी ने गाड़ी में बैठाया और फिर हम खंडवा की ओर आए।
लगातार बढ़ रहे सड़क हादसे
लोगों ने घटनास्थल से ही घायलों को अस्पताल ले जाने के लिए 108 एंबुलेंस को सूचना दी, लेकिन समय रहते वह नहीं पहुंच पाई। लोग अपनी प्राइवेट गाड़ियों में घायलों को लेकर अस्पताल पहुंचे। रिश्तेदारों ने बताया कि एंबुलेंस को फोन किया, लेकिन नहीं आई। रोड पर अफरा-तफरी मची थी। चीख-पुकार के बीच लोग मदद के लिए दौड़ रहे थे, लेकिन एंबुलेंस समय पर नहीं आई। बता दें कि MP में रोजाना सड़क हादसे की खबर सामने आ रही है। एक भी दिन ऐसा नहीं है जब प्रदेश में सड़क हादसे की खबर नहीं आई हो।