सरकार और पुलिस की ओर से चलाए जा रहे अभियान की वजह से नक्सली समाज की मुख्य धारा की तरफ फिर लौटते नजर आ रहे हैं। इस बीच छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र बॉर्डर पर उत्पात मचाने वाले 2 इनामी नक्सलियों ने गढ़चिरौली पुलिस के सामने हथियार डाल दिए हैं। इनमें एक महिला नक्सली है। दोनों नक्सलियों पर 12 लाख रुपए का इनाम घोषित था। दोनों कई बड़ी वारदातों में भी शामिल रहे हैं। गढ़चिरौली पुलिस दोनों सरेंडर नक्सलियों से पूछताछ कर रही है, जिसमें कई खुलासे हो सकते हैं।
गढ़चिरौली पुलिस ने बताया कि रामसिंग ऊर्फ सिताराम बक्का (उम्र 63) और माधुरी ऊर्फ भुरी (उम्र 34) पर 6-6 लाख रुपए का इनाम है। नक्सलियों की एरिया कमेटी मेंबर माधुरी पर 37 से ज्यादा केस दर्ज हैं। वहीं ACM रामसिंग पर 4 से 5 नामजद अपराध हैं। ये दोनों कई मुठभेड़ों में शामिल रहे हैं। साथ ही कई जवानों की शहादत के जिम्मेदार हैं। माधुरी नवंबर 2002 में दलम में शामिल हुई थी। दिसंबर 2012 तक कसनसुर दलम में सदस्य के रूप में काम कर रही थी। नवंबर 2012 से 2013 तक भामरागड़ दलम में कार्यरत थी। नवंबर 2013 से अप्रैल 2022 पेरमीली दलम में एरिया कमेटी मेंबर के रूप में काम कर रही थी।
कई मुठभेड़ में शामिल थे दोनों
पुलिस के मुताबिक रामसिंग मार्च 2005 में अहेरी दलम सदस्य पद पर भर्ती हुआ था। मई 2005 से माड डिवीजन तकनीकी टीम में काम कर रहा था। 2007 से 2012 तक इसी इलाके में डिप्टी कमांडर पद पर काम किया। 2012 से मार्च 2022 तक भामरागड़ क्षेत्र तकनीक टीम में ACM पद सक्रिय था। दोनों नक्सलियों के सरेंडर के बाद गढ़चिरौली जिले के SP अंकित गोयल ने इसे पुलिस की बड़ी कामयाबी बताया है। अंकित गोयल ने कहा कि ये दोनों नक्सली कई बड़े लीडरों के साथ काम कर चुके हैं। लंबे समय तक संगठन में सक्रिय रहे हैं। दोनों बड़े कैडर के नक्सली हैं। इनसे पूछताछ की जा रही है। उम्मीद है कुछ नए खुलासे हो सकते हैं।
अब तक 539 नक्सलियों ने किया सरेंडर
छत्तीसगढ़ में भी नक्सलियों की वापसी के लिए कई अभियान चलाए जा रहे हैं। छत्तीसगढ़ पुलिस अधिकारियों ने बताया कि दंतेवाड़ा जिले में नक्सलियों की घर वापसी के लिए थाना, शिविरों और ग्राम पंचायतों में संबंधित क्षेत्र के सक्रिय नक्सलियों का नाम चस्पा कर उनसे आत्मसमर्पण कर सम्मान पूर्वक जीवन यापन करने लिए आह्वान किया जा रहा है। लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक जिले में 130 इनामी नक्सलियों समेत 539 नक्सलियों ने सरेंडर किया है।
लोन वर्राटू अभियान
बस्तर में इन दिनों पुलिस लोन वर्राटू अभियान चला रही है। जिसमें माओवाद का रास्ता छोड़ नक्सलियों की घर वापसी कराई जा रही है। बुधवार को लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर एक इनामी नक्सली ने समर्पण किया। नक्सली माओवादियों की खोखली विचारधारा को छोड़कर मुख्यधारा से लगातार जुड़ रहे हैं।
क्या है ‘लोन वर्राटू’ अभियान ?
दंतेवाड़ा में नक्सलियों के लिए एक अनोखी पहल की शुरुआत की गई है। जिसका नाम लोन वर्राटू दिया गया है, जिसका अर्थ है घर वापस लौट आइए। इसके लिए पुलिस के जवानों द्वारा गांव-गांव में प्रचार करवाया जा रहा है।गांव-गांव में पुलिस अधिकारियों के फोन नंबर भी दिए जा रहे हैं, ताकि समर्पण की इच्छा रखने वाले नक्सली सीधे उनसे संपर्क कर सकें। इस अभियान के तहत अब धीरे-धीरे पूरे दंतेवाड़ा जिले से स्थानीय कैडर के नक्सली इस अभियान के तहत पुलिस से संपर्क कर सरकार की मुख्य धारा में लौट रहे हैं।