Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

छत्तीसगढ़ में ढाई करोड़ लोगों को मिल रहा सस्ते दर पर खाद्यान्न

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में राज्य सरकार प्रदेश के शत-प्रतिशत नागरिकों को खाद्य सुरक्षा उपलब्ध कराने की दिशा में काम कर रही है। इस दिशा में बेहतर पहल करते हुए मुख्यमंत्री ने महात्मा गांधी के 150वी जयंती पर वर्ष 2019 को यूनिवर्सल PDS का शुभारंभ किया। योजना के तहत गरीब-अमीर सभी को राशन कार्ड जारी किए गए है। अब तक प्रदेश में 69.67 लाख राशनकार्डो के माध्यम से ढाई करोड़ से अधिक सदस्य पंजीकृत है। राज्य के 25 जिलों में राशनकार्डधारियों के लिए अपनी पंसद की दुकान से राशन खरीदने की सुविधा उपलब्ध कराई गई है।

प्रदेश में कुल 13 हजार 304 शासकीय उचित मूल्य की दुकाने संचालित हो रही है। इसमें से 12 हजार 314 दुकानों में ई-पॉस मशीन के जरिए यह सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है। खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मंशानुरूप राज्य में वंचितों, गरीबों और समान्य परिवारों सहित शत-प्रतिशत परिवारों के लिए राशन कार्ड के जारी किए जा रहे है। 

शहरी क्षेत्रों में 14 लाख 89 हजार 626 राशन कार्ड जारी

प्रदेश में वर्तमान मे 69.67 लाख राशन कार्ड  प्रचलित है। इनमें अनुसूचित जनजाति वर्ग के 20 लाख 73 हजार 954 राशन कार्ड, अनुसूचित जात वर्ग के नौ लाख 62 हजार 168 राशन कार्ड, अन्य पिछड़ा वर्ग के 32 लाख 73 हजार 937 राशन कार्ड और सामान्य वर्ग के छह लाख 41 हजार 692 राशन कार्ड जारी किए गए है। सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत ग्रामीण क्षेत्र में  54 लाख 62 हजार 125 और शहरी क्षेत्रों में 14 लाख 89 हजार 626 राशन कार्ड जारी किए गए हैं।

फोर्टिफाइड चावल वितरण करने का फैसला

अधिकारियों ने बताया कि बीते 3 सालों में 11 लाख 15 हजार नवीन राशनकार्ड बनाए गए हैं। वहीं पांच लाख 52 हजार नए सदस्यों का नाम राशनकार्ड में जोड़े गए हैं। कोंडागांव जिले में एक नवंबर 2020 से पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एनीमिया और अन्य पोषक तत्वों की कमी को दूर करने आयरन, फोलिक एसिड, विटामिन बी-12 युक्त फोर्टिफाइड चावल का वितरण उचित मूल्य दुकानों के माध्यम से किया जा रहा है। इसकी सफलता को देखेते हुए अब आकांक्षी एवं उच्च भार वाले 12 और जिलों में फोर्टिफाइड चावल वितरण करने का निर्णय लिया गया है। 

Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.