छत्तीसगढ़ में वैक्सीनेशन का आंकड़ा चार करोड़ के पार पहुंच गया है। कोरोना से बचाव के लिए प्रदेश भर में अब तक कुल 4 करोड़ 20 हजार 099 टीके लगाए गए हैं। इनमें से 2 करोड़ 17 लाख 26 हजार 571 टीके पहले डोज के रूप में, दो करोड़ 78 लाख 27 हजार 071 दूसरे डोज के रूप में और चार लाख 66 हजार 457 टीके प्रीकॉशन डोज के तौर पर लगाए गए हैं।
प्रदेश में 18 साल से ज्यादा की 86 प्रतिशत आबादी को कोरोना से बचाव का दोनों टीका लगाया जा चुका है। वहीं 15 साल से 18 साल के 50 प्रतिशत किशोरों को इसका दोनों टीका लगाया जा चुका है। प्रदेश में 12 से 14 साल के 45 हजार 661 बच्चों को भी दोनों टीका लगाया जा चुका है।
राज्य में 18 साल से ज्यादा के एक करोड़ 69 लाख 65 हजार 270 नागरिकों और 15 से 18 साल के आठ लाख 16 हजार 140 किशोरों को कोरोना से बचाव के लिए टीके की दोनों खुराकें दी जा चुकी हैं। राज्य सरकार ने विभिन्न आयु वर्ग के 2 करोड़ 28 लाख 24 हजार 769 लोगों को टीका लगाने का लक्ष्य तय किया था। इनमें से करीब दो करोड़ लोगों को बूस्टर डोज के रूप में तीसरी वैक्सीन भी दी जानी है।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के मुताबिक 18 साल से अधिक आयु की शतप्रतिशत आबादी को कम से कम एक टीका लगाया जा चुका है। वहीं 86% आबादी को दूसरा डोज भी लगाया जा चुका है। सरकार ने सभी टीकाकरण केंद्रों पर बुजुर्गों-बीमारों और फ्रंटलाइन वर्कर्स के लिए प्रीकॉशन यानी बूस्टर डोज लगाना शुरू किया था। प्रदेश में इस श्रेणी के करीब 32 लाख 42 हजार से अधिक लोग चिन्हित किये गये थे। शुरुआती उत्साह के बाद यह टीकाकरण भी धीमा पड़ रहा है। करीब साढे तीन महीनों के बाद भी केवल 14% यानी चार लाख 66 हजार 457 लोगों को ही टीका लगाया जा चुका है।
18+ को बूस्टर डोज में इंटरेस्ट नहीं
छत्तीसगढ़ में 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों के लिए बूस्टर डोज 10 अप्रैल 2022 से खुल चुके हैं। निजी केंद्रों पर भी इसकी व्यवस्था की गई है। इस आबादी में दूसरे डोज के 9 महीने बाद बूस्टर डोज लेने की हिदायत दी गई थी। इस श्रेणी में प्रदेश के एक करोड़ 70 लाख 64 हजार से अधिक लोग हैं। शनिवार शाम तक सिर्फ 532 लोगों ने बूस्टर डोज लगवाया था। प्रदेश में 18 साल से ज्यादा वाले बूस्टर डोज में इंटरेस्ट नहीं ले रहे हैं। वहीं देश के कई राज्यों में कोरोना के मामले एक बार फिर बढ़ने लगे हैं।