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इस गांवों में हो रही थी नाबालिगों की शादी, प्रशासनिक टीम की सजगता से रुका 6 का बाल विवाह

सूरजपुर:  कलेक्टर गौरव कुमार सिंह के निर्देश पर जिला कार्यक्रम अधिकारी चंद्रबेस सिंह सिसोदिया के मार्गदर्शन में जिले में बाल विवाह लगातार रोकी जा रही है। दो दिनों में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल के नेतृत्व में संयुक्त टीम ने 5 बाल विवाह रोके हैं। ग्रामीणों द्वारा लगातार जिला बाल संरक्षण अधिकारी को बाल विवाह की सूचना दी जा रही है। उम्र के सत्यापन के बाद जिला स्तरीय टीम लगातार बाल विवाह रुकवा रही है। बंजा गांव से सूचना प्राप्त हुई कि ग्रामीणों द्वारा एक नाबालिग लड़की के उम्र का सत्यापन कराने पर पता चला कि बालिका का उम्र सिर्फ 14 साल 06 महीने हुआ है। 

संयुक्त टीम को जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने मौके पर भेजा, जहां लड़की समेत परिजनों को समझा कर दस्तावेज तैयार कर विवाह रुकवा दिया गया। जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल को ग्रामीणों द्वारा बताया गया कि एक 17 साल की नाबालिग लड़की की शादी डुमरिया गांव में कराया जा रहा है, जिसकी सूचना पर तत्काल मौके पर संयुक्त टीम पहुंची और पंचनामा, कथन तैयार कर विवाह को स्थगित करा दिया गया।  वहीं राजकिशोर भटगांव से जिला बाल संरक्षण अधिकारी को सूचना प्राप्त हुई कि नाबालिग लड़के का विवाह कराया जा रहा है। 

दाखिल खारीज का प्रमाण पत्र दिखाने पर विवाह रोका गया

जांच करने पर पाया गया कि लड़के की उम्र सिर्फ 15 साल 06 महीने हुआ है। जबकि लड़कों का विवाह योग्य उम्र 21 साल होनी चाहिए। ग्रामीणों ने बालक के शिक्षा नहीं ग्रहण करने की बात बताई जा रही थी, लेकिन टीम द्वारा दाखिल खारीज का प्रमाण पत्र दिखाने पर विवाह रोक दिया गया। अन्य मामले में ग्रामीणों ने सूचना दी की एक नाबालिक लड़की का विवाह कराया जा रहा है। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने संयुक्त टीम को मौके पर भेजा। टीम के पहुंचते लड़के ने माता-पिता डर से वहीं चले गए। सभी को समझाइश दिया गया और लड़की समेत माता-पिता को बाल कल्याण समिति में दिया गया। 

सरपंच ने लिया जिम्मा

सरपंच ने लड़की समेत परिजनों को सूचना प्रस्तुत करने का जिम्मा लिया। जिला बाल संरक्षण अधिकारी को ग्रामीणों ने एक 18 साल के लड़के का विवाह हो रहा था। जब टीम मौके पर पहुंची तो नाबालिग का उम्र 18 साल 08 महीने निकला, जहां घर वालों को समझाइश देकर बाल विवाह रोकवा दिया गया। बाल विवाह रोकने वालों में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, महिला बाल विकास विभाग पर्यवेक्षक माया चन्द्रकला जायसवाल, चाइल्ड लाईन से कार्तिक मजूमदार, जर्नादन यादव, दिनेश यादव, राधा यादव, अनवरी खातुन, अन्नपूर्णा पाटिल, रमेश साहू, शोभनाथ राजवाड़े, पुलिस विभाग से उदय सिंह, भीसराम भगत, मानिक दास, एसआई सुरेश साहू, अनिल किंग, अरुण सिंह, मान साय, अनुप यादव, दीपक यादव, उपस्थित थे।

कलेक्टर ने की ये अपील

कलेक्टर गौरव कुमार सिंह और मुख्य कार्यपालन अधिकारी राहुल देव समेत जिला कार्यक्रम अधिकारी चंद्रबेस सिंह सिसोदिया ने जिले वासियों से अपील की है कि बच्चों के उम्र होने पर ही विवाह करें। इसके पहले शादी करना बच्चों के हित में नहीं। जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने भी जिला वासियों से अपील की है कि आने वाले अक्षय तृतीया में विवाह का बड़ा मुहुर्त आ रहा है। सभी से आग्रह है कि अपने बच्चों का विवाह करने से पहले आप उनका जन्म तिथि देखें और लड़की का 18 से पहले और लड़के का 21 साल से पहले विवाह ना करें।

जांजगीर-चांपा के बोरसी में रोका गया बाल विवाह 

महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला बाल संरक्षण इकाई जांजगीर और पुलिस की संयुक्त टीम ने बोरसी गांव में बाल विवाह को रोकने की कार्रवाई की है। 21 अप्रैल को बाल विवाह संबंधी सूचना प्राप्त होते राजेंद्र कश्यप जिला कार्यक्रम अधिकारी और तारकेश्वर सिंहा ,जिला महिला एवं बाल विकास अधिकारी के मार्गदर्शन में जिला बाल संरक्षण अधिकारी गजेन्द्र सिंह जायसवाल द्वारा टीम तैयार कर पुलिस विभाग से समन्वय करते हुए ग्राम बोरसी बिर्रा में नाबालिग के घर जाकर बालिका के उम्र सत्यापन के लिए बालिका का अंकसूची की मांग की गई। साथ ही दाखिल खारिज प्राप्त किया गया, जिसमें लड़की का उम्र 16 साल 07 महीने होना पाया गया। 

दोनों पक्षों की सहमति से रोकी गई शादी

नाबालिग की शादी 21 अप्रैल  को निर्धारित था, जहां बारात पहुंच गई थी। जिला बाल संरक्षण इकाई महिला एवं बाल विकास समेत चाइल्ड लाइन के कर्मचारियों द्वारा बालिका और लड़की के माता-पिता,वर पक्ष के पिता और परिवार, स्थानीय लोगों को बाल विवाह के दुष्परिणामों से अवगत कराया गया। उन्हें समझाइश के बाद सरपंच और स्थानीय लोगों की उपस्थिति में दोनों पक्षों की सहमति से लड़की की शादी रोकी गई।

बाल विवाह करने पर जेल की सजा का प्रावधान

दल में जिला बाल संरक्षण इकाई से गजेंद्र सिंह जायसवाल जिला बाल संरक्षण अधिकारी पर्यवेक्षक उर्मिला भारती, चाइल्ड लाइन से भूपेश कुमार कश्यप टीम मेंबर और पुलिस विभाग सहायक उप निरीक्षक आर एस मरावी, आरक्षक प्रद्युन कश्यप शामिल थे। बता दें कि बाल विवाह प्रतिषेध अधिनियम 2006 के तहत विवाह के लिए लड़की की उम्र 18 साल और लड़के की उम्र 21 साल निर्धारित है। निर्धारित उम्र से कम होने की स्थिति में बाल विवाह करने पर पुलिस विभाग द्वारा अपराध पंजीबद्ध करते हुए विवाह करने वाले माता-पिता, विवाह में सम्मिलित होने वाले रिश्तेदार, विवाह कराने वाले पंडित के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। अधिनियम के तहत 02 साल के कठोर सश्रम कारावास और 01 लाख के जुर्माने या दोनों से दंडित किए जाने का प्रावधान है।

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