छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में जवानों के आत्महत्या (suicide) करने का सिलसिला जारी है। कांकेर (Kanker) के नक्सल प्रभावित क्षेत्र कोयलीबेड़ा में ड्यूटी पर तैनात BSF के एक जवान ने खुद को गोली मारकर खुदकुशी (BSF jawan committed suicide) कर ली है। जवान पश्चिम बंगाल का रहने वाला था। फिलहाल आत्महत्या के कारणों का पता नहीं चल पाया है। कांकेर SP शलभ कुमार सिन्हा ने घटना की पुष्टि की है।
जानकारी के मुताबिक पश्चिम बंगाल निवासी उज्जवल नंदी BSF की 30वीं बटालियन में पदस्थ था। उसकी ड्यूटी कोयलीबेड़ा के कामटेडा कैंप में लगी थी। सुबह करीब 6 बजे सभी जवान बैरक से बाहर थे। इसी दौरान उन्हें गोली चलने की आवाज सुनाई दी। जवान भाग कर मौके पर पहुंचे तो उज्जवल नंदी का शव पड़ा था।
मामले की जांच जारी
जवान उज्जवल का शव औंधे मुंह जमीन पर पड़ा था। उज्जवल नंदी ने अपनी सर्विस राइफल से सिर में खुद को गोली मारी थी। इसके बाद जवानों ने इसकी सूचना अफसरों को दी। वहीं कोयलीबेड़ा थाना पुलिस को भी सूचित किया गया है। मामले की जांच की जा रही है। जवान के परिवार से भी संपर्क किया गया है। पुलिस खुदकुशी का कारण जानने का प्रयास कर रही है। मामले की जांच जारी है।
डिप्रेशन बन रही सबसे बड़ी वजह
डिप्रेशन (depression) में आकर जवान लगातार सुसाइड जैसे खतरनाक कदम उठा रहे हैं। इससे पहले बीजापुर के पामेड़ थाना क्षेत्र में पदस्थ एक आरक्षक ने खुद को गोली मारकर खुदकुशी कर ली थी। बताया जा रहा है कि आरक्षक कुछ दिनों से मानसिक तनाव से गुजर रहा था। वहीं सुकमा के पुसपाल थाने में तैनात CAF के जवान ने भी सर्विस राइफल से खुद को गोली मार ली थी।
GST कर्मचारी ने दी जान
इधर, रायपुर के तेलीबांधा इलाके में रहने वाले एक बुजुर्ग ने खुदकुशी कर ली। वो पिछले कुछ दिनों से परेशान चल रहा था। एक कारोबारी के साथ उसका जमीन का विवाद था। मामला थाने पहुंचा। पुलिस ने कार्रवाई करते हुए बुजुर्ग को घेरना शुरू कर दिया था। कारोबारी भी उसकी जमीन पर नियत गड़ाए बैठा था इन्हीं बातों से तंग आकर उसने जान दे दी।
खुदकुशी करने वाले बुजुर्ग का नाम गंगा मारकंडे है। तेलीबांधा के ओवरब्रिज के पास मुख्य सड़क पर ही जीएसटी दफ्तर में क्लर्क की नौकरी करने वाले गंगा प्रसाद मारकंडे का घर है। सड़क की गली के पिछले हिस्से में ट्रांसपोर्ट कारोबारी जगमीर गरचा की जमीन है और पास ही सरकारी जमीन का बड़ा हिस्सा है। पिछले कुछ दिनों से गरचा और गंगा के बीच इसी बात को लेकर विवाद था। गंगा के परिजनों का कहना है कि सरकारी जमीन और हमारी जमीन हथियाने की नीयत से गरचा और उसका रिश्तेदार हमें धमकाते थे।
मृतक के बेटे ने लगाए आरोप
गंगा प्रसाद के बेटे राकेश मारकंडे ने बताया कि पिता को अक्सर जगमीर और उसका रिश्तेदार आकाश दीप उठवा लेने, घर वालों को जान से मारने की धमकियां दिया करता था। राकेश ने बताया कि कुछ दिन पहले जब पिता जी दफ्तर से घर लौट रहे थे तो रास्ता रोककर जगमीर ने पिता जी जमीन उसे बेच देने की धमकी दी। ऐसा नहीं करने पर परिवार के लोगों को और उन्हें जान से मारने की और केस में फंसाने की धमकी दी।
राकेश ने कहा कि ये बात पिता ने मुझ से बताई थी। हमने थाने में शिकायत की, लेकिन पुलिस उल्टा हमपर ही कार्रवाई का दबाव बनाने लगी थी। इस बात से पिता जी करीब 15 - 20 दिनों से परेशान थे। माना में हमारा एक और मकान है वहां जाकर उन्होंने फांसी लगा ली, पड़ोसियों ने हमें खबर दी। इस पूरे विवाद को लेकर तेलीबांधा थाने के प्रभारी सोनल ग्वाला ने बताया कि सुसाइड के इस केस में हम जांच कर रहे हैं। तथ्यों के सामने आने के बाद जगमीर या आकाशदीप के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।