छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त एमके राउत ने बड़ी कार्रवाई की है। आयुक्त ने सूचना का अधिकार अधिनियम का समय पर अनुपालन नहीं करने और समय पर आवेदक को जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के कारण 3 जनसूचना अधिकारी पर 25-25 हजार का जुर्माना लगाया है। मुख्य सूचना आयुक्त राउत ने मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत महासमुंद को ये भी निर्देश दिए हैं कि जांच कर दोषी पाए जाने पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाए।
उन्होंने जनसूचना अधिकारियों को जुर्माने की राशि तत्काल जमा कर चालान की प्रति आयोग को प्रेषित करने को कहा है। मुख्य सूचना आयुक्त राउत ने कहा है कि सूचना व्यक्ति के जीने और संघर्ष करने की सामर्थ को बढ़ाती है। जो सूचना दे रहा है उसमें सहयोग पारदर्शिता और संयम को विकसित करती है। केंद्र और राज्य सरकारों के अतिरिक्त पंचायतीराज सरथाएं, स्थानीय शासन और गैर-सरकारी संगठन जिन्हें प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सरकारी अनुदान प्राप्त होता है, इस कानून में शामिल किया गया है। सरकार के क्रियाकलापों के संबंध में जानकारी के लिए यह अधिनियम मील का पत्थर साबित हो रहा है।
जानकारी समय पर उपलब्ध नहीं कराने पर कार्रवाई
सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत विनोद दास बसना ने सचिव ग्राम पंचायत (जनसूचना अधिकारी) बिलेमाल जनपद पंचायत पिथौरा जिला महासमुंद को 19 जुलाई 2018 को आवेदन किया था। आवेदन के जरिए विनोद दास ने एक अप्रैल 2017 से 31 मार्च 2018 तक ग्राम पंचायत बिलेमाल में 14वें वित आयोग के तहत व्यय और भुगतान किए गए सभी बिल वाउचर और रोकड़ बही की छायाप्रति की जानकारी मांगी थी, लेकिन जनसूचना अधिकारी बिजेमाल ने नियत समय पर आवेदक को कोई जानाकरी उपलब्ध नहीं कराई।
आवेदक ने की थी अपीलीय अधिकारी से शिकायत
इससे व्यथित होकर आवेदक ने प्रथम अपील मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत पिथौरा 13 सितंबर 2018 को आवेदन किया, जिस पर प्रथम अपीलीय अधिकारी ने 02 नवंबर 2018 को निर्णय दिया। प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेश का पालन जनसूचना अधिकारी ने नहीं किया गया और न ही अपीलार्थी को जानकारी दिया गया। प्रथम अपीलीय अधिकारी के निर्णय से असंतुष्ट होकर आवेदक ने द्वितीय अपील आयोग में किया।
मुख्य सूचना आयुक्त एमके राउत ने आयोग की सुनवाई
मुख्य सूचना आयुक्त एमके राउत ने आयोग की सुनवाई में जनसूचना अधिकारी के द्वारा समय पर जवाब नहीं देने को गंभीरता से लेते हुए जनसूचना अधिकारी सूचना के द्वारा आवेदक को जानकारी से वंचित रखा गया। जनसूचना अधिकारी ने अपने जवाब में कहा कि पंचायत चुनाव प्रक्रिया और कोविड-19 के तहत क्वारंटाइन सेंटर में ड्यूटी के कारण जानकारी देने में विलंब हुआ। तत्कालीन जनसूचना अधिकारी मुरलीधर साव ने समय पर जानकारी नहीं दी।
दोषी पाए जाने पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई के निर्देश
प्रथम अपीलीय अधिकारी के आदेशों की अवहेलना की। साथ ही प्रथम अपीलीय अधिकारी का आदेश प्राप्त नहीं होने संबंधी मिथ्या कथन के लिए सूचना का अधिकार अधिनियम 2005 की धारा के तहत तत्कालीन जनसूचना अधिकारी बिलेमाल मुरलीधर साव जनपद पंचायत पिथौरा पर 25 हजार का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत महासमुंद को निर्देशित किए हैं कि जांच कर दोषी पाए जाने पर कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई करें।
एक जनवरी 2017 से 30 सितंबर 2019 तक की मांगी थी जानकारी
इसी प्रकार एक अन्य प्रक्ररण में दास ने सचिव ग्राम पंचायत (जनसूचना अधिकारी) बिलारी (ज) जनपद पंचायत कसडोल जिला महासमुंद को 10 अक्टूबर 2019 में आवेदन कर एक जनवरी 2017 से 30 सितंबर 2019 तक 14वें वित आयोग के तहत व्यय और भुगतान किए गए सभी बिल वाउचर और रोकड़ बही की छायाप्रति की जानकारी मांगी थी। जानकारी प्राप्त नहीं होने के कारण आवेदक ने प्रथम अपीलीय अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कसडोल को 28 नवंबर 2019 को आवेदन किया।
आयोग में नहीं प्रस्तुत किया गया जवाब
प्रथम अपीलीय अधिकारी कोई विनिश्चय नहीं किया, जिससे क्षुब्ध होकर राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील आवेदन किया। जनसूचना अधिकारी ने अपने जवाब में कहा कि आवेदन प्राप्त नहीं हुआ, जबकि प्रथम अपीलीय अधिकारी ने कहा कि आवेदक को सुनवाई के लिए समय दिया गया, लेकिन आवेदक उपस्थित नहीं हुआ और जनसूचना अधिकारी को जानकारी उपलब्ध कराने निर्देश दिया गया। आयोग ने सचिव ग्राम पंचायत (जनसूचना अधिकारी) बिलारी दौलतराम बर्मन जनपद पंचायत कसडोल नोटिस जारी कर जवाब सहित सुनवाई में उपस्थित होने कहा, लेकिन बार-बार अवसर देने के बाद भी जनसूचना अधिकारी ने आयोग में नहीं जवाब प्रस्तुत किया और नहीं सुनवाई में उपस्थित हुआ।
30 दिन के अंदर जानकारी उपलब्ध कराने के निर्देश
मुख्य राज्य सूचना आयुक्त राउत ने तत्कालीन जनसूचना अधिकारी बिलारी दौलत राम बर्मन जनपद पंचायत कसडोल को 25 हजार रूपए अर्थदंड से अधिरोपित करते हुए मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत कसडोल को निर्देशित किए हैं। उन्होंने कहा कि है कि जांच के बाद कठोर अनुशासनात्मक कार्रवाई करें और प्रथम अपीलीय अधिकारी को निर्देश दिए कि आवेदक को 30 दिन के अंदर जानकारी निशुल्क उपलब्ध कराएं।
2015-16 से 2018-19 तक किए गए व्यय की जानकारी
आवेदिका दीपांजलि सरवंश ने जनसूचना अधिकारी जनपद पंचायत सरायपाली को 16 सितंबर 2019 को आवेदन कर 14 वें वित आयोग के तहत साल 2015-16 से 2018-19 तक किए गए व्यय की जानकारी मांगी थी। साथ ही भुगतान किए गए सभी बिल वाउचर और रोकड़ बही, केश बुक, पासबुक और गाइडलाइन की छायाप्रति मांगी थी। जानकारी प्राप्त नहीं होने के कारण आवेदक ने प्रथम अपीलीय अधिकारी मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत सरायपाली को 18 अक्टूबर 2019 को आवेदन किया। प्रथम अपीलीय अधिकारी 6 नवंबर 2019 को आदेश पारित कर कहा कि 7 दिवस के भीतर आवेदक को जानकारी उपलब्ध कराएं। लेकिन जनसूचना अधिकारी के द्वारा जानकारी उपलब्ध नहीं कराए जाने से क्षुब्ध होकर राज्य सूचना आयोग में द्वितीय अपील आवेदन किया।
तत्काल जुर्माना भरने के निर्देश
जनसूचना अधिकारी ग्राम पंचायत छिबर्रा टेकराम बिशी जनपद पंचायत सरायपाली का नोटिस जारी कर जवाब मांगा गया, लेकिन विलंब के कारण की जानकारी नहीं दी। मुख्य राज्य सूचना आयुक्त राउत ने कहा कि जनसूचना अधिकारी टेकराम बिशी ने आवेदिका को जानबुझकर कर विलंब से जानकारी दी, जिसकी वजह से जनसूचना अधिकारी टेकराम बिशी जनपद पंचायत कसडोल को 25 हजार रूपए अर्थदंड अधिरोपित किया गया है। साथ ही आधिरोपित राशि तत्काल जमा कर चालान की प्रति आयोग को प्रेषित करने निर्देश दिए हैं।