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7 जनसूचना अधिकारियों पर लगा 2 लाख 75 हजार का जुर्माना, समय पर जानकारी उपलब्ध नहीं कराने पर कार्रवाई

रायपुर: छत्तीसगढ़ राज्य सूचना आयोग के मुख्य सूचना आयुक्त एमके अग्रवाल ने बड़ी कार्रवाई की है। आयुक्त ने सूचना का अधिकार अधिनियम का समय पर अनुपालन नहीं करने और समय पर आवेदक को जानकारी उपलब्ध नहीं कराने के कारण 7 जनसूचना अधिकारी पर 2 लाख 75 हजार का जुर्माना लगाया है। उन्होंने जनसूचना अधिकारियों को जुर्माने की राशि तत्काल जमा कर चालान की प्रति आयोग को प्रेषित करने के निर्देश दिए हैं।  

दरअसल, चिरमिरी के आवेदक कृष्ण कुमार सिंह ने तत्कालीन जनसूचना अधिकारी को 24 नवंबर 2017 को आवेदन देकर मलेरिया विभाग द्वारा क्रय किए गए साल 2012, 2014, 2015 और 2016 की प्रमाणक समेत कैशबुक की छायाप्रति की मांग की थी। जानकारी नहीं मिलने पर उन्होंने 9 जनवरी 2018 को प्रथम अपीलीय अधिकारी को आवेदन दिया, लेकिन प्रथम अपीलीय अधिकारी ने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद आवेदक ने आयोग में द्वितीय अपील की। आयोग में जनसूचना अधिकारी और प्रथम अपीलीय अधिकारी को जवाब प्रस्तुत करने समय दिया गया, लेकिन जनसूचना अधिकारी  आशीष करण दास ने आयेग के निर्देशों की अवहेलना की और आयोग की सुनवाई में प्रस्तुत भी नहीं हुए। 

अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा

इस पर कोरिया कलेक्टर ने मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को आयेग की तरफ से जनसूचना अधिकारी  आशीष करण दास को जवाब देने और सुनवाई में उपस्थित होने कहा, लेकिन कोई जवाब प्रस्तुत नहीं करने के कारण राज्य सूचना आयुक्त एके अग्रवाल ने सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत 25 हजार का जुर्माना लगाया गया है। साथ ही संचालक स्वास्थ्य सेवाएं को निर्देश दिए कि प्रथम अपीलीय अधिकारी के द्वारा समय पर निराकरण नहीं करने के कारण सचेत किया जाता है कि भविष्य में इस तरह गलती करने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुशंसा की जाएगी।

अपीलार्थी को दी थी गलत जानकारी

एक अन्य प्रक्ररण में रायपुर के आवेदक विवेक टंडन ने आवेदन देकर दुर्ग के वैशालीनगर जनसूचना अधिकारी से केए अप्पल की मां के प्रतिमा की मौत से जुड़ी अंतिम जांच प्रतिवेदन की सत्यापित प्रति की मांग की थी।  के प्रतिमा की मौत 13 जनवरी 2018 को हुई थी, जिसे लेकर आवेदक ने मृतिका की अंतिम पुलिस जांच प्रतिवेदन मिलने की जानकारी मांगी थी। उन्होंने कहा था कि मृतिका का SDM द्वारा नस्तीबद्ध हस्ताक्षर वाला अंतिम जांच प्रतिवेदन की सत्यापित प्रति की उन्हें आवश्यकता है। इसके बाद जनसूचना अधिकारी ने अपीलार्थी को गलत जानकारी देकर भ्रमित किया, जिसके कारण प्रथम अपील का आवेदन 26 नवंबर 2018 को प्रस्तुत किया। 

SP को दिए निर्देश

प्रथम अपीलीय अधिकारी ने कोई फैसला नहीं किया, जिसके बाद आवेदक ने आयोग में द्वितीय अपील की। आयोग में आवेदक के आवेदन और पक्ष को सुना गया। साथ ही जनसूचना अधिकारी को अपना पक्ष रखने और जवाब प्रस्तुत करने का मौका भी दिया गया, लेकिन अधिकारी आयोग की सुनवाई में उपस्थित ही नहीं हुए, जिसके कारण दुर्ग पुलिस अधीक्षक को पत्र जारी कर जनसूचना अधिकारी गोपाल वैश्य निरीक्षक को सुनवाई में उपस्थित होने को कहा गया। 

आयोग के निर्देशों की अवहेलना के कारण कार्रवाई

जनसूचना अधिकारी द्वारा गलत और भ्रामक जानकारी आवेदक को देने और आयोग के निर्देशों की अवहेलना के कारण उस पर 25 हजार का जुर्माना लगाया गया। साथ ही पुलिस अधीक्षक को निर्देश दिए कि वे जुर्माने की राशि की वसूली कर चालान की प्रति आयोग को प्रेषित करें। इसी प्रकार चिरमिरी के कृष्ण कुमार डोमनहिल ने जनसूचना अधिकारी यानी मुख्य नगर पालिका अधिकारी से वित्तीय वर्ष 2015-16 में प्राकृतिक आपदा से बचाव के लिए जारी हुए 20 लाख रूपए को लेकर जानकारी मांगी थी। उन्होंने सूचना अधिकारी से कार्यालय को प्राप्त हुए उस राशि से जो बचाव कार्य किया गया उसकी प्रमाणित प्रति की मांग की थी। 

आयोग ने दोनों पक्षों को सुना

दोनों पक्ष को सुनने के बाद राज्य सूचना आयुक्त अग्रवाल ने जनसूचना अधिकारी शुभेन्दु कुमार श्रीवास्तव पर 25 हजार का जुर्माना लगाया है। पखांजूर के रहने वाले आवेदक देवाशीष राय ने एक मार्च 2018 से 31 मार्च 2020 तक हितग्राहियों को मिलने वाली क्षतिपूर्ति की राशि की वर्षवार सूची की मांग की थी। जानकारी समय पर उपलब्ध कराने में असमर्थ जनसूचना अधिकारी और तहसीलदार शशि शेखर मिश्रा पर 25 हजार का जुर्माना लगाया है। इसी प्रकार अभनपुर की आवेदिका लक्ष्मी शर्मा ने नगर पंचायत अभनपुर के वार्ड क्र. 14 में बस स्टैंड से श्यामजी राइस मिल तक हो रहे नाली और सीसी रोड निर्माण से पूर्व किए गए सीमांकन की छायाप्रति मांगी थी। 

जनसूचना अधिकारी जितेन्द्र कुमार मालेकार पर जुर्माना

वहीं रानीतराई डौंडीलोहारा के गजेन्द्र साहू ने 14 जून 2019 को जनसूचना अधिकारी को आवेदन देकर साल 2017 से आवेदन दिनांक तक 14 वें वित्त मद की बचत खाते से की गई जमा, आहरण संबंधी प्रस्ताव की सत्यापित प्रति की मांग की थी। समय पर जानकारी नहीं देने पर ग्राम पंचायत चिल्हाटीकला के तत्कालीन जनसूचना अधिकारी जितेन्द्र कुमार मालेकार पर 25 हजार का जुर्माना लगाया गया है। रायपुर के बैरनबाजार की आवेदिका मोनिका ने 15 नवंबर 2018 को जनसूचना अधिकारी जिला बाल संरक्षण अधिकारी से किशोर न्याय आदर्श नियम 2016 के मुताबिक मामला लंबित रहने के विषय में प्रारूप 12 अनुसार तिमाही रिपोर्ट मांगी थई।  एक सितंबर 2017 से सितंबर 2018 के मध्य जितनी तिमाही रिपोर्ट बनाई गई है, उसकी छायाप्रति या सॉफ्ट कापी की मांग की थी। 

जनसूचना अधिकारी नवनीत स्वर्णकार पर जुर्माना

जनसूचना अधिकारी के द्वारा समय पर जानकारी नहीं उपलबध कराई गई और राज्य सूचना आयोग के द्वारा सुनवाई में अवसर देने के बाद भी जवाब संतोषजनक नहीं पाए जाने के कारण और दोनों पक्ष को सुनने के बाद राज्य सूचना आयुक्त अग्रवाल ने तत्कालीन जनसूचना अधिकारी नवनीत स्वर्णकार पर जुर्माना लगाया है। साथ ही उन्होंने संचालक महिला एवं बाल विकास को निर्देश दिए है कि वे डेटा एनालिस्ट करण सिंह साहू के खिलाफ स्पष्टीकरण प्राप्त कर अनुशासनात्मक कार्रवाई करें और संबंधित के वेतन से अर्थदंड की राशि वसूलकर शासन के कोष में जमा कराएं।

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