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दर्दनाक: खड़े ट्रैक्टर से टकराई कार, एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत, 7 घायल

राजस्थान में सड़क हादसे थमने का नाम नहीं ले रहा है। इसी बीच झुंझुनूं में एक कार सड़क किनारे खड़े ट्रैक्टर से टकरा गई, जिससे एक ही परिवार के 11 लोगों की मौत हो गई। जबकि 7 लोग घायल हो गए हैं। इस घटना को लेकर PM नरेंद्र मोदी ने मृतकों के परिजनों को 2-2 लाख रुपए और घायलों के परिजनों को 50 हजार की मदद देने का ऐलान किया है। वहीं राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत समेत कई नेताओं ने दुख जताया है। 


झुंझुनूं सड़क हादसे में जान गंवाने वालों में 2 किशोर और 2 महिलाएं शामिल हैं। वहीं सभी घायलों को झुंझुनूं के BDK अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां उनका इलाज जारी है। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने प्रदेश में बढ़ते सड़क हादसों को लेकर बैठक ली। इसमें कारणों और बचाव को लेकर चर्चा की। 

बता दें कि मंगलवार दोपहर लीलो की ढाणी के पास उदयपुरवाटी-गुढा रोड पर पिकअप अचानक पलट गई। कृष्ण नगर के रहने वाले ये लोग लोहार्गल अस्थि विसर्जन करने गए थे। गाड़ी में 18 लोग सवार थे। लौटते समय ये हादसा हो गया।

हादसे में कैलाश यादव (35), भंवरलाल यादव (35), सुमेर यादव (50), राजबाला यादव (35), अर्पित यादव (15), मनोहर (50), नरेश यादव (16) और कर्मवीर (20) की मौके पर मौत हुई है। इलाज के दौरान बलवीर (40), सावित्री (45) और राहुल (20) ने दम तोड़ दिया। विमला और ऊषा को जयपुर रेफर किया गया। जबकि जीवनी, विमला, हीरा देवी, लक्ष्मी और कमलेश का झुंझुनूं के बीडीके अस्पताल में इलाज चल रहा है।

स्थानीय लोगों ने बताया कि परिवार में बुजुर्ग की मौत हो गई थी। 14 दिन पूरे होने पर परिवार के लोग और रिश्तेदार अस्थियां विसर्जन करने के लिए लोहार्गल गए थे। वापस लौटते समय लीलां की ढाणी और हुकुमपुरा के बीच सड़क किनारे ट्रैक्टर-ट्रॉली खड़ी थी। 

स्पीड में पिकअप ने ट्रैक्टर को टक्कर मार दी। इसके बाद पलट गई। झुंझुनूं के उदयपुरवाटी के गुढ़ा के पास हुए सड़क हादसे में 11 परिजनों की मौत ने झकझोर कर रख दिया है। इसमें दो परिवार ही खत्म हो गए। 10 सदस्यों वाले परिवार में सिर्फ 5 लोग बच गए हैं। 22 साल की बेटी का मंगलवार को कॉलेज था, इसलिए वह साथ नहीं गई थी।

कॉलेज से लौटने पर घर में सन्नाटा था। परिवार वालों की मौत की खबर सुनते ही वह बेसुध हो गई। उसके चाचा और उनका परिवार घायल है। इधर, घटनास्थल पर शव बिखरे थे। पिकअप को उठाया गया तो 2-3 शव दबे मिले। देर शाम एक साथ 10 शवों का अंतिम संस्कार गांव में एक साथ किया गया। एक शव दूसरे गांव का था। गिरधारी लाल यादव की 14 दिन पहले मौत हुई थी। उनके तीन बेटे थे। सुमेर, कमलेश और कैलाश। हादसे में सुमेर, उसकी पत्नी राजबाला, दो बेटे राहुल और कर्मवीर खत्म हो गए।

 

वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रोड सेफ्टी को लेकर हाईलेवल बैठक में कई अहम फैसले लिए। CM गहलोत ने रोड एक्डेंसीट रोकने के लिए एक्सपर्ट कमेटी बनाने का फैसला किया है। ये कमेटी हाईवे पर एक्सीडेंट रोकने का रोडमैप बनाकर इसे लागू करेगी। मुख्यमंत्री ने अफसरों को रोड एक्सीडेंट रोकने के लिए प्लान बनाने और नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ सख्त एक्शन लेने के आदेश दिए हैं।

गहलोत ने बैठक में कहा कि सड़क दुर्घटनाओं में कई बार पूरा परिवार खत्म हो जाता है। इसकी पीड़ा वही महसूस कर सकता है, जिसने हादसों में अपने परिजनों को गंवाया हो। सड़क दुर्घटना में होने वाली हर मौत विचलित करने वाली होती है। प्रदेश में सड़क दुर्घटनाओं में हर साल 10 हजार से ज्यादा लोगों की असामयिक मौत होना चिंता का विषय है। हर व्यक्ति की जान को बचाना और सड़क दुर्घटनाएं रोकना राज्य सरकार की मुख्य प्राथमिकता है।

गहलोत ने कहा कि ओवरस्पीडिंग, ओवरलोडिंग, शराब पीकर वाहन चलाने पर सख्त कार्रवाई की जाए। घटिया हेलमेट की बिक्री पर प्रभावी रोक लगाएं। उन्होंने कहा कि ड्राइविंग लाइसेंस पूरे परीक्षण के बाद ही जारी किया जाए। गहलोत ने प्रदेशवासियों से सड़क सुरक्षा नियमों की पालना करने की अपील की है। मुख्यमंत्री ने सड़क सुरक्षा नियमों के उल्लंघन और वाहन चलाने में लापरवाही करने वालों पर सख्त कार्रवाई करने को कहा है।

ओवरस्पीड से सड़क हादसों में 21% मौतें 

बैठक में गृह विभाग के एसीएस अभय कुमार ने प्रजेंटेशन के जरिए बताया कि साल 2021 में 20 हजार 951 सड़क दुर्घटनाओं में 10 हजार 43 लोगों की मौत हुई। इनमें से 82 प्रतिशत एक्सीडेंट हाई स्पीड से वाहन चलाने पर हुई। पांच प्रतिशत मौतें गलत दिशा में वाहन चलाने,13 प्रतिशत मौतें नशे और मोबाइल पर बात करते हुए ड्राइविंग के कारण हुईं । बैठक में स्वास्थ्य, परिवहन, PWD और गृह विभाग के मंत्री अफसर मौजूद रहे।

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