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आर्थिक तंगी से परेशान 2 युवकों ने फांसी लगाकर की खुदकुशी, काम नहीं मिलने से थे परेशान

देश में आत्महत्या की घटनाएं लगातार बढ़ती ही जा रही है। कोरोना और लॉकडाउन ने हर वर्ग को प्रभावित किया है, लेकिन सबसे ज्यादा प्रभावित मध्यमवर्गीय परिवार हुए हैं। ताजा मामला राजस्थान के अजमेर जिले का है, जहां 2 अलग-अलग जगहों पर आर्थिक तंगी से परेशान होकर 2 युवकों ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली है।  अजमेर में एक शख्स ने अपने कमरे में  आत्महत्या कर ली। जानकारी के मुताबिक युवक एक स्कूल बस चलाता था, लेकिन बीते 2 साल से वो कोरोना के चलते बेरोजगार हो गया था, जिसके बाद उसने ये कदम उठाया। वहीं एक अन्य घटना में एक पेंटर ने भी आर्थिक तंगी के चलते मौत को गले लगा लिया। कोरोना महामारी के बाद आर्थिक तंगी के चलते इस तरह की कई घटनाएं पहले भी सामने आ चुकी हैं। 

बस चालक के सुसाइड के मामले में क्रिश्चियन गंज पुलिस ने बताया कि आतेद की बगीची के रहने वाले 27 साल विजय सिंह ने अपनी पत्नी से कहा कि वो कुछ अच्छा महसूस नहीं कर रहा है और तबीयत ठीक नहीं होने का कहकर अपने कमरे में सोने चला गया। साथ ही दरवाजा बंद कर लिया। इसके बाद दोपहर में जब उसकी पत्नी ने विजय को खाने के लिए फोन किया तो उसने जवाब नहीं दिया और दरवाजा बजाने पर नहीं खोला, तभी पत्नी ने विजय को खिड़की से देखा तो वह छत से लगे फंदे पर लटका हुआ था। 

जांच में जुटी पुलिस

विजय को फंदे से उतारकर परिजन उसे लेकर अस्पताल पहुंचे, जहां डॉक्टर्स ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने केस दर्ज कर लिया है। वहीं दूसरी ओर शहर के कमला बावाड़ी इलाके में एक युवक ने सुसाइ़ड कर लिया, जो पेंटर का काम करता था। जानकारी के मुताबिक तेजिंदर सिंह  ने आत्महत्या कर ली है। घटना के दौरान वो घर पर अकेला था और उसका परिवार किसी शादी समारोह में गया हुआ था। शादी से लौटने के बाद उसके परिजनों ने उसे छत से लटक हुआ पाया। परिवारवालों ने पुलिस को बताया कि तेजिंदर बीते सालभर से कोई काम नहीं कर रहा था और आर्थिक तंगी से परेशान था। फिलहाल पुलिस दोनों मामलों की जांच कर रही है।

ये हैं आत्महत्या के प्रमुख कारण  

  • पारिवारिक - 26 %
  • बीमारी - 19 %
  • वैवाहिक - 11 %
  • बेरोजगारी - 6 %
  • नशे की लत - 5 %
  • अन्य कारण - 24 %

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