छत्तीसगढ़ में सबसे ज्यादा कोरोना वैक्सीन लगाने वाली दो महिला टीकाकरणकर्मियों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सम्मानित किया है। केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री मनसुख मंडाविया ने अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर नई दिल्ली में आयोजित कार्यक्रम में कवर्धा की टीकाकरण कर्मी पिंकी खरे और रायगढ़ की प्रमिला देवांगन को स्मृति चिंह प्रदान कर सम्मानित किया।
कवर्धा जिले के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पोड़ी की टीकाकरणकर्मी पिंकी खरे ने कोरोना टीकाकरण अभियान के दौरान 425 सत्रों में अकेले 70 हजार 333 टीके लगाए हैं। वहीं रायगढ़ के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र किरोड़ीमल नगर की प्रमिला देवांगन ने 402 सत्रों में अकेले 45 हजार 463 टीके लगाए हैं। कोविन एप्लीकेशन में दर्ज टीकाकरण डाटा के मूल्यांकन के आधार पर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा प्रदेश की इन दोनों टीकाकरणकर्मियों का चयन किया गया है।
राज्यपाल ने विभिन्न क्षेत्रों में किया सम्मानित
राज्यपाल अनुसुइया उइके अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के तत्वावधान में पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में आयोजित कार्यक्रम में शामिल हुई। इस अवसर पर उन्होंने कोविड टीकाकरण में उल्लेखनीय योगदान के लिए छत्तीसगढ़ के दूरदराज से आए मितानिनों, स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं के साथ ही स्वसहायता समूह की सदस्यों, विभिन्न स्वयंसेवी संस्थानों की महिलाओं को सम्मानित किया और प्रशस्ति पत्र समेत स्मृति चिन्ह प्रदान कर उनका उत्साहवर्धन किया गया।
बता दें कि पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय के तत्वावधान में प्रदेश की कई महिला केंद्रित संस्थाओं द्वारा इस आयोजन में सहभागिता दी गई। राज्यपाल उइके ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए देश और प्रदेश की महिलाओं को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि सर्वाधिक खुशी इस बात की हो रही है कि प्रदेश भर की विभिन्न संस्थाओं की महिलाएं, छत्तीसगढ़ के दूरदराज इलाकों से पहुंची स्वास्थ्य कार्यकर्ता और मितानिन समेत विश्वविद्यालय के महिला प्राध्यापक,हमारी युवा और ऊर्जावान छात्राएं इस सदन में एक साथ उपस्थित हैं।
उन्होंने कहा कि मैं राज्यपाल के साथ-साथ बतौर महिला मैं आपके संरक्षक के तौर पर हमेशा साथ हूं और इस आधी आबादी को साथ मिलकर राष्ट्र की प्रगति में भागीदार बनना है। राज्यपालउइके ने कहा कि प्रदेश की बहनें बहुत सशक्त हैं और उन्होंने राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर विशिष्ट पहचान बनाई हैं। उन्होंने अनेकों विदुषी महिलाओं सहित अपने व्यक्तिगत संघर्षों का उदाहरण देते हुए कहा कि पल-प्रति पल हमें अपने सपनों के लिए लड़ना पड़ता है। सामाजिक संरचना में महिलाओं को समान अवसर नहीं मिल पाते। इन कारणों से हमें हताश होने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि दोगुने मनोबल से हमें अपना काम कर अपनी जगह बनानी है।
राज्यपाल उइके ने कहा कि एक समय था जब सेना, पुलिस जैसी शारीरिक दक्षता की आवश्यकता वाले क्षेत्रों में महिलाओं की उपस्थिति कम थी, लेकिन अब इन क्षेत्रों में महिलाओं की बढ़ती भागीदारी ने ऐसे मिथकों को तोड़ा है। महिलाओं की शारीरिक व मानसिक क्षमता पुरूषों से कहीं अधिक है, क्योंकि वे सृजनशील हैं। उन्होंने छत्तीसगढ़ के जनजातीय बाहुल्य क्षेत्रों में महिलाओं के सशक्तीकरण का जिक्र करते हुए कोण्डागांव जिले के सल्फीपदर गांव की महिलाओं के योगदान के बारे में बताया कि कैसे वे अपने परिवेश को बचाने के लिए संघर्षरत हैं।
उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय सेवा योजना से जुड़कर छात्र-छात्राओं में राष्ट्रीयता और नेतृत्व की भावना का विकास होता है। संस्थानों की डिग्री से इतर राष्ट्रीय सेवा योजना की गतिविधियों में प्राप्त व्यावहारिक ज्ञान भी लैंगिक समानता जैसे विषयों के प्रति युवाओं को जागरूक करता है। राज्यपाल उइके ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में महिलाओं के सशक्तीकरण और उन्हें अवसर प्रदान करने की दिशा में कई योजनाएं चलाई जा रही हैं, जिसके सकारात्मक और दूरगामी परिणाम होंगे।
ऐसी योजनाओं से महिलाओं को विभिन्न क्षेत्रों में अग्रिम पंक्ति में स्थान मिल रहा है और उनके लिए तरक्की के रास्ते प्रशस्त हो रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि बतौर नागरिक हमें अपने कर्त्तव्यों का निर्वहन करना चाहिए। समान अवसरों वाले समाज की स्थापना के लिए अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी चाहिए। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि महिलाएं इस दिन अपने होने का गौरव मनाती हैं, ऐसे में आप सभी को इस गौरव दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। उन्होंने कहा कि शैशवास्था से ही लिंगभेद और बेटियों को मानसिक-शारीरिक रूप से कमजोर होने के भ्रम से न डराया जाए।
महिलाओं के कमजोर होने जैसे विषय तथ्यहीन और पुरूषवादी मानसिकता की देन हैं। हमें इससे बाहर निकलना होगा। महिला आयोग की अध्यक्ष नायक ने कहा कि बेटों को लैंगिक समानता जैसे विषयों के बारे में समझाया जाए और अभिभावक बेटों को बेटियों की तरह परवरिश करें, ताकि लिंगभेद जैसे कुरीतियों को समाज से मिटाया जा सके। रायपुर जिले की वनमण्डलाधिकारी सतोविषा ने इस अवसर पर अपने संबोधन में लैंगिक समानता के अनेक पक्षों और पर्यावरण के मध्य संबंध को उद्धृत किया। उन्होंने गांव और वनांचल में रहने वाली महिलाओं के जीवन में वनों की भूमिका और इसकी उपयोगिता के बारे में उदाहरण समेत समझाया। समजदार ने कहा कि हमें अपने अधिकारों के प्रति जागरूक होना है और अपनी शिक्षा-लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए दृढ़ निश्चय के साथ कार्य करना है।
पंडित रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय द्वारा अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम के समापन उपरांत मंच से उतरते ही एक बिटिया ने राज्यपाल से ऑटोग्राफ के लिए आग्रह किया। राज्यपाल उइके ने बड़ी ही आत्मीयता से बच्ची का परिचय प्राप्त कर ऑटोग्राफ दिया। इस दौरान राज्यपाल ने मुस्कुराते हुए बच्ची से कहा कि आज तो हम सभी के उत्सव का दिन है और उसे उज्ज्वल भविष्य की शुभकामनाएं दी।
पंडित दीनदयाल उपाध्याय सभागार में अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर आयोजित कार्यक्रम के मंच से प्रदेश भर की महिलाएं और महिला केंद्रित संस्थाएं सम्मानित हुईं। जिसमें महिला धुमाल पार्टी, राज्य की पर्वतारोही नैना धाकड़, नाचा की संस्थापक दीपाली सरावगी, पैरा एथलीट ईश्वरी निषाद, छत्तीसगढ़ महिला मंच, सखी फाउंडेशन, स्वर्गीय निवेदिता फाउंडेशन, सृजनशील विदुषी महिला बहुउद्देशीय सहकारी महिला समिति के सदस्य शामिल थे। इस दौरान महिला धुमाल पार्टी के सदस्यों ने राज्यपाल उइके के सम्मान में अपनी मनमोहक प्रस्तुति दी।
जशपुर में 52 स्वच्छता दीदीयों का सम्मान
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जशपुर नगर पालिका कार्यालय में नगरपालिका अधिकारी बसंत बुनकर ने निकाय में कार्यरत समूह हरित क्षेत्रिय समिति के 52 स्वच्छता दीदीयों और कार्यालय में कार्यरत महिला कर्मचारियों का सम्मानित किया। नगरपालिका अधिकारी ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक बधाई दी।