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छत्तीसगढ़ में प्रति व्यक्ति आय में 12% की बढ़ोतरी, प्रदेश की GSDP भी बढ़ी

विधानसभा बजट सत्र में छत्तीसगढ़ राज्य का आर्थिक सर्वेक्षण वर्ष 2021-22 पटल पर प्रस्तुत किया गया, जिसके मुताबिक छत्तीसगढ़ के लोगों की औसत कमाई में करीब 12% का उछाल आया है। बीते साल तक प्रदेश की प्रति व्यक्ति आय सिर्फ एक लाख 5 हजार 778 रुपए थी। चालू वित्तीय वर्ष के खत्म होने तक इसके एक लाख 18 हजार 401 रुपया हो जाने का अनुमान लगाया जा रहा है। साथ ही अर्थव्यवस्था के विभिन्न पहलुओं, समाजार्थिक स्थिति, उसे प्रभावित करने वाले आधारभूत घटकों और राज्य शासन की योजनाओं के संबंध में प्रगति का विवेचनात्मक अध्ययन है।

बता दें कि मंगलवार को खाद्य और योजना आर्थिक एवं सांख्यिकी मंत्री अमरजीत भगत ने सदन में प्रदेश के आर्थिक सेहत का ब्यौरा रखा। सदन के बाहर प्रेस से बातचीत में भगत ने कहा कि बीते साल की तुलना में इस बार प्रति व्यक्ति आय में 11.93% की बढ़ोतरी अनुमानित है। हालांकि ये राष्ट्रीय औसत 16.69% से कम है। इस समय देश की प्रति व्यक्ति आय एक लाख 50 हजार 326 रुपया अनुमानित है।

मंत्री अमरजीत भगत ने दी जानकारी

मंत्री अमरजीत भगत ने बताया कि छत्तीसगढ़ का सकल राज्य घरेलू उत्पाद (GSDP) 2 लाख 78 हजार 496 करोड़ रुपया अनुमानित है। बीते साल यानी वित्तीय वर्ष 2020-21 में इसका आकार 2 लाख 49 हजार 683 करोड़ ही था। इस तरह इस साल 11.54% की विकास दर अनुमानित है। अखिल भारतीय औसत से तुलना कर अमरजीत भगत ने कहा, देश में 2010-11 के स्थिर भाव पर इस साल की विकास दर सिर्फ 9.2% अनुमानित है। स्थिर भावों पर प्रदेश की GSDP में कृषि क्षेत्र का योगदान 3.88% रहा है। उद्योग क्षेत्र से 15.44% और सेवा क्षेत्र से 8.54% का योगदान रहा है।

GSDP 13.60% बढ़ने के आसार

आर्थिक सर्वेक्षण में अनुमान लगाया गया है कि प्रचलित भावों पर इस साल प्रदेश का सकल राज्य घरेलू उत्पाद 4 लाख 61 करोड़ रुपए हो जाएगा। साल 2020-21 में प्रचलित भाव पर सकल घरेलू उत्पाद 3 लाख 52 हजार 161 था। इस साल सकल घरेलू उत्पाद में कृषि और संबद्ध क्षेत्र का योगदान 81 हजार 317 करोड़ रुपया है। वहीं उद्योग क्षेत्र का योगदान एक लाख 59 हजार 473 रुपए और सेवा क्षेत्र का योगदान एक लाख 31 हजार 920 रुपए का होना अनुमानित है।

कोरोना में घटी थी छत्तीसगढ़ की GSDP

आर्थिक सर्वेक्षण में बताया गया कि 2020-21 में राज्य का सकल घरेलू उत्पाद कोरोना संकट की वजह से प्रभावित हुआ था। स्थिर भाव पर यह 2019-20 की तुलना में 1.37% कम रह गया था। उस साल केवल कृषि और संबद्ध क्षेत्र ने बेहतर प्रदर्शन किया था। इसकी वजह से कृषि क्षेत्र में 5.48% वृद्धि हुई थी। अधिकतर समय लॉकडाउन आदि की वजह से उद्योग क्षेत्र 3.89 और सेवा क्षेत्र में 0.16% की गिरावट दर्ज हुई थी। इस मान से अब अर्थव्यवस्था ने अब अपनी रफ्तार बढ़ा दी है।

छत्तीसगढ़ राज्य का सकल घरेलू उत्पाद स्थिर (2011-12) भावों पर  

सकल राज्य घरेलू उत्पाद प्रगति की संभावनाएं

स्थिर भावों पर अग्रिम अनुमान साल 2021-22 में सकल राज्य घरेलू उत्पाद बाजार मूल्य GSDP at Market Prices पर बीते साल 2020-21 की तुलना में 11.54 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित है। जिसमें कृषि और सम्बद्ध क्षेत्र (कृषि, पशुपालन, मत्स्य एवं वन) में 3.88 प्रतिशत वृद्धि, उद्योग क्षेत्र (निर्माण, विनिर्माण, खनन एवं उत्खनन, विद्युत, गैस और जल आपूर्ति सम्मिलित) 15.44 प्रतिशत वृद्धि समेत सेवा क्षेत्र में 8.54 प्रतिशत वृद्धि अनुमानित है।

छत्तीसगढ़ राज्य का सकल घरेलू उत्पाद प्रचलित भावों पर

प्रगति की संभावनाएं प्रचलित भावों पर 

साल 2021-22 के अग्रिम अनुमान में सकल राज्य घरेलू उत्पाद (बाजार मूल्य)  पर बीते साल 2020-21 के रुपये 3,52,161 (तीन लाख बावन हजार एक सौ इकसठ) करोड़ से बढ़कर रुपये 4,00,061 (चार लाख इकसठ) करोड़ होना संभावित है, जो कि 13.60 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाता है। जिसमें साल 2020-21 में कृषि और सम्बद्ध क्षेत्र (कृषि, पशुपालन, मत्स्य एवं वन) में रुपये 74,652 (चौहत्तर हजार छह सौ बावन) करोड़ से बढ़कर वर्ष 2021-22 में रुपये 81,317 (इक्यासी हजार तीन सौ सन्नह) करोड़।

जीडीपी विकास दर स्थिर भावों (साल 2011-12) पर 

इसी प्रकार उद्योग क्षेत्र (निर्माण, विनिर्माण, खनन एवं उत्खनन, विद्युत, गैस और जल आपूर्ति सम्मिलित) में रुपये 1,35,985 (एक लाख पैंतीस हजार नौ सौ पचासी) करोड़ से बढ़कर रुपये 1,59,473 (एक लाख उनसठ हजार चार सौ तिहत्तर) करोड़ और सेवा क्षेत्र में रुपये 1,18,538 (एक लाख अठारह हजार पांच सौ अड़तीस) करोड़ से बढ़कर रुपये 1.31,920 (एक लाख इकतीस हजार नौ सौ बीस करोड़ होना सम्भावित है, जो कि बीते साल की तुलना में प्रतिशत वृद्धि क्रमशः 8.93, 17.27 एवं 11.29 आंकलित है।

त्वरित अनुमान स्थिर भावों पर

 राज्य के सकल घरेलू उत्पाद बाजार मूल्य त्वरित अनुमान अनुसार गत वर्ष 2019-20 की तुलना में साल 2020-21 में -1.37 प्रतिशत की कमी हुई है। कृषि और सम्बद्ध क्षेत्र कृषि, पशुपालन, मत्स्य एवं वन) में 5.48 प्रतिशत, उद्योग क्षेत्र (निर्माण, विनिर्माण, खनन एवं उत्खनन, विद्युत, गैस और जल आपूर्ति सम्मिलित) में -3.89 प्रतिशत की कमी और सेवा क्षेत्र में -0.16 प्रतिशत की हुई है, जिसका मुख्य कारण कोविड-19 महामारी और लॉकडाउन है।

 प्रति व्यक्ति आय  

प्रति व्यक्ति आय साल 2020-21 के त्वरित अनुमान के अनुसार 1,05,778 (एक लाख पांच हजार सात सौ अठहत्तर) रुपए से बढ़कर साल 2021-22 में 1,18,401 (एक लाख अठारह हजार चार सौ एक) रुपए होना अनुमानित है, जो बीते साल की तुलना में 11.93 प्रतिशत वृद्धि दर्शाता है।

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