Responsive Ad Slot

Latest

latest


 

'विकास' की हत्या सुनियोजित षडयंत्र तो नहीं ?

आनंदराम साहू 

पुलिस का जांबाज जवान विकास। सर्प मित्र विकास। सांप का डर पलभर में खत्म करने वाला विकास। अपराधियों का दुश्मन विकास। प्रकृति प्रेमी और व्यवहार कुशल विकास। बॉक्सर विकास। युवाओं का रोल मॉडल विकास। मिलनसार विकास। जन- जन का चहेता विकास। यकीन ही नहीं हो रहा है कि इतने गुणों का खान विकास अब हमारे बीच नहीं रहे। 

अपराध नियंत्रण पर पैनी नजर रखने वाले युवा अफसर विकास की हत्या! उस पर भी उसकी हत्या को ही संदेहास्पद बताया जाना, अनेक संदेहों को जन्म देने वाला है। पूरे दिन हार्ट फेल से मौत होने जैसी कयासों का दौर चलता रहा। विचारणीय है कि इसके पीछे कोई सुनियोजित षड्यंत्र तो नहीं है? यह सवाल जनमानस में है। विकास दबंग ही नहीं दुःसाहसी भी थे। जुनूनी कार्यप्रणाली उनकी पहचान बन गई थी। कठिन से कठिन परिस्थितियों में फिल्मी स्टाइल में अपराधियों को पकड़ लाने का दम रखता था। बॉक्सर होने से उसकी एक फाइट से ही अपराधी कांपते थे। ऐसे पुलिस अफसर की हाथ-मुक्के से मारपीट कर हत्या कर दिया जाना, किसी के गले नहीं उतर रहा है। यह घटना अप्रत्याशित है या सुनियोजित षड्यंत्र रचा गया, इसकी शूक्ष्म जांच की आवश्यकता है।

ये भी पढ़ें:- पुलिस जवान विकास शर्मा की हत्या, पिता-पुत्र, दो भाई सहित 5 गिरफ्तार

कुछ प्रभावशाली लोगों के खुला संरक्षण से महासमुंद में अपराधियों के हौसले बुलंद हो गए हैं। पुलिस और प्रशासन के लोग स्वतंत्र रूप से काम नहीं कर पा रहे हैं। हर मामले में राजनैतिक हस्तक्षेप की शिकायतें दबी जुबान हो रही है। कार्यपालिका को रिमोट की तरह कंट्रोल किया जाने लगा है। ऐसे में कई सवाल और आम आदमी के मन में अज्ञात भय भी उतपन्न होने लगा है। जब इस शहर में दबंग पुलिस अधिकारी सुरक्षित नहीं हैं, तब आम जनता का क्या होगा?

ये भी पढ़ें:- Murder in mahasamund : पुलिस जवान पर हमला, देर रात अस्पताल में तोड़ दिया दम

विकास की हत्या कोई साधारण घटना नहीं है। पर्दे के पीछे के रहस्यों का उजागर होना आवश्यक है। विकास को बच्चा-बच्चा जानता-पहचानता था। तबकथित आरोपी (गिरफ्तार) दबंग पुलिस जवान की बेदम पिटाई कर सकते हैं? यह अनुत्तरित सवाल है। प्रत्यक्षदर्शी दबे जुबां बहुत सी बातें कर रहे हैं। जो रात के अंधेरे में हुई हत्या की तरह ही गुमनामी में प्रकाश का उजियारा ढूंढ रहे हैं। कुछ प्रिंट मीडिया रिपोर्ट के अनुसार प्रभावशाली परिवार के लोगों की संलिप्तता को छुपाने का भी प्रयास हो रहा है। 

होली और होली के बाद लगातार हुई दुर्घटनाओं ने आम आदमी को झकझोर कर रख दिया है। चहुंओर एक ही चर्चा है अमन-चैन की नगरी 'मोर महासमुंद' को किसकी नजर लग गई? कोरोना की त्रासदी से थोड़ा उबरे तो ऐसी अप्रत्याशित दुर्घटनाओं ने व्यथित कर दिया है। विकास की हत्या की उच्च स्तरीय और निष्पक्ष जांच की मांग की जा रही है। जिससे इस अनुत्तरित सवाल 'विकास' की हत्या सुनियोजित षडयंत्र तो नहीं ? का जवाब आम जनता को मिल सके।

Don't Miss
© Media24Media | All Rights Reserved | Infowt Information Web Technologies.