छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के सोनेसरार की आस्था संकुल संगठन को उत्कृष्ट काम के लिए भारत सरकार की ओर से आत्मनिर्भर संगठन पुरस्कार-2022 से सम्मानित किया गया है। केंद्रीय पंचायतीराज और ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में संगठन को पुरस्कृत किया। उन्होंने आस्था संकुल संगठन को पुरस्कार स्वरूप एक लाख रूपए की राशि और प्रतीक चिन्ह प्रदान किया।
पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री टीएस सिंहदेव ने इस उपलब्धि पर संगठन की महिलाओं को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने कहा कि ये पुरस्कार प्रदेश की सभी महिला सामुदायिक संगठनों को अच्छा काम करने के लिए प्रेरित करेगी। 'बिहान' से जुड़ी महिलाओं की इस उपलब्धि से पूरा राज्य गौरवान्वित हुआ है। छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन (बिहान) की संचालक इफ्फत आरा और राजनांदगांव के जिला मिशन प्रबंधक पिनाकी डेसरकार भी नई दिल्ली में आयोजित पुरस्कार समारोह में मौजूद थे।
डोंगरगांव विकासखंड के सोनेसरार के आस्था संकुल संगठन से 17 ग्राम पंचायतों के 23 ग्राम संगठन और 443 स्वसहायता समूह जुड़े हैं। क्षेत्र की 4842 ग्रामीण महिलाएं संगठन की सदस्य हैं। आस्था संकुल संगठन ने खान-पान, पोषण, स्वास्थ्य और स्वच्छता से आजीविका की ओर कदम बढ़ाया है। संगठन ने क्षेत्र के 2300 परिवारों को किचन गार्डन के माध्यम से सब्जी उत्पादन के लिए प्रेरित किया है। इसके लिए 605 परिवारों को बाजार मूल्य से कम दर पर उन्नत सब्जी बीज उपलब्ध कराया गया है।
किचन गार्डन में 6500 क्विंटल से ज्यादा टमाटर
संकुल क्षेत्र के अंतर्गत 2300 परिवारों द्वारा स्वयं के किचन गार्डन में 6500 क्विंटल से ज्यादा टमाटर, भिंडी, भाटा, करेला, लौकी, गोभी जैसी सब्जियों का जैविक पद्धति से उत्पादन किया गया है। घर के भोजन में इन सब्जियों के उपयोग के साथ ही किशोरी बालिकाओं, गर्भवती महिलाओं, नवविाहिताओं और 2 साल से कम उम्र के बच्चों के सुपोषण के लिए भी इन्हें उपलब्ध कराया गया है। इससे संकुल संगठन की महिलाओं को भी आर्थिक लाभ हुआ।
कोरोना के बारे में जागरूकता के लिए किया काम
आस्था संकुल संगठन के अंतर्गत सभी 443 स्वसहायता समूहों को चक्रीय निधि से 66 लाख 45 हजार रूपए, 261 समूहों को एक करोड़ 56 लाख 6 हजार रूपए का सामुदायिक निवेश निधि और 387 समूहों को 9 करोड़ 84 लाख रूपए का बैंक ऋण पिछले 3-4 वर्षों में उपलब्ध कराया गया है। संकुल संगठन के अंतर्गत स्वसहायता समूहों के सदस्य विभिन्न आजीविकामूलक गतिविधियों से अपना जीवन स्तर ऊंचा उठा रहे हैं। संगठन की महिलाएं संवहनीय कृषि, सब्जी उत्पादन, सेनेटरी नैपकिन निर्माण, बैंक सखी और ई-रिक्शा संचालन जैसे कार्यों में संलग्न हैं। आजीविका संबंधी कामों के साथ ही संगठन की महिलाओं ने कोरोना के बारे में जागरूकता के लिए भी काम किया है।