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हाथी के हमले से जिले में गर्भवती समेत 2 महिलाओं की मौत, हाथियों के उत्पात से ग्रामीणों में दहशत का माहौल

आबादी बढ़ने की वजह से भी जंगलों में अतिक्रमण बढ़ने लगे हैं। जंगल की पूरी संरचना प्रभावित हो रही है। जंगलों में बांस और फलदार वृक्ष भी कम हो रहे हैं। अपने निवास स्थान की कमी और पेट भरने के लिए हाथी इन्सानी बस्तियों का रुख कर रहे हैं। सिमटते जंगल से हाथी और मनुष्य के बीच द्वंद्व (Elephant attack in Chhattisgarh) की स्थिति बनी हुई है। हर दूसरे दिन गजराज के हमले से इंसानों की मौत की खबर सामने आते रहती है। 

ताजा मामला रायगढ़ जिले के धरमजयगढ़ का है, जहां के 2 अलग-अलग बस्तियों में घुसे हाथियों के दल ने एक गर्भवती समेत 2 महिलाओं पर हमला कर दिया, जिससे उनकी मौत हो गई। हाथियों ने गर्भवती महिला को पटककर मार डाला। वहीं दूसरी बस्ती में एक बुजुर्ग को कुचल दिया। इस दौरान हाथियों के डर से लोग घर छोड़कर भाग निकले। घटना कापू वनांचल के आदिवासी इलाके की है। जानकारी के मुताबिक हाथियों ने सरगुजा बॉर्डर से लगे इलाकों में कई दिनों से डेरा डाला हुआ है।

हाथियों ने महिला को कुचला

पुलिस के मुताबिक चिखलापानी की रहने वाली इंजोरी बाई (उम्र 70) रोज की तरह बुधवार रात करीब 10 बजे खाना खाने के बाद परिजनों के साथ सो रही थी। तभी 3 से 4 हाथी उनके घर में घुस आए और तोड़फोड़ शुरू कर दी। इस पर सुखीराम का परिवार जान बचाने के लिए घर में ही छिप गया, लेकिन हाथियों का रौद्र रूप देख सभी बाहर भागे। इसी बीच इंजोरी बाई सामने आ गई और हाथी ने उसे कुचल दिया। सूचना मिलने पर वन विभाग की टीम मौके पर पहुंची। 

घटना के बाद से गांव में दहशत

ग्रामीणों का कहना है कि हाथियों का दल सुबह करीब 9 बजे तक घटना स्थल के ही आसपास डेरा जमाए हुए था। इसके चलते वनकर्मी गांव के अंदर नहीं घुस सके। वहीं दूसरी घटना छत्तासरई की है, जहां की रहने वाली सबीना बाई (उम्र 36) गर्भवती थी। बताया जा रहा है कि रात करीब डेढ़ बजे हाथी ने छत्तासरई में भी हमला किया और सबीना बाई को पटक कर मार डाला। सूचना पर पुलिस भी पहुंच गई। वन विभाग की टीम ने दोनों शवों को पुलिस को सौंप दिया।

पुलिस ने परिजनों को सौंपा शव

वहीं पुलिस ने पोस्टमॉर्टम के बाद दोनों के शव को परिजन को दे दिया दिया है। घटना से गांव में दहशत का माहौल है। बताया जा रहा है कि अभी हाथियों का दल  सरगुजा वन मंडल में उत्पात मचा रहा है। हाथियों ने कई दिनों से डेरा जमाया हुआ था। फिलहाल वन विभाग के कर्मचारी निगरानी बनाए हुए हैं। साथ ही लोगों को जंगल की ओर नहीं जाने का अलर्ट जारी किया है। बता दें कि छत्तीसगढ़ में हाथी की हमले की घटनाएं बढ़ती ही जा रही है। हाथी लगातार इंसानी बस्तियों की ओर रूख कर रहे हैं।

ढलान की ओर दौड़े

अगर हाथी से सामना हो जाए तो तुरंत उसके लिए रास्ता छोड़े, पहाड़ी स्थानों में सामना होने की स्तिथि मे पहाड़ी की ढलान की ओर दौड़े ऊपर की ओर नहीं क्योंकि हाथी ढलान में तेज गति से नहीं उतर सकता, लेकिन चढाई चढ़ने में वह दक्ष होता है, सीधे न दौड़ कर आड़े तिरछे दौड़े, कुछ दूर दौड़ने के बाद गमछा, पगड़ी, टोपी और अन्य कोई वस्त्र फेक दे, ताकि कुछ समय तक हाथी उसमें उलझा रह सके और आपको सुरक्षित स्थान पर जाने का समय मिल जाए।

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