छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के केरलापाल थाना क्षेत्र में पुलिस और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में दोनों तरफ से हुई गोलीबारी में सुकमा DRG के 2 जवान घायल हो गए हैं। बताया जा रहा है कि दोनों घायल जवानों को मौके से निकाल कर जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जवानों को मामूली चोटें आई हैं। इस मुठभेड़ में कई नक्सलियों के घायल होने की भी खबर सामने आ रही है।
जानकारी के मुताबिक चिचोरगुड़ा के पास भारी संख्या में नक्सलियों की उपस्थिति की सूचना पुलिस को मिली थी। मुखबिर से मिली सूचना के आधार पर सुकमा से DRG की टीम को मौके के लिए रवाना किया गया था। सुबह करीब 10 बजे जब सर्चिंग करते हुए जवान जंगल में पहुंचे तो वहां पहले से ही घात लगाकर बैठे नक्सलियों ने जवानों पर फायरिंग कर दी। इसके बाद जवानों ने मोर्चा संभाला और नक्सलियों की गोलियों का मुंहतोड़ जवाब दिया।
करीब आधे घंटे तक चली इस गोलीबारी में DRG के दो जवान घायल हो गए, जिन्हें साथी जवानों मौके से निकाल कर जिला अस्पताल में भर्ती कराया। फिलहाल मुठभेड़ बंद हो गई है। जवान अभी मौके पर ही मौजूद हैं और इलाके की सर्चिंग लगातार जारी है। सर्चिंग के दौरान घटनास्थल पर खून के धब्बों के निशान भी देखने को मिले हैं। पुलिस का दावा है कि इस मुठभेड़ में कई नक्सलियों को भी गोली लगी है।
छत्तीसगढ़ पुलिस चला रही कई तरह के अभियान
बता दें कि नक्सलियों के खिलाफ छत्तीसगढ़ पुलिस कई तरह के अभियान चला रही है, जिससे प्रभावित होकर कई नक्सली आत्मसमर्पण भी कर रहे है। जबकि सूरक्षाबल के जवान कई नक्सलियों को गिरफ्तार भी कर रहे है, जिससे बौखलाएं नक्सली इस तरह के कायरना हरकत कर रहे हैं। बता दें कि प्रदेश में बीते साल के मुताबले इस साल नक्सली हमले और गतिविधियां कम हुई है। वहीं छत्तीसगढ़ पुलिस और सरकार नक्सलियों को मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिश कर रहे हैं।
नक्सली लगातार दे रहे वारदात को अंजाम
पुलिस की लगातार कार्रवाई से बौखलाए नक्सली लोगों में दहशत फैलाने के लिए लगातार किसी न किसी कायराना करतूत को अंजाम देने में लगे हुए हैं। नक्सली लगातार पुलिस की नाक के नीचे मुखबिरी के शक में ग्रामीणों की हत्या कर रहे हैं।
5 साल में नक्सली हिंसा में इतने लोगों की गई जान
बीते 5 साल में छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा (Naxalite violence) में 1000 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें 314 आम लोग भी शामिल हैं। इनका नक्सल आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं था। वहीं 220 जवान शहीद हुए हैं, साथ ही 466 नक्सली भी मुठभेड़ में मारे गए हैं।