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गोबर से बने बजट के पिटारे से CM भूपेश ने की चौका लगाने की कोशिश, हर वर्ग का रखा ध्यान

छत्तीसगढ़ में CM भूपेश बघेल ने वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अपना चौथा बजट पेश किया, जिसमें मुख्यमंत्री ने राज्य के कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने की घोषणा की। कर्मचारी भी लंबे समय से इसकी मांग कर रहे थे। वहीं आमजन को राहत देते हुए किसी भी नए टैक्स को नहीं लाया गया है। हालांकि टैक्स बढ़ोतरी पर सुझाव देने के लिए वित्त विभाग में नया सेल बनाने की घोषणा जरूर की। फिलहाल विधानसभा गुरुवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है। इस बार मुख्यमंत्री ने एक लाख 5 हजार करोड़ का बजट पेश किया। उन्होंने कहा कि स्थापना व्यय बड़ा है। वहीं उन्होंने 14 हजार 600 करोड़ के घाटे की भी बात कही। 

CM भूपेश बघेल ने कहा कि मेरा सौभाग्य है कि भारत की आजादी की 75वीं सालगिरह के साल में मैं अपनी सरकार का ये बजट प्रस्तुत कर रहा हूं। मुझे संतोष है कि बीते 3 सालों के दौरान हमारी सरकार ने आजादी के नायक राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सपनों को पूरा करने की दिशा में सार्थक कदम उठाए हैं। बापू की स्मृतियों को संजोने और उनके विचारों पर आधारित विकास के रास्तों को प्रदर्शित करने के लिए नवा रायपुर में सेवा ग्राम की स्थापना की जाएगी। इस परियोजना की अनुमानित लागत 100 करोड़ है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में इस पर व्यय के लिए नवीन मद में 5 करोड़ का प्रावधान है।

CM भूपेश ने कहा कि हमने अपनी विरासत और विकास योजनाओं को लेकर जो कहा था, उसे करके भी दिखाया है। जिसके कारण ग्रामीण और वनांचलों में रोजगार के नए अवसर बने हैं। हमें ग्राम केंद्रित नई अर्थव्यवस्था स्थापित करने में सफलता मिली है। विकास के इस 'छत्तीसगढ़ मॉडल' को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिली है। हमारी सरकार ने पहले साल में ही 17 लाख 96 हजार किसानों का 8 हजार 744 करोड़ रूपये का कृषि ऋण माफ किया है। 

किसानों से धान की खरीदी 2500 रुपए प्रति क्विंटल की दर पर की गई। खरीफ 2018 के धान के लिए 15 लाख 77 हजार किसानों को 6 हजार 22 करोड़ रूपये की बोनस राशि का तत्काल भुगतान किया गया। बस्तर के विकास का नया अध्याय शुरू करते हुए संभाग के जिलों में नारंगी वन क्षेत्र में से 30 हजार 439 हेक्टेयर भूमि राजस्व मद में वापस दर्ज की गई है। हमारे इस कदम से वहाँ के निवासियों को कृषि और व्यवसाय के लिए पट्टे दिए जा सकेंगे। 

नए उद्योगों की स्थापना की जा सकेगी। शासकीय भवनों के निर्माण, सड़क और रेलमार्ग का विकास समेत अन्य गतिविधियों के लिए भी सरलता से भूमि उपलब्ध हो सकेगी। राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना में 6 हजार वार्षिक सहायता राशि दी जा रही है। इस साल 3 लाख 54 हजार 513 भूमिहीन कृषि मजदूरों को 71 करोड़ 08 लाख की प्रथम किश्त का भुगतान किया जा चुका है। आगामी साल से 6 हजार वार्षिक सहायता की राशि को बढ़ाकर 7 हजार करने की घोषणा करता हूं।

एक नजर में बजट 

प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र में आदिवासियों के देवस्थलों पर पूजा करने वाले व्यक्ति, जिन्हें भिन्न-भिन्न क्षेत्रों में मांझी, बैगा, गुनिया, पुजारी भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है, जिनका आदिवासियों के सांस्कृतिक जीवन और सामाजिक संस्कारों में विशेष महत्व है। आदिवासियों के सांस्कृतिक और सामाजिक संस्कार को जीवित रखने में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका है। इन पुजारियों,बैगा,गुनिया,मांझी जिनमें आदिवासियों के देवस्थल के हाट पाहार्या और बाजा मोहरिया भी शामिल है, जिनको राज्य शासन द्वारा राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना के अनुरूप लाभ दिये जाने की घोषणा करता हूं।

सुराजी गांव के सपने को साकार करने के लिए प्रदेश में स्थापित गोठानों को महात्मा गांधी ग्रामीण औद्योगिक पार्क के रूप में विकसित किया जाएगा। इन औद्योगिक पार्कों में स्थानीय खाद्य उत्पादों और लघु वनोपज उत्पादों के मूल्य संवर्द्धन के लिए प्रसंस्करण इकाइयों की स्थापना की जाएगी। बांस और काष्ठ शिल्प, मेटल शिल्प समेत अन्य हस्त शिल्प से संबंधित लघु और कुटीर उद्योगों की स्थापना के लिए स्थानीय युवाओं को सहयोग दिया जाएगा।

इन औद्योगिक पार्कों में तैयार किए जाने वाले उत्पादों का चयन हितग्राहियों के कौशल, कच्चे माल की उपलब्धता और तैयार उत्पाद की उपभोक्ताओं में मांग को ध्यान में रखते हुए किया जाएगा। इन औद्योगिक पार्कों में उन्नत अधोसंरचना और बिजली पानी जैसी बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 600 करोड़ का प्रावधान है। गोधन न्याय मिशन, टी-कॉफी बोर्ड का गठन, मछली पालन और लाख उत्पादन को कृषि के समकक्ष दर्जा देना, मिलेट मिशन और वाणिज्यिक वृक्षारोपण जैसे कार्यक्रमों के क्रियान्वयन से रोजगार के नए अवसरों का सृजन हुआ है। 

इन उत्पादों के विपणन का काम छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ द्वारा छत्तीसगढ़ हर्बल्स ब्रांड के नाम से किया जा रहा है। नगरीय एवं ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित कौशल विकास कार्यक्रम का विभिन्न नवाचारी योजनाओं के साथ समन्वय और राज्य स्थित विशिष्ट शिक्षण संस्थाओं की विशेषज्ञता का लाभ लेते हुए रोजगार समेत स्वरोजगार की नवीन संभावनाओं पर कार्य किया जा रहा है, जिसे लेकर छत्तीसगढ़ रोजगार मिशन की शुरूआत के लिए 2 करोड़ का प्रावधान है।

CM ने छत्तीसगढ़ व्यावसायिक परीक्षा मंडल और छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग की ओर से आयोजित की जाने वाली परीक्षाओं में राज्य के स्थानीय प्रतिभागियों का परीक्षा शुल्क माफ करने की घोषणा की है। इसके साथ ही उन्होंने शासकीय योजनाओं के क्रियान्वयन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले राज्य के अधिकारियों और कर्मचारियों की पुरानी मांग पर विचार करते हुए एनपीएस योजना के स्थान पर पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का ऐलान किया है... उन्होंने शासकीय अधिवक्ताओं के मानदेय में भी आगामी साल से बढ़ोतरी करने की घोषणा की है।

आर्थिक स्थिति को लेकर पेश किया बजट

CM ने राज्य की आर्थिक स्थिति का ब्यौरा सदन के सामने प्रस्तुत करते हुए कहा कि राज्य के चालू वर्ष के आर्थिक सर्वेक्षण के मुताबिक स्थिर भाव पर साल 2020-21 की तुलना में चालू वर्ष के सकल राज्य घरेलू उत्पाद में 11.54 प्रतिशत की बढ़ोतरी अनुमानित है। साल 2021-22 में स्थिर भाव पर राज्य में कृषि क्षेत्र में 3.88 प्रतिशत, औद्योगिक क्षेत्र में 15.44 प्रतिशत और सेवा क्षेत्र में 8.54 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। इस प्रकार कृषि और सेवा क्षेत्र में राज्य की अनुमानित वृद्धि दर, राष्ट्रीय स्तर के समतुल्य समेत औद्योगिक क्षेत्र में अनुमानित वृद्धि दर राष्ट्रीय दर से 3.64 प्रतिशत अधिक है।

प्रचलित भाव पर राज्य का सकल घरेलू उत्पाद वर्ष 2020-21 में 3 लाख 52 हजार 161 करोड़ से बढ़कर साल 2021-22 में 4 लाख 61 करोड़ होना अनुमानित है, जो पिछले साल की तुलना में 13.60 प्रतिशत ज्यादा है। साल 2020-21 में अनुमानित प्रति व्यक्ति आय 1 लाख 05 हजार 778 रूपये की तुलना में वर्ष 2021-22 में 1 लाख 18 हजार 401 रूपये का अनुमान है, जो कि गत वर्ष की तुलना में 11.93 प्रतिशत ज्यादा है।

केंद्रीय सहायता अनुदान मद में कुल 44 हजार 325 करोड़ का प्रावधान

साल 2021-22 के राज्य बजट में केंद्रीय करों और केंद्रीय सहायता अनुदान मद में कुल 44 हजार 325 करोड़ का प्रावधान रखा गया था। साल 2022-23 के केंद्रीय बजट को देखते हुए इस साल राज्य के बजट में कुल 44 हजार 573 करोड़ की राशि केंद्र से प्राप्त होना अनुमानित है। जून 2022 के बाद GST क्षतिपूर्ति अनुदान समाप्त किए जाने के कारण केंद्रीय प्राप्तियों में कम वृद्धि अनुमानित है। साल 2021-22 के बजट में राज्य के स्वयं के कर और करेत्तर राजस्व से कुल 35 हजार करोड़ की प्राप्ति अनुमानित की गई थी। 

केंद्रीय प्राप्तियों में सिर्फ 1 प्रतिशत की वृद्धि

राज्य के स्वयं के राजस्व स्रोतों में वृद्धि के लिए किए जा रहे सतत प्रयासों से राजस्व प्राप्तियों में निरंतर वृद्धि दर्ज होने के परिणामस्वरूप इस साल राज्य मद से प्राप्तियों में 44 हजार 500 करोड़ की प्राप्ति अनुमानित है। इस प्रकार राज्य के स्वयं के राजस्व प्राप्तियों में 27 प्रतिशत की वृद्धि की तुलना में केंद्रीय प्राप्तियों में सिर्फ 1 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है।

कृषि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था

CM ने कहा कि किसानों की उन्नति के लिए हमारी सरकार द्वारा किए गए ठोस प्रयासों का ही परिणाम है कि राज्य में कृषि एक लाभप्रद व्यवसाय के रूप में उभरा है। खरीफ वर्ष 2017 में 12 लाख किसानों से उपार्जित 57 लाख मीट्रिक टन धान की तुलना में खरीफ वर्ष 2021 में 21 लाख 77 हजार किसानों से 98 लाख मीट्रिक टन धान उपार्जित किया गया है। इस प्रकार बीते 3 सालों के दौरान  9 लाख 77 हजार नये किसानों का पंजीयन हुआ है और उपार्जित धान की मात्रा में भी 41 लाख मीट्रिक टन की वृद्धि दर्ज की गई है।

गन्ना खरीदी के लिए 112 करोड़ का प्रावधान

धान समेत समस्त खरीफ फसलों, लघु धान्य फसलों, उद्यानिकी फसलों को बढ़ावा देने के लिए राजीव गांधी किसान न्याय योजना के अंतर्गत प्रति एकड़ अधिकतम 10 हजार की आदान सहायता देने की व्यवस्था है। बीते 2 सालों में 10 हजार 152 करोड़ की सहायता राशि 20 लाख से अधिक किसानों को भुगतान की जा चुकी है। इस योजना के लिये 6 हजार करोड़ का प्रावधान है। विविध फसलों को बढ़ावा देने के क्रम में गन्ना की खरीदी न्यूनतम समर्थन मूल्य 271 रूपये के स्थान पर 355 रूपये प्रति क्विंटल की दर से की जा रही है। इस साल 12 लाख मीट्रिक टन गन्ना खरीदी के लिए 112 करोड़ का प्रावधान है।

प्रचार-प्रसार के लिए 87 करोड़ का प्रावधान

पिछड़े क्षेत्र वाले 14 जिलों के 25 विकासखंडों में पोषण सुरक्षा, कृषि उत्पाद का मूल्य संवर्धन और कृषकों की आर्थिक स्थिति में सुधार के लिए चिराग परियोजना शुरू की गई है। इसके लिए 200 करोड़ का प्रावधान है। प्रदेश के किसानों को उच्च गुणवत्तायुक्त प्रमाणित बीज की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कृषक समग्र विकास योजना में 123 करोड़ का बजट प्रावधान है। फसल बीमा योजना में 575 करोड़, राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन योजना में 323 करोड़, प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना में ड्रिप और स्प्रिंकलर स्थापित करने के लिए 60 करोड़ समेत कृषि यंत्रों के वितरण और प्रचार-प्रसार के लिए 87 करोड़ का प्रावधान है।

विकिरण तकनीक का उपयोग

10 हजार 404 हेक्टेयर क्षेत्र में बहुवर्षीय फलोद्यान और 9 हजार 600 हेक्टेयर क्षेत्र में सब्जी उत्पादन समेत 1 हजार 895 हेक्टेयर क्षेत्र में फूलों की खेती के लिए कृषकों को सहायता अनुदान का लक्ष्य रखा गया है। कृषि और उद्यानिकी उत्पादों के सुरक्षित भंडारण की क्षमता में वृद्धि के लिए दुर्ग जिले में इंटीग्रेटेड पैक हाउस की स्थापना की जाएगी। इसमें अत्याधुनिक गामा विकिरण तकनीक का उपयोग किया जाएगा। इसके लिए 24 करोड़ का प्रावधान है।

57 हजार 943 बछड़ों का जन्म 

खाद्य पदार्थों में कीटनाशक अवशेषों की जांच के लिए NABL से मान्यता प्राप्त फाइटो-सेनेटरी प्रयोग शाला स्थापित की जाएगी। इसकी स्थापना से कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा मिलेगा, जिसका आर्थिक लाभ सीधे कृषकों को प्राप्त हो सकेगा। इसके लिए 1 करोड़ 50 लाख का प्रावधान है। प्रदेशभर में अब तक स्वीकृत 10 हजार 590 गौठानों में से 8 हजार 119 गौठानों का निर्माण पूरा हो चुका है। यहां उपलब्ध विशेष सुविधा के तहत अब तक 1 लाख 86 हजार 641 कृत्रिम गर्भाधान किए गए हैं, जिससे 57 हजार 943 बछड़ों का जन्म हुआ है।

91 करोड़ 11 लाख का वर्मी और सुपर कंपोस्ट विक्रय

गोधन न्याय योजना के तहत अब तक 63 लाख 89 क्विंटल गोबर का क्रय किया जाकर पशुपालकों को 127 करोड़ 79 लाख रुपए का भुगतान किया गया है। इसमें स्वावलंबी गोठानों द्वारा स्वयं के आय से भुगतान की गई 12 करोड़ की राशि भी शामिल है। गौठानों में उपलब्ध गोबर से 11 लाख 65 हजार क्विंटल वर्मी कंपोस्ट और 4 लाख 65 हजार क्विंटल सुपर कंपोस्ट का उत्पादन हुआ है। अब तक 91 करोड़ 11 लाख का वर्मी और सुपर कंपोस्ट विक्रय किया जा चुका है। 

680 मिनी राइस मिलों की स्थापना

स्व-सहायता समूह के हितग्राहियों को 31 करोड़ 34 लाख की लाभांश राशि वितरित की गई है। चारे की व्यवस्था के लिए अब तक 7 हजार चारागाहों की स्वीकृति दी गई है। लगभग 5 हजार चारागाहों में चारा रोपण किया जाकर गौठानों में हरा चारा उपलब्ध कराया जा रहा है। सूखा चारा उपलब्ध कराने के लिए ग्रामीणों को पैरा-दान के लिए जागरूक और प्रेरित करके गौठानों में 15 लाख 67 हजार क्विंटल पैरा एकत्रित किया गया है। गौठानों को रूरल इंडस्ट्रियल पार्क के रूप में विकसित करते हुए अब तक 750 गौठानों में 21 तेल मिल, 28 दाल मिल 40 आटा मिल और 680 मिनी राइस मिलों की स्थापना की गई है।

सिंचाई सुविधाओं का विकास

CM भूपेश बघेल ने कहा कि सिंचाई परियोजनाओं का वास्तविक लाभ किसानों तक पहुंचाने की दिशा में ठोस कदम उठाते हुए लघु और मध्यम सिंचाई की योजनाओं पर हमने विशेष ध्यान दिया है। परिणाम स्वरूप साल 2018 में वास्तविक सिंचित क्षेत्रफल 10 लाख 90 हजार हेक्टेयर से बढ़कर अब 13 लाख 58 हजार हेक्टेयर हो चुका है। साल 2022-23 में 1 हजार 705 नवीन कार्यों के लिए 300 करोड़ का प्रावधान है। इन कामों से 2 लाख 32 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में सिंचाई क्षमता विकसित होगी। नवीन मद अंतर्गत 249 वृहद्कार्य, 53 मध्यम कार्य और 835 लघु सिंचाई कार्य समेत 404 एनीकट और स्टापडेम निर्माण कार्य शामिल हैं।

सर्वेक्षण के लिए 3 करोड़ 10 लाख का प्रावधान

केलो परियोजना के लिए 90 करोड़, अरपा भैसाझार परियोजना के लिए 45 करोड़ और समोदा परियोजना को पूरा करने के लिए 14 करोड़ का प्रावधान है।  नाबार्ड की सहायता से सिंचाई परियोजनाओं के निर्माण के लिए 690 करोड़, लघु सिंचाई परियोजनाओं के लिए 931 करोड़, एनीकट और स्टापडेम निर्माण के लिए 260 करोड़ समेत तटबंध निर्माण कामों के लिए 125 करोड़ का प्रावधान है। इस साल 10 वृहद्, 15 मध्यम, 3 लघु सिंचाई और 06 मेगा उद्वहन सिंचाई परियोजनाओं के सर्वेक्षण के लिए 3 करोड़ 10 लाख का प्रावधान है।

राज्यांश मद में 100 करोड़ का प्रावधान 

वृहद और मध्यम सिंचाई परियोजनाओं के संधारण के लिए 100 करोड़ का प्रावधान है। एच.पी. तक के कृषि पंपों को निशुल्क विद्युत प्रदाय के लिए अनुदान योजना के लिए 2 हजार 600 करोड़ का प्रावधान है। इस योजना से लगभग 5 लाख किसानों को लाभ मिलेगा। सौर सुजला योजना अंतर्गत 3 और 5 एच.पी. क्षमता के 15 हजार सौर सिंचाई पम्पों की स्थापना की जाएगी। इसके लिये 417 करोड़ का प्रावधान है। प्रधानमंत्री कुसुम योजना अंतर्गत 10 हजार सोलर पम्पों की स्थापना के लिए  राज्यांश मद में 100 करोड़ का प्रावधान है। 

ग्रामीण विकास गतिविधियां

राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन अंतर्गत 7 जिलों के 43 संकुल संगठनों में डिजिटल लेनदेन को बढ़ावा देते हुए कैशलेश इकॉनॉमी बनाने का प्रयास किया जा रहा है। उत्थान परियोजना अंतर्गत प्रदेश के 9 जिलों में विशेष पिछड़ी जनजाति की 172 महिलाओं को सी.आर.पी (Community Resource Person) के रूप में प्रशिक्षित करके कुल 9 हजार 820 परिवारों को लाभान्वित किया जाएगा। मिलाप परियोजना अंतर्गत राजनांदगांव और कवर्धा जिले में 17 हजार 315 प्रवासी श्रमिकों का चिन्हांकन कर उनके समग्र विकास के लिए काम शुरू किया गया है। विभिन्न गतिविधियों के लिए ग्रामीण आजीविका मिशन योजना में 450 करोड़ का प्रावधान है।

275 ग्राम पंचायतों में बायोगैस संयंत्र की स्थापना

प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) अंतर्गत 8 लाख 22 हजार 832 आवास पूर्ण हो चुके हैं। योजना में 800 करोड़ का प्रावधान है। स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) अंतर्गत 3 हजार 82 ग्रामों में ठोस और तरल अपशिष्ट प्रबंधन कार्य तथा 275 ग्राम पंचायतों में बायोगैस संयंत्र की स्थापना का कार्य पूर्ण हो चुका है। योजना में 500 करोड़ का प्रावधान है। 

ग्रामीण विकास योजना में 200 करोड़ का प्रावधान

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना अंतर्गत 900 कि.मी. सड़क और 24 वृहद् पुलों के निर्माण का भौतिक लक्ष्य है। नक्सल प्रभावित जिले बीजापुर, सुकमा और दन्तेवाड़ा में 47 स्टील ब्रिज निर्माण का प्रस्ताव है। योजना में 1 हजार 675 करोड़ का प्रावधान है। मुख्यमंत्री समग्र ग्रामीण विकास योजना में 200 करोड़, ग्राम पंचायत को मूलभूत कार्य के लिए अनुदान योजना में 260 करोड़ और पन्द्रहवें वित्त आयोग की अनुशंसा पर पंचायतों को अनुदान मद में 1 हजार 114 करोड़ का प्रावधान है। 

रेशम और अन्य शिल्प गतिविधियां

बस्तर संभाग में उपलब्ध रैली ककून वर्तमान में व्यापारियों द्वारा क्रय करके अन्य राज्यों को निर्यात किये जाने के कारण राज्य की जनता को समुचित आर्थिक लाभ नहीं मिल पाता था। ऐसे में रैली ककून का संग्रहण कर राज्य में ही धागा उत्पादन और प्रसंस्करण की व्यवस्था के लिए मुख्यमंत्री रेशम मिशन की शुरुआत की जाएगी। रेशम विभाग के माध्यम से रैली ककून का क्रय करने के लिए ग्राम नानगूर विकासखण्ड जगदलपुर में ककून बैंक की स्थापना की जाएगी। संग्रहित रैली ककून 200 स्व-सहायता समूहों को धागाकरण के लिए वितरण किया जाएगा। स्व-सहायता समूहों को धागाकरण के लिए प्रशिक्षण और मशीन उपकरण की सहायता दी जाएगी।

सामान्य सुविधा केंद्र की स्थापना 

पोस्ट यार्न गतिविधियों के लिए सामान्य सुविधा केन्द्र की स्थापना की जाएगी। मिशन के माध्यम से 200 स्व-सहायता समूहों की लगभग 4 हजार महिलाओं को प्रतिमाह 6 से 7 हजार तक की अतिरिक्त आय प्राप्त होगी। इसके लिए 4 करोड़ 53 लाख का बजट प्रावधान है। कुम्भकार परिवारों द्वारा पारम्परिक लकड़ी के चाक से मिट्टी के बर्तन, गमले, खपरा का निर्माण जीविकोपार्जन के लिए किया जाता है। कार्यकुशलता और गुणवत्ता में वृद्धि के लिए कुम्भकार परिवारों को विद्युत चाक का वितरण किया जाएगा। इसके लिए 2 करोड़ का प्रावधान है।

पेयजल सुविधाएं

राज्य के 48 लाख 60 हजार परिवारों को घरेलू नल कनेक्शन के माध्यम से स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने का लक्ष्य है। इसके लिए जल जीवन मिशन में 1 हजार करोड़ का प्रावधान है। नगरीय निकायों में जल प्रदाय योजना के लिए अनुदान मद में 30 करोड़ तथा ऋण के लिए 55 करोड़ का प्रावधान है। गौठानों में 860 नग नलकूप खनन के लिए 10 करोड़ का प्रावधान है। नवा रायपुर अटल नगर क्षेत्र में ग्रीष्म काल में पानी की समस्या के निराकरण के लिए रविशंकर जलाशय से टीला एनीकट तक पाइप लाइन बिछाने की अनुमानित लागत 106 करोड़ है। इसके लिए नवीन मद में 2 करोड़ का प्रावधान है।

शैक्षणिक सुविधाएं

कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवार के बच्चों को आधुनिक शिक्षा-अधोसंरचना का लाभ दिलाने का हमारा प्रयास सफल रहा है। अंग्रेजी माध्यम से संचालित 171 स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट विद्यालयों में 1 लाख 35 हजार विद्यार्थियों ने प्रवेश लिया है। इस नई पहल के प्रति अभिभावक और विद्यार्थियों की अभिरूचि को देखते हुए इस वर्ष से हिन्दी माध्यम के भी 32 स्वामी आत्मानंद विद्यालय प्रारंभ करने का निर्णय लिया गया है। इससे 17 हजार 500 बच्चे लाभान्वित होंगे। इस साल 11 पूर्व माध्यमिक शालाओं को हाई स्कूल में और 12 हाईस्कूलों को हायर सेकेण्डरी विद्यालयों में उन्नयन किए जाने के लिए नवीन मद में प्रावधान है।

छात्रावास-आश्रमों के लिए 106 भवनों का निर्माण 

भवन विहीन 40 हाईस्कूलों और 17 हायर सेकेण्डरी विद्यालयों के लिए नवीन भवन का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए 50 करोड़ का प्रावधान है। रामकृष्ण मिशन आश्रम नारायणपुर द्वारा संचालित आवासीय विद्यालय कुतुल, कच्चापाल, ईरकभट्ठी, कुंदला और आकाबेड़ा में कर्मचारी आवास और अहाता निर्माण हेतु 6 करोड़ 95 लाख का नवीन मद में प्रावधान है। अनुसूचित जाति और जनजाति वर्ग के विद्यार्थियों के लिये संचालित भवन विहीन छात्रावास-आश्रमों के लिए 106 भवनों का निर्माण किया जाएगा। इसके लिए 50 करोड़ का प्रावधान है।

सरगुजा में ऑडिटोरियम का निर्माण

बस्तर जिला जगदलपुर, बासीन जिला बालोद, माकड़ी जिला कोंडागांव में शासकीय महाविद्यालय और मुंगेली में शासकीय कन्या महाविद्यालय की स्थापना के लिए बजट में प्रावधान है। 16 शासकीय महाविद्यालयों में स्नातक स्तर पर नवीन संकाय तथा 23 शासकीय महाविद्यालयों में स्नातकोत्तर स्तर पर नवीन संकाय खोलने हेतु बजट में प्रावधान है।  भवन विहीन 18 शासकीय महाविद्यालयों के लिये नवीन भवन का निर्माण और 22 महाविद्यालयों में अतिरिक्त अध्यापन कक्षों का निर्माण और शासकीय महाविद्यालय सीतापुर जिला सरगुजा में ऑडिटोरियम का निर्माण किया जाएगा।

बजट में सेट-अप और 10 करोड़ 96 लाख का प्रावधान

शासकीय महाविद्यालय पखांजूर में कन्या और बालक छात्रावास की स्थापना और भवन निर्माण के लिए 2 करोड़ 30 लाख का प्रावधान है। प्रदेश के 28 औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थाओं में संबद्ध हायर सेकेण्डरी स्कूल के विद्यार्थियों के मांग अनुसार नवीन ट्रेड प्रारंभ करने के लिए बजट में सेट-अप और 10 करोड़ 96 लाख का प्रावधान है।

महिला और बाल विकास

एकीकृत बाल विकास सेवा, मुख्यमंत्री बाल संदर्भ योजना, वजन त्यौहार तथा नवा जतन कार्यक्रम जैसी योजनाओं और मुख्यमंत्री पोषण अभियान के समन्वित प्रयास से बीते तीन सालों के दौरान कुपोषण में 8.7 प्रतिशत की कमी दर्ज की गई है। राष्ट्रीय परिवार स्वास्थ्य सर्वेक्षण-5 के मुताबिक राज्य में कुपोषण का प्रतिशत 31.3 है, जो कुपोषण के राष्ट्रीय औसत 32.1 प्रतिशत से कम है। साल 2019 में 4 लाख 33 हजार कुपोषित बच्चों को चिन्हांकित करके मुख्यमंत्री सुपोषण अभियान प्रारंभ किया गया था। इनमें से 1 लाख 72 हजार बच्चे अब तक कुपोषण के कुचक्र से बाहर आ चुके हैं।

साल 2022-23 के प्रावधान में 30 प्रतिशत की वृद्धि

छत्तीसगढ़ महिला कोष द्वारा वितरित महिला स्व-सहायता समूहों का 12 करोड़ 77 लाख का बकाया ऋण माफ किया गया है। इस योजना में दिए जाने वाले प्रथम ऋण की सीमा 50 हजार से बढ़ाकर 1 लाख से 2 लाख तक कर दी गई है। प्रथम ऋण को सफलतापूर्वक वापस करने पर 2 लाख से 4 लाख तक के द्वितीय ऋण का प्रावधान किया गया है। छत्तीसगढ़ महिला कोष के लिये वर्ष 2018-19 की तुलना में साल 2022-23 के प्रावधान में 30 प्रतिशत की वृद्धि करते हुए 5 करोड़ 20 लाख का प्रावधान किया गया है।

स्वास्थ्य सुविधाएं

प्रदेश की स्वास्थ्य सुविधाओं को सुदृढ़ बनाने हेतु नवीन भवनों का निर्माण, आधुनिक लैब और उपकरणों की स्थापना के साथ-साथ अतिरिक्त मानव संसाधन की व्यवस्था के लिए प्रयास किए गए हैं। बीते 2 सालों के दौरान स्वास्थ्य विभाग में 2 हजार 409 पदों पर भर्ती की गई है, जिसमें चिकित्सा अधिकारी 1 हजार 329, बहुउद्देशीय पुरूष स्वास्थ्य कार्यकर्ता 282 और बहुउद्देशीय महिला स्वास्थ्य कार्यकर्ता 328, लैब टेक्नीशियन 278 और तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के 192 कर्मचारी सम्मिलित हैं। राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन कार्यक्रम के तहत राज्य के तीन जिला अस्पताल और 18 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र समेत कुल 27 अस्पतालों को भारत सरकार के स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय द्वारा गुणवत्ता प्रमाण पत्र प्रदान किया गया है।

थोरेसिक सर्जरी विभाग में 150 पदों के सृजन

जगरगुंडा जिला सुकमा में 30 बिस्तर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र और अहिवारा जिला दुर्ग में 10 बिस्तर एन.आर.सी. की स्थापना के लिए 45 नवीन पदों के सृजन और खैरागढ़ में 50 बिस्तर सिविल अस्पताल के भवन निर्माण हेतु बजट में प्रावधान है। अंबिकापुर और कांकेर के चिकित्सा महाविद्यालयों में उपकरण क्रय हेतु 37 करोड़ और रायपुर चिकित्सा महाविद्यालय में कार्डियोवेस्कुलर और थोरेसिक सर्जरी विभाग में 150 पदों के सृजन के लिए नवीन मद में प्रावधान है। चिकित्सा महाविद्यालय रायपुर में स्नातक छात्र-छात्राओं के लिए छात्रावास निर्माण तथा कर्मचारियों के लिए आवास निर्माण के लिए 03 करोड़ का प्रावधान है। प्रधानमंत्री आयुष्मान भारत हेल्थ इन्फ्रास्ट्रक्चर मिशन के लिए 126 करोड़ और पन्द्रहवें वित्त आयोग अंतर्गत 454 करोड़ का नवीन मद  में प्रावधान है।

वानिकी गतिविधियां

कैम्पा मद की राशि से क्षतिपूर्ति वनीकरण के अतिरिक्त वनों की सुरक्षा, वन्य प्राणियों के रहवास में सुधार और वन क्षेत्र में भूजल संरक्षण के कार्य स्वीकृत किए गए हैं। साल 2022-23 की कार्ययोजना में 1 हजार 950 नालों को उपचारित करने के लिए 300 करोड़ का प्रस्ताव है। वन प्रबंधन समिति के सदस्यों को स्व-सहायता समूहों का गठन कर वनोपज आधारित लघु और मध्यम उद्योगों के माध्यम से वैकल्पिक रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ द्वारा वर्तमान में 65 वनोपज का क्रय किया जा रहा है। संघ द्वारा 2018 में 3 करोड़ 81 लाख के वनोपज का क्रय किया गया था, जबकि 2020-21 में क्रय किए गए वनोपज का मूल्य 153 करोड़ है।

रागी 3 हजार 377 रूपये प्रति क्विंटल

छत्तीसगढ़ लघु वनोपज संघ के द्वारा कोदो-कुटकी 3 हजार रूपये और रागी 3 हजार 377 रूपये प्रति क्विंटल की दर से क्रय किया जा रहा है। साथ ही 10 हजार प्रति एकड़ की दर से सहायता राशि भी प्रदान की जा रही है। प्रदेश के विभिन्न स्व-सहायता समूहों द्वारा उत्पादित सामग्री के विक्रय के लिए प्रत्येक नगरीय निकाय क्षेत्र में सी-मार्ट की स्थापना की जाएगी। इसके लिए 5 करोड़ का प्रावधान है।

नगरीय सुविधाएं

नागरिकों को उचित मूल्य पर जेनेरिक दवाइयां और सर्जिकल सामान उपलब्ध कराने के लिए 136 श्री धनवंतरी जेनेरिक मेडिकल स्टोर्स की स्थापना की गई है। इस योजना के तहत अबतक 17 करोड़ 92 लाख बाजार मूल्य की दवाईयों पर 10 करोड़ रूपये की छूट देते हुए 5 लाख 92 हजार नागरिकों को लाभान्वित किया गया है।  मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना के तहत 14 नगर निगमों में 60 मोबाइल एम्बुलेंस और दाई-दीदी क्लीनिक का संचालन किया जा रहा है। योजना की सफलता को देखते हुए इसे प्रदेश के समस्त नगरपालिका और नगरपंचायतों के लिए लागू किया जाएगा। इसके लिए 50 करोड़ का प्रावधान है।

सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापना

शहरी निर्धन परिवारों को आवास उपलब्ध कराने के लिए 'मोर जमीन मोर मकान' और 'मोर मकान मोर चिन्हारी' योजनाओं के तहत 450 करोड़ का प्रावधान है। आर्थिक गतिविधियों को गति प्रदान करने के उद्देश्य से नगरीय निकायों के सम्पत्ति के ऑफसेट मूल्य को कलेक्टर गाइडलाइन में निर्धारित दर से 30 प्रतिशत कम करने की घोषणा की गई है। मिशन अमृत 2.0 के तहत शहरों में स्वच्छ और सुरक्षित जल और समस्त घरों में नल कनेक्शन प्रदान करने के लिए 200 करोड़ और नगरीय निकायों को जल आवर्धन योजना में 380 करोड़ का प्रावधान है। कोरबा, दंतेवाड़ा, सक्ति, शिवरीनारायण और चन्द्रपुर में सीवरेज ट्रीटमेंट प्लांट स्थापना के लिए 20 करोड़ का प्रावधान है।

खेल और युवा कल्याण गतिविधियां

राज्य की युवाशक्ति को संगठित कर प्रदेश के विकास में सहभागिता बढ़ाने के लिए राजीव युवा मितान क्लब का गठन किया जा रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों में 11 हजार 664 और नगरीय क्षेत्रों में 1 हजार 605 क्लबों का गठन किया जायेगा। इसके लिए 75 करोड़ का प्रावधान है। नारायणपुर जिले में आदिवासी विद्यार्थियों के मल्लखंभ कौशल को निखारने के लिये मल्लखंभ अकादमी की स्थापना की जायेगी। इसके लिए 2 करोड़ 83 लाख का प्रावधान है। लाभांडी जिला रायपुर में निर्माणाधीन टेनिस अकादमी के सेट-अप और फर्नीचर उपकरण के लिये 1 करोड़ 70 लाख का प्रावधान है।

जनप्रतिनिधियों के माध्यम से स्थानीय विकास गतिविधियां

जनता की मांग के अनुरूप स्थानीय विकास के कार्यों की त्वरित स्वीकृति दिए जाने के उद्देश्य से विधायक निधि की राशि 2 करोड़ से बढ़ाकर 4 करोड़ करने की घोषणा की गई है। इसके लिए 364 करोड़  का प्रावधान है। जिला पंचायत अध्यक्षों के लिए 15 लाख, उपाध्यक्षों के लिए 10 लाख और सदस्यों के लिए 4 लाख प्रतिवर्ष के मान से जिला पंचायत विकास निधि योजना में 22 करोड़ का प्रावधान है।

विकास निधि योजना में 66 करोड़ का प्रावधान

जनपद पंचायत अध्यक्षों के लिए 5 लाख, उपाध्यक्षों के लिए 3 लाख और सदस्यों के लिए 2 लाख प्रतिवर्ष के मान से जनपद पंचायत विकास निधि योजना में 66 करोड़ का प्रावधान है। जिला पंचायत, जनपद पंचायत और ग्राम पंचायत के पदाधिकारियों के मानदेय में भी वृद्धि की गई है। जिला पंचायत अध्यक्षों का मानदेय 15 हजार से बढ़ाकर 25 हजार, जिला पंचायत उपाध्यक्षों का मानदेय 10 हजार से बढ़ाकर 15 हजार और जिला पंचायत सदस्यों का मानदेय 6 हजार से बढ़ाकर 10 हजार प्रतिमाह किया गया है।

सरपंचों का भत्ता 2 हजार से बढ़ाकर 4 हजार 

जनपद पंचायत अध्यक्षों का मानदेय 6 हजार से बढ़ाकर 10 हजार, जनपद पंचायत उपाध्यक्षों का मानदेय 4 हजार से बढ़ाकर 6 हजार और जनपद पंचायत सदस्यों का मानदेय 1 हजार 500 से बढ़ाकर 5 हजार प्रतिमाह करने की घोषणा की गई। सरपंचों का भत्ता 2 हजार से बढ़ाकर 4 हजार और पंचों का भत्ता 200 से बढ़ाकर 500 रूपये प्रतिमाह किया गया है। इसके लिए 184 करोड़ का प्रावधान है। ग्राम पंचायतों को और अधिक आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने की कड़ी में अधिसूचित क्षेत्रों में रेत खदानों का संचालन पंचायतों द्वारा किए जाने की घोषणा की गई।

9 गांवों का सर्वे पूरा 

वहीं किसी भी ग्राम पंचायत की सहमति के बिना पंचायत क्षेत्र में कोई भी खदान संचालित नहीं की जाएगी। अबूझमाड़ क्षेत्र के 237 ग्राम अब तक असर्वेक्षित होने के कारण यहां के किसान विभिन्न योजनाओं के लाभ से वंचित थे। इस क्षेत्र के 9 गांवों का सर्वे पूरा करके 676 किसानों को अस्थायी भू-अभिलेख दिए जा चुके हैं। बाकी ग्रामों का सर्वेक्षण जल्द ही पूर्ण किया जाएगा।

राजस्व और पुलिस प्रशासन

प्रदेश में 6 नवीन तहसीलें देवकर और भिंभौरी जिला बेमेतरा, जरहागांव जिला मुंगेली, दीपका और भैंसमा जिला कोरबा, कोटाडोल जिला कोरिया स्थापित की जाएंगी। इसके लिए 84 पदों के सेट-अप का प्रावधान है। 11 नवीन अनुविभाग कार्यालयों की स्थापना मालखरौदा जिला जांजगीर-चाम्पा, बलरामपुर और राजपुर जिला बलरामपुर-रामानुजगंज, धमधा जिला दुर्ग, भोपालपट्टनम और भैरमगढ़ जिला बीजापुर, बागबहरा जिला महासमुंद, भरतपुर और खड़गवां-चिरमिरी जिला कोरिया, तिल्दा-नेवरा जिला रायपुर और सहसपुर-लोहारा जिला कबीरधाम में की जाएगी। इसके लिए 77 पदों के सेट-अप का प्रावधान है।

23 नवीन पदों के सृजन का प्रावधान

प्रदेश के ब्लॉक मुख्यालय में कार्यरत शासकीय अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए आवास भवनों का निर्माण किया जा रहा है। इसके लिए नवीन मद में 58 करोड़ का प्रावधान है। चिटफंड कंपनियों से पीड़ित 17 हजार 404 निवेशकों को 11 करोड़ 23 लाख की राशि वापस दिलाई गई है। मानव तस्करी की रोकथाम के लिए राज्य स्तर पर एन्टी ह्यूमन ट्रैफिकिंग ब्यूरो और सतर्कता और शिकायत सेल का गठन किया जाएगा। इसके लिए 23 नवीन पदों के सृजन का प्रावधान है।

सुरक्षा व्यवस्था के लिए 114 नवीन पदों के सृजन 

बस्तर संभाग में कार्यरत सहायक आरक्षकों को वेतन भत्तों और पदोन्नति का लाभ देने के लिए 'डिस्ट्रिक्ट स्ट्राइक फोर्स' नाम से नवीन कैडर का गठन करने की घोषणा की है। नव गठित जिलों (मानपुर-मोहला-चौकी, सक्ती, सारंगढ-बिलाई गढ़ और मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर) की स्थापना के लिए 1 हजार 100 नवीन पदों के सृजन का प्रावधान है। जिला बिलासपुर और जगदलपुर में एयरपोर्ट की सुरक्षा व्यवस्था के लिए 114 नवीन पदों के सृजन का प्रावधान है। 03 नवीन पुलिस चौकी क्रमश भैंसा जिला रायपुर, घटारानी जतमई जिला गरियाबंद, राहूद जिला जांजगीर की स्थापना के लिए 99 पदों के सृजन का प्रावधान है।

अमर जवान ज्योति स्मारक की स्थापना

05 पुलिस चौकी मारो जिला बेमेतरा, जेवरा-सिरसा जिला दुर्ग, नैला जिला जांजगीर-चांपा, खरसिया जिला रायगढ़ और वाड्रफनगर जिला बलरामपुर का थाने में उन्नयन के लिए 226 नवीन पदों के सृजन का प्रावधान है। 300 नग बुलेट प्रुफ जैकेट क्रय के लिए 03 करोड, वाटर कूलर क्रय के लिए 1 करोड़ 58 लाख और समस्त थानों में CCTV कैमरा लगाने के लिए 25 करोड़ का प्रावधान है। शहीदों के सम्मान के लिए रायपुर में छत्तीसढ़ अमर जवान ज्योति स्मारक की स्थापना, पुलिस मेमोरियल टॉवर और अन्य निर्माण कामों के लिए बजट में प्रावधान है। पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों के आवासीय सुविधा के लिए 320 आवास गृहों को क्रय करने के लिए 65 करोड़ का प्रावधान है।

9 जेलों में 50-50 बंदी क्षमता के बंदी बैरक निर्माण

राज्य के 9 जेलों में 50-50 बंदी क्षमता के बंदी बैरक निर्माण और अन्य निर्माण कामों के लिए 16 करोड़ 96 लाख का प्रावधान है। भवन और सड़कों का निर्माण और संधारण लोक निर्माण विभाग के बजट में कुल 6 हजार 638 करोड़ का प्रावधान है। राज्य बजट के अतिरिक्त अन्य संसाधनों से भी वित्त व्यवस्था करते हुए वर्तमान में 16 हजार करोड़ से भी अधिक लागत के सड़क और पुल निर्माणाधीन है। राज्य मार्गो के निर्माण के लिए 228 करोड़, मुख्य जिला सड़कों के निर्माण के लिए 458 करोड़, ग्रामीण मार्गो के निर्माण के लिए 810 करोड़, वृहद और मध्यम पुलों के निर्माण के लिए 315 करोड़ और रेल्वे ओवरब्रिज निर्माण के लिए 90 करोड़ का प्रावधान है।

साल 2021-22 का पुनरीक्षित और 2022-23 का बजट अनुमान

शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 659 नवीन निर्माण कार्य प्रस्तावित हैं। इसमें 502 सड़क कार्य हेतु 365 करोड़, 134 वृहद् और मध्यम पुल कार्य के लिए 103 करोड़ तथा 8 नवीन शासकीय विश्रामगृह के निर्माण के लिए 3 करोड़ का प्रावधान है। 15 रेलवे ओवरब्रिज कार्य के सर्वेक्षण के लिए 8 करोड़ 65 लाख का प्रावधान है। मुख्यमंत्री सुगम सड़क योजना अंतर्गत राज्य में निर्मित शासकीय भवनों जैसेः- स्कूल, स्वास्थ्य केन्द्र, आंगनबाड़ी को पक्की सड़क से जोड़ने के लिए पहुंच मार्ग के निर्माण की लोकप्रियता को देखते हुए बजट में 150 करोड़ का प्रावधान है। एशियन विकास बैंक की सहायता से निर्माणाधीन सड़क विकास परियोजना के लिए 884 करोड़ का प्रावधान है। नाबार्ड की सहायता से ग्रामीण मार्गो और मध्यम पुलों के निर्माण के लिए 236 करोड़ का प्रावधान है। साल 2021-22 का पुनरीक्षित और 2022-23 का बजट अनुमान है।  

पूंजीगत प्राप्तियां 14 हजार 927 करोड़ अनुमानित

साल 2021-22 में कुल प्राप्ति के बजट अनुमान 97 हजार 145 करोड़ की तुलना में पुनरीक्षित अनुमान 99 हजार 601 करोड़ है। इस प्रकार बजट अनुमान की तुलना में पुनरीक्षित अनुमान में 2.52 प्रतिशत की वृद्धि अनुमानित है। कुल प्राप्तियों में होने वाली वृद्धि को देखते हुए अधिक आवश्यकता वाली योजनाओं के लिए अतिरिक्त राशि दिए जाने का प्रस्ताव है। परिणामस्वरूप कुल व्यय का बजट अनुमान 97 हजार 106 करोड़ से बढ़ा करके पुनरीक्षित अनुमान 99 हजार 559 करोड़ प्रस्तावित किया गया है। साल 2022-23 में 1 लाख 04 हजार करोड़ की कुल प्राप्ति का बजट अनुमान है, जो बीते साल की अनुमानित बजट प्राप्तियों से 7 प्रतिशत अधिक है। कुल प्राप्तियों में राज्य की राजस्व प्राप्तियां 44 हजार 500 करोड़, केन्द्र से प्राप्तियां 44 हजार 573 करोड़ और पूंजीगत प्राप्तियां 14 हजार 927 करोड़ अनुमानित है।

सामान्य सेवा क्षेत्र के लिए 23 प्रतिशत का प्रावधान

साल 2022-23 के लिए विनियोग का आकार 1 लाख 12 हजार 603 करोड़ का है। सकल व्यय से ऋणों की अदायगी और पुनर्प्राप्तियों को घटाने पर शुद्ध व्यय 1 लाख 04 हजार करोड़ अनुमानित है। राजस्व व्यय 88 हजार 372 करोड़ और पूंजीगत व्यय 15 हजार 241 करोड़ है। वर्ष 2022-23 में पूंजीगत व्यय कुल व्यय का 14.6 प्रतिशत है। प्रदेश में अनुसूचित जनजाति और अनुसूचित जाति वर्ग के विकास के लिए अनुसूचित जनजाति उपयोजना मद मे 33 प्रतिशत और अनुसूचित जाति उपयोजना मद में 12 प्रतिशत का बजट प्रावधान किया गया है। साल 2022-23 के बजट में सामाजिक क्षेत्र के लिए 37 प्रतिशत, आर्थिक क्षेत्र के लिये 40 प्रतिशत और सामान्य सेवा क्षेत्र के लिए 23 प्रतिशत का प्रावधान किया गया है। 

राजकोषीय स्थिति

CM ने कहा कि राज्य का स्थापना व्यय प्रतिवर्ष बढ़ रहा है। राज्य के सभी वर्ग के लोगों को कल्याणकारी योजनाओं का समुचित लाभ देने के लिए भी प्रतिवर्ष अधिक राशि की आवश्यकता को देखते हुए राज्य के स्वयं के राजस्व को बढ़ाने की दिशा में हम निरंतर प्रयत्नशील हैं। राज्य में कर और करेत्तर राजस्व अर्जन करने वाले विभागों में प्रचलित कराधान नियम-धिनियम, प्रचलित कर दरों और अन्य सुसंगत दस्तावेजों का अध्ययन और समीक्षा करके करवृद्धि के सुझाव प्रस्तुत करने के लिए वित्त विभाग के अंतर्गत 'करावर्धन प्रकोष्ठ' का गठन किया जाएगा।

सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में ऋणभार 22 प्रतिशत

पंजीयन विभाग के द्वारा अभिलेखों के पंजीयन शुल्क पर रोजगार और युवा विकास उपकर अधिरोपित किया जायेगा, जिससे 100 करोड़ की अतिरिक्त आय होगी। मार्च 2021 की स्थिति में राज्य का ऋणभार कुल बजट की तुलना में 80 प्रतिशत और राज्य के सकल घरेलू उत्पाद की तुलना में ऋणभार 22 प्रतिशत है, जो कि भारत सरकार और अन्य राज्यों की तुलना में काफी बेहतर है। राज्य के आय-व्यय को संतुलित रखने की दृष्टि से व्यय में मितव्ययिता संबंधी प्रावधानों को आगे भी निरंतर रखा जाएगा।  

साल 2022-23 में कुल 701 करोड़ का राजस्व

राज्य का सकल वित्तीय घाटा 14 हजार 600 करोड़ अनुमानित है, जो राज्य के सकल घरेलू उत्पाद का 3.3 प्रतिशत है। साल 2022-23 के लिए कुल प्राप्तियां 1 लाख 04 हजार करोड़ के विरूद्ध शुद्ध व्यय 1 लाख 04 हजार करोड़ अनुमानित है। राज्य की कुल राजस्व प्राप्तियां 89 हजार 73 करोड़ और कुल राजस्व व्यय 88 हजार 372 करोड़ अनुमानित है। ऐसे में साल 2022-23 में कुल 701 करोड़ का राजस्व अनुमानित है। CM  ने कहा कि साल 2022-23 के लिए कोई कर प्रस्ताव नहीं है। 

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