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कोविड को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को लिखा पत्र, पाबंदियों को लेकर कही ये बात

देश में कोरोना की रफ्तार धीमी होती जा रही है। बीते कुछ हफ्तों से लगातार कोरोना मामलों में कमी देखी जा रही है, जिसके बाद सभी राज्यों ने कोरोना प्रतिबंधों में ढील देनी भी शुरू हो कर दी है। अब इसे लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक पत्र लिखा है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से राज्यों को कहा गया है कि वो कोरोना के हालात का रिव्यू करें और लगाए गए प्रतिबंधों में छूट देना शुरू कर सकते हैं। क्योंकि देश में अब कोरोना की स्थिति काबू में नजर आ रही है। केस लगातार घट रहे हैं। 

केंद्रीय मंत्रालय की तरफ से पत्र में कोरोना के आंकड़े भी दिए गए हैं, जिसमें बताया गया है कि 24 घंटे के अंदर देशभर में कुल 27 हजार 409 केस सामने आए हैं। जबकि बीते हफ्ते ये आंकड़ा 50 हजार के पार था। वहीं पॉजिटिविटी रेट भी घटकर 15 फरवरी को 3.63% हो गया। हालांकि स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से ये भी कहा गया है कि कोरोना की स्थिति को लगातार मॉनिटर भी करते रहें। रोजाना आने वाले नए मामलों और संक्रमण दर पर नजर रखना जरूरी है। इसके लिए टेस्टिंग, ट्रेसिंग, ट्रीट, वैक्सीनेशन और कोरोना के सभी नियमों का पालन करना चाहिए। 

बढ़ते संक्रमण को देखते हुए सभी राज्यों ने लगाए थे प्रतिबंध 

बता दें कि इससे पहले जब कोरोना की तीसरी लहर शुरू हुई थी तो केस तेजी से बढ़ने लगे थे। वहीं कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन का खतरा भी लगातार बढ़ रहा था, जिसके चलते सभी राज्यों ने एहतिहातन कई तरह के प्रतिबंध लगाना शुरू किया। जिसका सीधा असर लोगों पर पड़ा, लेकिन कुछ ही हफ्तों में कोरोना मामले कम होते दिखे तो राज्यों ने भी ढील देनी शुरू कर दी। ज्यादातर राज्यों ने कोरोना प्रतिबंधों को लगभग खत्म कर लिया है, लेकिन कुछ राज्य ऐसे हैं, जहां पर नाइट कर्फ्यू जैसे प्रतिबंध अब भी जारी है। 

ट्रैवलिंग को लेकर भी सलाह

ट्रैवलिंग को लेकर भी कुछ प्रतिबंध हैं, जिन्हें खत्म करने को लेकर अब स्वास्थ्य मंत्रालय ने सलाह दी है। कोरोना की तीसरी लहर में रिकॉर्ड केस दर्ज किए गए, लेकिन इस बार राहत की बात ये रही कि लोगों पर बुरा असर नहीं हुआ। यानी मृत्यु दर उस तरह नहीं थी, जैसा कि दूसरी लहर में देखने को मिला था। इसका कारण एक्सपर्ट्स ने वैक्सीनेशन को बताया। क्योंकि देश में ज्यादातर लोगों को कोरोना की दोनों डोज लगाई जा चुकी है। ऐसे में इस वायरस से लड़ने की क्षमता भी बढ़ गई। 

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