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संसदीय सचिव की अपील के बाद गौठानों में 6697 टन पैरादान, मवेशियों के लिए चारे की व्यवस्था करने में हो रही आसानी

महासमुंद। संसदीय सचिव और विधायक विनोद सेवनलाल चंद्राकर के पैरादान की अपील के बाद जिले के गौठानों में अब तक छह हजार छह सौ 97 टन पैरादान किया गया है। इससे गौठानों में किसानों द्वारा पैरादान करने से गायों के लिए चारे की व्यवस्था करने में गौठान प्रबंधन समिति को आसानी हो रही है। संसदीय सचिव चंद्राकर ने पिछले दिनों जिले के किसानों से पैरादान करने का आव्हान किया था। बाद इसके आज तक की स्थिति में जिले के 551 गौठानों में 6697.19 टन पैरादान हो चुका है। जिसमें महासमुंद ब्लॉक के 105 गौठान, बागबाहरा ब्लॉक के 111 गौठान, पिथौरा ब्लॉक के 126 गौठान, बसना ब्लॉक के 102 गौठान व सरायपाली के 107 गौठानों में छह हजार 518 किसानों ने पैरादान किया है। 

पैरादान का सिलसिला अभी भी चल रहा है। संसदीय सचिव चंद्राकर ने कहा कि गौठानों में सूखा चारा की उपलब्धता सुनिश्चित करने किसानों को पैरादान के लिए आगे आने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि खेत में पैरा को जलाने से धरती की उर्वरा शक्ति कम हो जाती है। किसानों से फसल अवशेषों का उचित प्रबंधन कर खेतों और पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचाने की अपील करते हुए कहा कि फसल अवशेषों को जलाना नहीं चाहिए। 

मिट्टी की उर्वरता में कमी

खेतों को जल्दी तैयार करने के लिए किसानों द्वारा अवशेषों को जला दिया जाता है। इससे नुकसानदायक गैस का उत्सर्जन होता है। इससे न केवल पर्यावरण प्रदूषित होता है बल्कि जनजीवन के साथ ही मिट्टी की उर्वरता में कमी आती है। 

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