कोरोना संक्रमण से बचाव और उससे होने वाली मौतों को रोकने के लिए कोरोना की वैक्सीन ही अभी संजीवनी साबित हो रही है। इसी बीच केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि कोरोना वैक्सीन लगवाने के लिए रजिस्ट्रेशन कराते वक्त आधार कार्ड देना अनिवार्य नहीं है। सोमवार को जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस ए सूर्यकांत की बेंच ने सुनवाई के दौरान सरकार ने ये जवाब दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 1 अक्टूबर 2021 को उस याचिका पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी कर जवाब देने को कहा था, जिसमें याचिकाकर्ता ने कहा था कि केंद्र को निर्देश दिया जाए कि कोविड वैक्सीनेशन के लिए सिर्फ आधार कार्ड ही न मांगा जाए।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता ने कहा था कि कोविन एप में 9 तरह के पहचान पत्र की बात है, लेकिन वैक्सीनेशन सेंटर पर आधार मांगा जा रहा है और ऐसे में केंद्र को निर्देश जारी करने की जरूरत है। सुनवाई के दौरान बेंच ने सरकार से कहा कि पूरी तरह यह सुनिश्चित करें कि वैक्सीन के लिए आधार कार्ड नहीं मांगा जाए। कोर्ट में सरकार ने बताया कि वैक्सीन रजिस्ट्रेशन के लिए पासपोर्ट, राशन कार्ड, ड्राइविंग लाइसेंस, पेन कार्ड और वोटर कार्ड जैसे दस्तावेज का ऑप्शन दिया गया है।
87 लाख लोगों को बिना प्रूफ के वैक्सीन
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि सरकार की तरफ से अभी तक 87 लाख लोगों को बिना किसी रेजिडेंस प्रूफ के वैक्सीन मुहैया कराई गई है। इनमें भिखारी, जेल में बंद कैदी और सड़कों पर घूमने वाले मानसिक विक्षिप्त भी शामिल हैं। सुनवाई के बाद बेंच ने कहा कि वैक्सीन की सुविधा पाने के लिए आधार कार्ड की जरूरत नहीं है और सभी संबंधित प्राधिकारी सरकार के नियमों का पालन करें।
देश में वैक्सीनेशन का आंकड़ा 170 करोड़ के पार
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के मुताबिक भारत में कोविड वैक्सीनेशन का आंकड़ा 170 करोड़ 18 लाख के पार हो गया है। देश में अब तक टीके का 95 करोड़ 25 लाख से ज्यादा पहला और 73 करोड़ 47 लाख से ज्यादा दूसरा डोज लगाया गया है। वहीं 1 करोड़ 45 लाख से ज्यादा बूस्टर डोज लगाए गए हैं।