छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचल में पढ़ने वाले बच्चों ने अखिल भारतीय मेडिकल प्रवेश परीक्षा 2021 में शानदार प्रदर्शन किया है। इससे आदिवासी बच्चों को डॉक्टर बनने का सपना साकार हो रहा है। राज्य के दूरस्थ अंचलों में स्थापित एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय के 9 विद्यार्थियों का चयन इस साल MBBS की पढ़ाई के लिए हुआ है। आदिम जाति कल्याण मंत्री प्रेमसाय सिंह टेकाम ने सभी सफल विद्यार्थियों को बधाई देते हुए उनके उज्जवल भविष्य की कामना की है।
नीट 2021 में सफल विद्यार्थियों ने एकलव्य आदर्श विद्यालय कटेकल्याण जिला दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा की 5 छात्राओं, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय तरेगांव जंगल जिला कबीरधाम के दो छात्रों, एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय छोटे मुड़पार खरसिया जिला रायगढ़ के दो छात्र शामिल हैं। ये सभी विद्यार्थी ग्रामीण पृष्ठभूमि और कृषक परिवार से संबंधित हैं। एकलव्य आदर्श विद्यालय कटेकल्याण जिला दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा की 5 छात्राओं ने दंतेवाड़ा जिले में संचालित छू लो आसमान कोचिंग संस्था से MBBS प्रवेश परीक्षा की तैयारी की है। इनमें से गीदम तहसील के गांव बडे़पनेड़ा की कुमारी पीयुषा वेक रायपुर के पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति कॉलेज में डॉक्टरी की पढ़ाई करेंगी।
इसी तरह गीदम तहसील के ही गांव बड़ेपनेड़ा की रमशीला वेक भी रायपुर के पंडित जवाहरलाल नेहरू स्मृति कॉलेज में डॉक्टरी की पढ़ाई करेंगी। कुआकोण्डा तहसील के गांव समेली निवासी इन्दु कोडोपी छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस बिलासपुर में डॉक्टरी की पढ़ाई करेंगी। बीजापुर तहसील के गांव बोरजे की मदमा मेडे का चयन भी छत्तीसगढ़ इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस बिलासपुर में डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए हुआ है। कोंटा तहसील के नक्सल प्रभावित क्षेत्र फंदीगुड़ा की सलवम पाले रायपुर के शासकीय दंत चिकित्सा कॉलेज रायपुर में डॉक्टरी की पढ़ाई करेंगी।
इसी प्रकार एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय तरेगांव जंगल जिला कबीरधाम के रघुनंदन धुर्वे शासकीय मेडिकल कॉलेज बिलासपुर में डॉक्टरी की पढ़ाई करेंगे। इसी विद्यालय के दिग्विजय सिंह मसराम शासकीय मेडिकल कॉलेज कांकेर में डॉक्टरी की पढ़ाई करेंगे। एकलव्य आदर्श आवासीय विद्यालय छोटे मुड़पार खरसिया जिला रायगढ़ के त्रिभुवन सिदार शासकीय मेडिकल कॉलेज अम्बिकापुर में डॉक्टरी की पढ़ाई करेंगे। इसी विद्यालय के पारसमणी राठिया भी शासकीय मेडिकल कॉलेज अंबिकापुर में डॉक्टरी की पढ़ाई करेंगे।
अब ऑनलाइन प्लेटफार्म पर माटीकला बोर्ड के उत्पाद
वहीं माटीकला बोर्ड के उत्पाद अब ऑनलाइन प्लेटफार्म पर उपलब्ध हैं। बोर्ड द्वारा सूरजपुर जिले में स्थापित ग्लेजिंग यूनिट के माध्यम से लगभग 200 कुम्हारों को नियमित रूप से रोजगार उपलब्ध कराया जा रहा है। इस यूनिट के माध्यम से मिट्टी के अनेक कलात्मक वस्तुओं का उत्पादन किया जा रहा है। ग्रामोद्योग मंत्री गुरु रूद्रकुमार की पहल पर सूरजपुर के तेलइकछार ग्लेजिंग यूनिट की स्थापना कोविड संकट काल में प्रवासी मजदूरों को रोजगार का जरिया उपलब्ध कराने के उद्देश्य से की गई थी। इस यूनिट के माध्यम से कुम्हारों को बेहतर आजीविका के साधन उपलब्ध कराने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। यह भी
मिट्टी के बर्तनों का उपयोग
बता दें कि मंत्री गुरु रूद्रकुमार ने मिट्टी के बर्तनों को सभी शासकीय कार्यालयों में के उपयोग को बढ़ाने के लिए सभी जिला कलेक्टरों निर्देश दिए हैं। मंत्री गुरु रूद्र कुमार ने कहा है कि मिट्टी के बर्तनों के उपयोग से जहां कुम्हारों को नियमित रोजगार मिलेगा वहीं पर्यावरण भी सुरक्षित भी होगा। इसके अलावा इस यूनिट के माध्यम से अनेक प्रकार के कलात्मक और सजावटी वस्तुओं का भी निर्माण किया जा रहा है। इसकी बिक्री के लिए इसे ऑनलाइन प्लेटफार्म पर उपलब्ध कराया गया है।
स्टॉक मेंनटेन रखने के निर्देश
सूरजपुर जिले के तेलइकछार में स्थापित ग्लेजिंग यूनिट का कलेक्टर गौरव कुमार सिंह के निर्देश पर जिला CEO ने औचक निरीक्षण किया। उन्होंने कारीगरों को ज्यादा से ज्यादा माटीकला के प्रोडक्टस बनाने और सभी कार्यालय और होटल, ढाबों में उपयोग करने हेतु सर्वे करने को कहा। उन्होंने माटी कला उत्पादों की बिक्री के लिए काउंटर खोलने और डीस्पले लगाने, उत्पादों का वर्गीकरण कर उनका स्टॉक मेंनटेन रखने के निर्देश दिए।