छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में चलाए जा रहे नक्सल उन्मूलन अभियान (Naxalite eradication Campaign) के तहत पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। जिले में लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर 9 नक्सलियों ने CRPF और पुलिस अधिकारियों के सामने सरेंडर किया है। जिले के 2 अलग-अलग थाना क्षेत्रों में नक्सलियों ने पुलिस के सामने हथियार डाले हैं। दंतेवाड़ा में लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 509 नक्सली आत्मसमर्पण कर चुके हैं।
अब तक 509 नक्सलियों ने किया सरेंडर
CRPF DIG विनय कुमार और सीओ दिनेश सिंह चंदेल ने बताया कि दंतेवाड़ा और इसके सीमावर्ती जिलों के गांवों के जो व्यक्ति प्रतिबंधित नक्सली संगठन में सक्रिय हैं, उन्हें राज्य सरकार की नीतियों के तहत आत्मसर्मपण कराकर सम्मानपूर्वक जीवन यापन करने के लिए परिचालनिक अभियान चलाया जा रहा है। आम जनता में विश्वास पैदा कर भटके हुए युवाओं से सरेंडर की अपील की जा रही है। SP सिद्धार्थ तिवारी ने बताया कि सरेंडर नक्सली कई घटनाओं में शामिल रहे हैं। लोन वर्राटू अभियान के तहत अब तक 509 नक्सली सरेंडर कर चुके हैं। अफसरों के सामने नक्सलियों का मिलिशिया सदस्य हिड़मा कवासी, सोमाराम मंडावी, मेडिकल टीम सदस्य सुनील नुप्पो, कोसाराम सोड़ी, हिड़मा माड़वी, मंगलू कुंजाम, सोमड़ी लेकाम, महेश मरकाम व हिड़मा उर्फ कोयली ताती ने सरेंडर किया है।
लोन वर्राटू अभियान
बस्तर में इन दिनों पुलिस लोन वर्राटू अभियान चला रही है। जिसमें माओवाद का रास्ता छोड़ नक्सलियों की घर वापसी कराई जा रही है। बुधवार को लोन वर्राटू अभियान से प्रभावित होकर एक इनामी नक्सली ने समर्पण किया। नक्सली माओवादियों की खोखली विचारधारा को छोड़कर मुख्यधारा से लगातार जुड़ रहे हैं।
क्या है 'लोन वर्राटू' अभियान ?
दंतेवाड़ा में नक्सलियों के लिए एक अनोखी पहल की शुरुआत की गई है। जिसका नाम लोन वर्राटू दिया गया है, जिसका अर्थ है घर वापस लौट आइए। इसके लिए पुलिस के जवानों द्वारा गांव-गांव में प्रचार करवाया जा रहा है।गांव-गांव में पुलिस अधिकारियों के फोन नंबर भी दिए जा रहे हैं, ताकि समर्पण की इच्छा रखने वाले नक्सली सीधे उनसे संपर्क कर सकें। इस अभियान के तहत अब धीरे-धीरे पूरे दंतेवाड़ा जिले से स्थानीय कैडर के नक्सली इस अभियान के तहत पुलिस से संपर्क कर सरकार की मुख्य धारा में लौट रहे हैं।