छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में एक बार फिर नक्सलियों की कायराना करतूत (Naxalites attacks) सामने आई है, जहां पुलिस मुखबिरी के शक में नक्सलियों ने 2 लोगों की हत्या कर दी है। नक्सलियों ने जांगला थाना क्षेत्र में जनअदालत लगाकर सैकड़ों ग्रामीणों के बीच 7 से 8 जनवरी की रात को वारदात को अंजाम दिया है। इधर, बीजापुर के SP कमलोचन कश्यप ने मारे गए दोनों लोगों को नक्सली बताया है। उन्होंने कहा कि नक्सली खुद के साथियों की ही हत्या कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक जिले के नक्सल प्रभावित बेलचर गांव में 2 दिन पहले नक्सलियों ने जनअदालत लगाई थी। नक्सलियों की इस जन अदालत में इलाके के सैकड़ों ग्रामीण मौजूद थे। जनअदालत में भोंगी पोयाम और कोतरापाल निवासी बोटी कुहरामी को सब के बीच खड़ा किया था। ग्रामीणों को बताया गया कि ये दोनों गद्दार हैं और पुलिस की मुखबिरी करते हैं। फिर सैकड़ों ग्रामीणों के सामने दोनों की हत्या कर दी थी।
SP कमलोचन कश्यप ने दी जानकारी
बीजापुर जिले के SP कमलोचन कश्यप ने कहा कि मारे गए दोनों लोगों की फाइल खंगाली गई है। ये दोनों भी नक्सली हैं। बीते कई सालों से संगठन में जुड़कर काम कर रहे थे। इन दोनों के खिलाफ भी बीजापुर जिले के थानों में नामजद अपराध दर्ज हैं। बीजापुर जिले में नक्सलियों ने कुछ दिन पहले अपने ही साथी की हत्या की है। रविवार को गंगालूर एरिया कमेटी के नक्सलियों ने प्रेस नोट जारी किया है। प्रेस नोट के माध्यम से नक्सलियों ने कहा कि उन्होंने अपने साथी नक्सली कमांडर कमलू पुनेम को मौत की सजा दी है। वो गद्दार था। उन्होंने कहा अपनी ही बहन के साथ शारीरिक संबंध रखता था। बहन के साथ भागकर पुलिस के सामने घुटने टेकने जा रहा था, जिसे जनता ने पकड़ा और जन अदालत में लाकर खड़ा कर दिया और मौत की सजा दे दी गई।
पुलिस मुखबिरी के शक में नक्सलियों ने की इतनी हत्याएं
बता दें कि पुलिस मुखबिरी के शक में नक्सली लगातार ऐसी ही वारदात को अंजाम दे रहे हैं। 17 नवंबर 2020 को नक्सलियों ने सुकमा के जंगलों में जन अदालत लगाकर 2 युवकों की हत्या की थी। 21 अक्टूबर 2020 को नक्सलियों ने बीजापुर में एक आरक्षक को अगवा कर जन अदालत लगा उसकी हत्या की थी। साल 2020 में ही नक्सलियों ने नारायणपुर के अबूझमाड़ में 2 युवकों पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर गला रेत का हत्या की थी। साल 2020 में कांकेर जिले में नक्सलियों ने जन अदालत लगा कर एक पूर्व सरपंच की हत्या की थी। साल 2020 में कांकेर जिले में एक दिव्यांग युवक की हत्या कर शव सड़क किनारे फेंका था। इस पर भी पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया गया था।
वहीं 2020 में ही सुकमा जिले में ही नक्सलियों ने एक ग्रामीण पर पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाकर उसकी हत्या कर दी थी। नवंबर 2021 में सुकमा जिले में जन अदालत लगाकर नक्सलियों ने 2 युवकों की हत्या की थी। इन पर भी पुलिस मुखबिरी का आरोप लगाया था। नवंबर 2021 में नक्सलियों ने कांकेर जिले के कोयलीबेड़ा इलाके में जन अदालत लगाकर 1 ग्रामीण की हत्या की थी। जनवरी 2022 में बीजापुर जिले में अपने ही एक साथी कमलू पुनेम को जन अदालत लगाकर मारा था। अब नक्सलियों ने 7-8 जनवरी की रात 2 ग्रामीणों को मार दिया है।
5 साल में नक्सली हिंसा में इतने लोगों की गई जान
बीते 5 साल में छत्तीसगढ़ में नक्सली हिंसा (Naxalite violence) में 1000 लोगों की जान जा चुकी है। इनमें 314 आम लोग भी शामिल हैं। इनका नक्सल आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं था। वहीं 220 जवान शहीद हुए हैं, साथ ही 466 नक्सली भी मुठभेड़ में मारे गए हैं।