बिहार के औदानबिगहा गांव में फूड प्वाइजनिंग की वजह से 2 बच्चों की मौत हो गई है। जबकि तीन महिलाएं गंभीर रुप से बीमार है। फूड प्वाइजनिंग की वजह से जान गंवाने वाले बच्चों की पहचान तीन साल की राधिका कुमारी और पांच साल की रीधन कुमार के रूप में हुई है। जबकि गंभीर रूप से बीमार महिलाओं की पहचान सीमा देवी, उर्मिला देवी और परदादी जमुनी देवी के रूप में हुई है। ये तीनों फूड प्वाइजनिंग के शिकार हुए बच्चों की मां, दादी और परदादी है। तीनों महिला को बेहोशी की हालात में सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उनकी हालत गंभीर बनी हुई है।
जानकारी के मुताबिक बच्चों और महिलाओं ने मंगलवार की शाम को 3 दिन पहले बनी बासी पीठा, चटनी और बासी खेसारी का साग खाया था। वहीं परिवार के मुखिया नीतीश कुमार सब्जी रोटी खाकर विशुनगंज बाजार सोने चले गए। इसके बाद सुबह जब घर से कोई भी बाहर नहीं निकला। इस पर पड़ोसियों ने देर तक आवाज लगाई, लेकिन कोई जवाब नहीं मिलने पर उन्होंने इसकी सूचना नीतीश कुमार को दी।
जहानाबाद सदर अस्पताल में भर्ती तीनों महिलाएं
इसी बीच ग्रामीणों ने छत के सहारे घर में प्रवेश कर देखा तो सभी बेहोशी के हालात में बेसुध पड़े थे। इसके बाद आनन फानन में ग्रामीण सभी को मखदुमपुर अस्पताल लेकर गए, जहां प्राथमिक इलाज के बाद डॉक्टर्स ने उन्हें जहानाबाद सदर अस्पताल रेफर कर दिया। जहानाबाद सदर अस्पताल में डॉक्टर्स ने दोनों बच्चों को मृत घोषित कर दिया। जबकि तीन लोगों का इलाज जारी है। घटना की सूचना मिलने के बाद मौके पर विशुनगंज ओपी की पुलिस पहुंच गई और दोनों बच्चों के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई है।
सभी ने खाई थी सब्जी: परिजन
घटना के बारे में परिजन नीतीश कुमार ने बताया कि मंगलवार की शाम घर के लोगों ने बासी पीठा, चटनी और खेसारी का साग खाई थी। उन्होंने रोटी सब्जी खाई थी। इससे उसकी जान बच गई। वहीं बिशुनगंज ओपी प्रभारी अनिल चौधरी ने कहा कि दोनों मृत बच्चों का पोस्टमॉर्टम कराया गया है। महिलाओं के होश में आने के बाद मामले में और पूछताछ की जाएगी।