छत्तीसगढ़ शासन के स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने होम आइसोलेशन के लिए दिशा निर्देश जारी किए हैं। इन दिशा-निर्देशों के तहत होम आइसोलेशन के लिए मरीज सबसे पहले अपने मोबाइल फोन पर 'आरोग्य सेतु ऐप' डाउनलोड करें। साथ ही 24 घंटे ऐप पर नोटिफिकेशन और लोकेशनन ट्रैकिंग को ऑन रखें। मरीज के द्वारा आइसोलेशन के नियमों का पालन करने के लिए अंडरटेकिंग भरी जानी है। प्रभावित मरीज को घर के अन्य सदस्यों से खुद को दूर रखना चाहिए और उसे अलग कमरे में रहना चाहिए।
प्रभावित मरीज को घर के अन्य लोगों खासकर बुजुर्गों और उच्च ब्लड प्रेशर, हृदय रोग, गुर्दे की बीमारी जैसी बीमारियों से ग्रसित लोगों से पीड़ित को दूर रहना चाहिए। मरीज हमेशा ट्रिपल लेयर मेडिकल मास्क पहन कर रहें और 8 घंटे तक उपयोग के बाद मास्क को फेंक दें। अगर मास्क गीला या गंदा हो जाता है, तो इसे वे तुरंत बदल दें। मास्क को टुकड़ों में काटकर और कम से कम 72 घंटे के लिए पेपर बैग में डालकर रखें उसके बाद एक बंद कूड़ेदान में फेंक दें। घर के दरवाजे, खिड़कियां, टेबल जैसी चीजों को छूने से बचें। ऐसा नहीं करने पर मरीज घर के अन्य सदस्यों को भी कोरोना से संक्रमित कर सकते हैं।
इन चीजों का रखें ध्यान
मरीज सिर्फ अपने लिए चिन्हित शौचालय का ही उपयोग करें। मरीज ज्यादा से ज्यादा आराम करें। किसी भी स्थिति में शरीर में पानी की कमी न होने दें। हाइड्रेशन बनाए रखने के लिए जरुरी है कि तरल पदार्थ जैसे सूप, पानी, जूस पीते रहें। रोजाना 3 बार कम कार्बोहाइड्रेट, उच्च प्रोटीन युक्त आहार, सब्जी और फलों का सेवन करें। मरीज हमेशा मास्क, रुमाल या अपनी कोहनी ढंक कर ही खांसें या छीकें। मरीज अपने हाथों को साबुन और पानी से कम से कम 40 सेकंड तक धोएं या अल्कोहल युक्त सैनिटाइजर से साफ करें। मरीज घर के अन्य लोगों के साथ व्यक्तिगत वस्तु जैसे- बर्तन, तौलिए को साझा न करें।
डॉक्टर के निर्देशों का करें पालन
मरीज अपने कमरे मे वह चीजें, जिन्हें बार-बार छुआ जाता है, जैसे टेबल, दरवाजे का हैंडल, मोबाइल फोन, कम्प्यूटर, रिमोट को साफ रखें। उन्हें सैनिटाइजर का उपयोग करके साफ करें। डॉक्टर के निर्देशों का पालन करें। दवाइयां नियमित लेते रहें। अगर मरीज अन्य बीमारी की दवाइयां लेते हैं, तो डॉक्टर की सलाह जरूर लें। मरीज अपने स्वास्थ्य की स्वयं निगरानी करते रहे। प्रतिदिन तापमान में बढ़ोत्तरी या अन्य लक्षणों के दिखने पर तत्काल जिले के स्वास्थ्य दल को सूचित करें। मरीज आइसोलेशन के दौरान किसी भी प्रकार का नशा, शराब या धूम्रपान ना करें।
अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत नहीं
कोरोना पॉजिटिव आने के बाद हर मरीज को अस्पताल जाने की जरूरत बिलकुल भी नहीं है। कोविड के बहुत हल्के लक्षण हों और सांस लेने में तकलीफ न हो वो होम आइसोलेशन में रह सकते हैं। होम आइसोलेशन पर रहने वालों को वेबसाइट http://cghomeisolation.com पर जाकर खुद को रजिस्टर करना होगा। कोरोना संक्रमित मरीजों को घर पहुंचकर दवा भी उपलब्ध कराई जाती है। होम आइसोलेशन आवेदन करने वाले मरीजों को ही इलाज के बाद ठीक होने पर होम आइसोलेशन कंप्लीशन सर्टिफिकेट मिलता है।
आइसोलेशन पूरा होने पर जांच करवाने की जरूरत नहीं
होम आइसोलेशन का आवेदन नहीं करने पर उसके खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है। अगर सरकारी या प्राइवेट अस्पताल में बेड की जरूरत हो तो उसकी जानकारी govthealth.cg.gov.in पर ली जा सकती है। साल 2022 की होम आइसोलेशन की गाइडलाइन के मुताबिक ये आइसोलेशन 7 दिनों के लिए होगा। मरीज के लिए अलग कमरा और टॉयलेट का बंदोबस्त होना चाहिए। 7 दिनों का आइसोलेशन पूरा होने पर जांच करवाने की जरूरत नहीं है।
इन्हें अस्पताल में भर्ती होना जरूरी
वहीं 60 साल से ज्यादा उम्र वाले ऐसे लोग जिन्हें दूसरी गंभीर बीमारियां हैं। HIV, कैंसर, किसी तरह का ट्रांसप्लांट हुआ हो, ऐसे मरीजों के लिए होम आइसोलेशन उचित नहीं है। गर्भवती महिला, बुजुर्ग, गुर्दे की बीमारी वाले, अस्थमा या सांस की बीमारी वालों को भी होम आइसोलेशन पर रखने की अनुमति नहीं होगी। इन्हें संक्रमित व्यक्ति से भी दूर रहना होगा। वहीं जब तीन दिनों तक 100 डिग्री से ज्यादा बुखार हो। सांस लेने में दिक्कत आ रही हो, सीने में तेज दर्द हो। ऑक्सीजन लेवल 94-95 प्रतिशत से कम हो। मानसिक भ्रम या ज्यादा घबराहट हो रही हो। उन्हें अस्पताल में भर्ती होना होगा।
24 घंटे कंट्रोल रूम ऑपरेट
कोरोना मरीजों की मदद के लिए 24 घंटे कंट्रोल रूम ऑपरेट हो रहा है। यहां 07712445785, 7880100331, 7880100332 नंबर पर संपर्क किया जा सकता है। होम आइसोलेशन पर रह रहे मरीजों को डॉक्टर्स की सलाह 7566100283, 7566100284, 7566100285, 7880100313, 7880100314, 7880100315 नंबर के जरिए मिलेगी। 24 घंटे में रायपुर में 1,859 कोविड मरीज मिले हैं। वहीं 3 हजार 886 लोग ठीक होने के बाद होम आइसोलेशन से डिस्चार्ज किए गए। अब तक 83 हजार से ज्यादा मरीज होम आइसोलेशन में रहकर ठीक हो चुके हैं।