छत्तीसगढ़ में कोरोना की रफ्तार धीमी पड़ने लगी है। इसी बीच सरकार ने प्रतिबंधों में ढील देना शुरू कर दिया है। रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर जैसे जिलों से नाइट कर्फ्यू खत्म करने के बाद अब मंत्रालय-संचालनालय में सिर्फ 33 प्रतिशत उपस्थिति का प्रतिबंध खत्म कर दिया है। अब इन कार्यालयों में 50% कर्मचारियों की उपस्थिति में काम होगा। सामान्य प्रशासन विभाग ने नया आदेश जारी कर अपने पुराने आदेश में बदलाव किया है। नए आदेश के मुताबिक मंत्रालय और सभी विभागाध्यक्ष कार्यालयों में रोजाना तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के 50% कर्मचारियों को काम करने के लिए बुलाया जाएगा। इसके लिए विभाग अलग से रोस्टर तैयार करेगा।
जारी आदेश के मुताबिक अगर किसी कार्यालय में 20 कर्मचारी हैं तो सोमवार को सिर्फ 10 लोग ड्यूटी पर आएंगे। मंगलवार को वे 10 लोग ड्यूटी पर आएंगे जो सोमवार को नहीं आए थे। इस तरह एक दिन के अंतराल पर ड्यूटी का रोस्टर बनेगा। नया रोस्टर 31 जनवरी यानी सोमवार से लागू किया जाना है। नए आदेश के मुताबिक अनुभाग अधिकारी से वरिष्ठ अफसरों की पूरी उपस्थिति पहले की तरह अनिवार्य रखी गई है। मंत्रालय और संचालनालय भवनों में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश अब भी प्रतिबंधित ही रखा जाएगा।
10 जनवरी को जारी किया था आदेश
10 जनवरी को सामान्य प्रशासन विभाग ने मंत्रालय और संचालनालय स्थित कार्यालयों में एक तिहाई कर्मचारियों से ही काम लेने का आदेश जारी किया था। इसका उद्देश्य कार्यालयों में भीड़ कम करना था, ताकि कर्मचारियों को संक्रमित होने से बचाया जा सके। उस समय बहुत से कर्मचारी कोरोना की चपेट में आ चुके थे। 18 दिन बाद ये नियम शिथिल किया गया है।
बसों का इस्तेमाल न करने की सलाह
सामान्य प्रशासन विभाग ने अपने आदेश में कार्यालय आने के लिए बसों का इस्तेमाल न करने की सलाह दी है। आदेश में कहा गया है कि सार्वजनिक बसों की जगह अधिकारी-कर्मचारी निजी या विभागीय गाड़ियों को प्राथमिकता दें। नवा रायपुर स्थित मंत्रालय और संचालनालय भवनों में जाने के लिए रायपुर शहर से हजारों कर्मचारी रोज अप-डाउन करते हैं। उनमें से ज्यादातर के लिए बसों की सुविधा ही उपलब्ध है।
अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए फेस मास्क अनिवार्य
मंत्रालय और विभागाध्यक्ष कार्यालय में समस्त अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए फेस मास्क अनिवार्य किया गया है। कोविड-19 के संक्रमण को देखते हुए महानदी भवन और इंद्रावती भवन में बाहरी व्यक्तियों का प्रवेश प्रतिबंधित किया गया है। निर्देशों में ये भी कहा गया है कि समस्त अधिकारी और कर्मचारी कोविड-19 संक्रमण के बचाव के लिए समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का अनिवार्य रूप से पालन करें।