छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामले 2 गुना तेजी से बढ़ रहा है। वहीं कोरोना से मौत के आंकड़ों में भी बढ़ोतरी हो रही है। 24 घंटे के अंदर कोरोना से 10 लोगों की मौत हुई है। जबकि 4 हजार 574 लोग कोरोना संक्रमित हुए हैं, जिसमें सबसे ज्यादा 1208 नए मरीज रायपुर में मिले हैं। वहीं लगातार स्कूली छात्र और जवान कोरोना की चपेट में आ रहे हैं। कांकेर में 24 घंटे में 113 नए संक्रमित मिले हैं, जिसमें सिदेसर के सरकारी स्कूल में 17 छात्र और स्टाफ समेत सिकसोड़ के BSF कैंप में 35 जवान पॉजिटिव पाए गए हैं। जिले में लगातार स्कूल और कैंपों में कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल रहे हैं। अभी 9वीं से 12वीं तक की कक्षाएं ऑफलाइन लगाई जा रही हैं, जिससे छात्रों पर संक्रमण का खतरा बढ़ता जा रहा है।
जानकारी के मुताबिक कुछ जवान बाहर से आए थे, जिन्हें क्वारंटाइन कर उनका रैपिड एंटीजन टेस्ट किया गया था। जिसमें वे निगेटिव पाए गए थे। इसके बाद RT-PCR की रिपोर्ट आए बिना ही जवान ड्यूटी करने लगे थे, लेकिन कुछ दिनों बाद आई रिपोर्ट में वे पॉजिटिव मिले। इसके बाकी जवानों का 11 जनवरी को सैंपल लेकर जांच के लिए भेजा गया था, लेकिन तब तक यहां कोरोना का संक्रमण फैल गया था। 17 जनवरी को आई रिपोर्ट में 35 जवान पॉजिटिव पाए गए।
पुलिसकर्मी और जवान हो रहे संक्रमित
छत्तीसगढ़ में बढ़ते कोरोना संक्रमण ने बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी और जवानों को अपनी चपेट में ले लिया है। बस्तर संभाग में तैनात 190 जवान पॉजिटिव हो चुके हैं। इनमें सबसे ज्यादा संख्या सुकमा में तैनात जवानों की है। अकेले इसी जिले में 160 जवान पॉजिटिव मिले हैं। बताया जा रहा है कि ज्यादातर जवान छुट्टी में घर गए थे। इसके बाद लौटे तो RT-PCR रिपोर्ट पॉजिटिव आई। इनके अलावा बीजापुर में 19 और नारायणपुर में 10 जवान संक्रमित हो चुके हैं। अफसरों का कहना है कि वे पूरी तरह से सावधानी बरत रहे हैं। छुट्टी से लौटने के बाद जवानों को 14 दिन तक क्वारंटाइन भी रखा जाता है। इसके लिए कैंप में ही सेंटर बनाए गए हैं।
रविवार को नए मामलों में देखी गई कमी
कोविड प्रोटोकॉल का भी पालन किया जा रहा है। कोरोना के बढ़ रहे आंकड़ों में रविवार को कमी देखी गई। इसकी वजह से 19-20% तक की दैनिक संक्रमण दर अचानक घटकर 12.17% पर आ गई। दरअसल, रविवार को सिर्फ 32 हजार 563 सैंपल लिए जा सके। इस दौरान 3 हजार 963 नए मरीज सामने आए। संसदीय सचिव गुरुदयाल सिंह बंजारे भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। ये बीते हफ्ते रोज मिल रहे मरीजों की संख्या से करीब आधी है। इसकी वजह से आंकड़ों में बड़ी गिरावट देखने को मिली है। इधर, मार्च से 12-14 साल के बच्चों को कोविड टीका कोवैक्सीन लगना शुरू होगा।
इस तरह बढ़ा कोरोना का आंकड़ा
विशेषज्ञों का कहना है कि बीते चार दिनों में कोरोना संक्रमण की रफ्तार थोड़ी स्थिर हुई है। दिसंबर के आखिर और जनवरी की शुरुआत में ये जिस रफ्तार से बढ़ रहा था वो डरावना था। एक जनवरी को प्रदेश में 23 हजार 590 नमूनों की जांच हुई। उस दिन 279 नए मामले सामने आए थे। एक व्यक्ति की मौत हुई। इसकी बदौलत प्रदेश में एक्टिव कोरोना मरीजों की कुल संख्या एक हजार 17 हो गई। उस दिन के बाद से कोरोना ने रफ्तार पकड़ी। 7 जनवरी को 46 हजार नमूनों की जांच में 3 हजार 455 लोग संक्रमित मिले। 15 जनवरी को नए मरीजों की संख्या बढ़कर 5 हजार 525 हो चुकी थी।
फरवरी में तीसरी लहर का पीक आना संभव
14 जनवरी को 6 हजार 153 नए मरीज मिले। ये तीसरी लहर के दौरान एक दिन में अब तक मिली मरीजों की सबसे बड़ी संख्या थी। उसके बाद संक्रमितों के आंकड़े घट रहे हैं। वहीं भीमराव आम्बेडकर अस्पताल में क्रिटिकल केयर विभाग के प्रमुख डॉ ओपी सुंदरानी का कहना है कि अभी मरीजों के अस्पताल आने की दर बहुत कम है। फरवरी तक इस लहर का पीक आ सकता है। संभव है कि उस समय तक किसी-किसी शहर में संक्रमण दर 50% तक पहुंच जाए। यानी 100 लोगों की जांच में 50 लोग पॉजिटिव मिले। उनमें से कुछ लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा तो मरीजों की संख्या बढ़ जाएगी।
मौतों के आंकड़ों में लगातार बढ़ोतरी
रविवार की वजह से कोरोना संक्रमण के केस जरूर कम हुए हैं, लेकिन कोरोना से हो रही मौत नहीं थम रही। प्रदेशभर में 24 घंटे में 10 लोगों की मौत हुई है। जबकि रविवार को 7 मरीजों की मौत हुई थी। इसमें से दो रायपुर के मरीज थे। एक-एक मरीज दुर्ग, धमतरी, जांजगीर-चांपा, बलरामपुर और कांकेर जिलों के थे। वहीं 15 जनवरी को भी 8 लोगों की जान गई थी। एक जनवरी से अब तक कोरोना की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़कर 64 हो गई है।