अफगानिस्तान में एक बार फिर भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए हैं। अफगानिस्तान के पश्चिमी प्रांत बडघिस में सोमवार को आए भूकंप में 26 लोगों की मौत हो गई है। वहीं कई लोग घायल बताए जा रहे हैं। रिक्टर स्केल पर भूकंप के झटके की तीव्रता 5.6 रही। जानकारी के मुताबिक अफगानिस्तान के पश्चिमी प्रांत बडघिस में भूकंप के झटके दोपहर में महसूस किए गए। भूकंप के तेज झटके से कई घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। बताया जा रहा है कि हताहत होने वालों की संख्या बढ़ सकती है।
इससे पहले अफगानिस्तान के फैजाबाद के निकट शुक्रवार रात को भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। हालांकि तब किसी भी तरह के जानमाल के नुकसान की कोई खबर सामने नहीं आई थी। तब रिक्टर पैमाने पर भूकंप के झटके की तीव्रता 5.3 मापी गई थी। शुक्रवार को आए भूकंप का केंद्र अफगानिस्तान के फैजाबाद से 117 किलोमीटर दक्षिणपूर्व में था।
इंडोनेशिया के जावा द्वीप में भूकंप
वहीं शुक्रवार को ही इंडोनेशिया के मुख्य द्वीप जावा में भी भूकंप के तेज झटके महसूस किए गए थे। राजधानी जकार्ता में भवन हिए गए थे, लेकिन जान-माल के नुकसान की कोई खबर नहीं आई थी। तब अधिकारियों ने बताया था कि इस भूकंप के कारण सुनामी का भी खतरा नहीं है। बता दें कि न्यूजीलैंड में टोंगा के पास समुद्र के अंदर ज्वालामुखी विस्फोट के बाद प्रशांत महासागर के आस-पास सुनामी का खतरा रविवार को कम होना शुरू हो गया। हालांकि छोटे से द्वीपीय राष्ट्र टोंगा के ऊपर बड़े पैमाने पर राख के बादल छाए हैं।
भूकंप आने का कारण
पृथ्वी के अंदर 7 प्लेट्स हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जहां ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहलाता है। बार-बार टकराने से प्लेट्स के कोने मुड़ते हैं। जब ज्यादा दबाव बनता है तो प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे की ऊर्जा बाहर आने का रास्ता खोजती हैं और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है। दूसरे शब्दों में कहें तो पृथ्वी कई लेयर में बंटी होती है और जमीन के नीचे कई तरह की प्लेट होती है। ये प्लेट्स आपस में फंसी रहती हैं, लेकिन कभी-कभी ये प्लेट्स खिसक जाती है, जिस वजह से भूकंप आता है।
भोगौलिक हलचल के आधार पर जोन तय
कई बार इससे ज्यादा कंपन हो जाता है और इसकी तीव्रता बढ़ जाती है। भारत में धरती के भीतर की परतों में होने वाली भोगौलिक हलचल के आधार पर कुछ जोन तय किए गए हैं और कुछ जगह यह ज्यादा होती है तो कुछ जगह कम। इन संभावनाओं के आधार पर भारत को 5 जोन बांटा गया है, जो बताता है कि भारत में कहां सबसे ज्यादा भूकंप आने का खतरा रहता है। इसमें जोन-5 में सबसे ज्यादा भूकंप आने की संभावना रहती है और 4 में उससे कम, 3 उससे कम होती है।
भूकंप की तीव्रता मापने का पैमाना
भूंकप की जांच रिक्टर स्केल से होती है। इसे रिक्टर मैग्नीट्यूड टेस्ट स्केल कहा जाता है। रिक्टर स्केल पर भूकंप को 1 से 9 तक के आधार पर मापा जाता है। भूकंप को इसके केंद्र यानी एपीसेंटर से मापा जाता है। भूकंप के दौरान धरती के भीतर से जो ऊर्जा निकलती है, उसकी तीव्रता को इससे मापा जाता है। इसी तीव्रता से भूकंप के झटके की भयावहता का अंदाजा होता है।
भूकंप आने पर क्या करें
- आपको भूकंप के झटके जैसे ही महसूस हों, वैसे ही आप किसी मजबूत टेबल के नीचे बैठ जाएं और कस कर पकड़ लें।
- जब तक झटके जारी रहें या आप सुनिश्चित न कर लें कि आप सुरक्षित ढंग से बाहर निकल सकते हैं, तब तक एक ही जगह बैठे रहें।
- अगर आप ऊंची इमारत में रहते हैं तो खिड़की से दूर रहें।
- आप बिस्तर पर हैं तो वहीं रहें और उसे कसकर पकड़ लें। अपने सिर पर तकिया रख लें।
- आप बाहर हैं तो किसी खाली स्थान पर चले जाएं यानी बिल्डिंग, मकान, पेड़, बिजली के खंभों से दूर।