सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी (CMIE) ने छत्तीसगढ़ को सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्यों में शामिल किया है। CMIE की ओर से हाल ही में जारी किए गए बेरोजगारी के आंकड़ों ने एक बार फिर विकास के छत्तीसगढ़ मॉडल की सफलता का परचम बुलंद कर दिया है। आंकड़ों के मुताबिक छत्तीसगढ़ 2.1 प्रतिशत के साथ देश में सबसे कम बेरोजगारी वाले राज्यों में चौथे स्थान पर आया है। दिसंबर 2021 की स्थिति के अध्ययन के बाद CMIE की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक देश में सबसे कम बेरोजगारी दर कर्नाटक में 1.4 प्रतिशत और सर्वाधिक बेरोजगारी दर हरियाणा में 34.1 प्रतिशत बताई गई है।
छत्तीसगढ़ ने समावेशी विकास का लक्ष्य निर्धारित करते हुए तीन साल पहले महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज्य की परिकल्पना के अनुरूप नया मॉडल अपनाया था, जिसके तहत गांवों और शहरों के बीच आर्थिक परस्परता बढ़ाने पर जोर दिया गया है। इसी मॉडल के अंतर्गत गांवों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए सुराजी गांव योजना, नरवा-गरवा-घुरवा-बारी कार्यक्रम, गोधन न्याय योजना, राजीव गांधी किसान न्याय योजना, राजीव गांधी ग्रामीण भूमिहीन कृषि मजदूर न्याय योजना, रूरल इंडस्ट्रीयल पार्कों की स्थापना, लघु वनोपजों के संग्रहण और वैल्यू एडीशन, उद्यमिता विकास जैसी योजनाओं और कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा रहा है।
बिहार में बेरोजगारी की दर 16 प्रतिशत
कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान भी देशव्यापी आर्थिक मंदी से छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था अछूती रही। तब भी छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर पूरी तरह नियंत्रित रही। अब नए आंकड़ों के मुताबिक जहां देश में बेरोजगारी दर में लगातार चिंताजनक उछाल है। वहीं छत्तीसगढ़ में बेरोजगारी दर सिर्फ 2.1 प्रतिशत है। नए आंकड़ों के मुताबिक गुजरात 1.6 प्रतिशत के साथ कम बेरोजगारी वाला दूसरा राज्य है। जबकि पड़ोसी राज्य ओडिशा 1.6 प्रतिशत के साथ तीसरे स्थान पर है। वहीं मध्यप्रदेश 3.4 प्रतिशत के साथ 7वें स्थान पर है। उत्तरप्रदेश में 4.9 प्रतिशत की बेराजगारी दर है। असम 5.8 प्रतिशत के साथ 12वें स्थान पर है। राजस्थान में 27.1 प्रतिशत, झारखंड में 17.3 और बिहार में 16 प्रतिशत बेरोजगारी की दर रही है।
CMIE के आंकड़ों को माना जाता है प्रामाणिक
रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल जनवरी 2021 की स्थिति में देश में बेरोजगारी दर 6.52 फीसदी थी, जिसमें शहरी बेरोजगारी 8.9 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी 5.81 प्रतिशत थी। वहीं दिसंबर 2021 की स्थिति में देश में बेरोजगारी की दर 7.7 प्रतिशत रही, जिसमें शहरी बेरोजगारी 9.1 प्रतिशत और ग्रामीण बेरोजगारी 7.1 प्रतिशत रही। सेंटर फॉर मॉनिटरिंग इंडियन इकोनॉमी संगठन 45 सालों से भारतीय अर्थव्यवस्था विदेशी मुद्रा, कृषि, उद्योग के क्षेत्रों में सतत अध्ययन कर के डेटाबेस का निर्माण करता आया है और इसके द्वारा जारी आंकड़ों को प्रामाणिक माना जाता है।