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नाबालिग का अपहरण और दुष्कर्म के आरोपी युवक को दस साल की सजा

महासमुंद। शादी का प्रलोभन देकर नबालिग का अपहरण करने और  दुष्कर्म करने के मामले में युवक को दस साल का सश्रम कारावास की सजा सुनाई गई है। लैगिंक अपराधों से बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012 के विशेष न्यायाधीश योगिता विनय वासनिक ने खल्लारी थाना क्षेत्र के खल्लारी के रहने वाले 19 साल के डागेश चक्रधारी को सजा सुनाई है। भारतीय दंड संहिता की धारा 363 के तहत 3 साल एक हजार रुपए के अर्थदंड, धारा 366 के तहत पांच वर्ष व 2 हजार रुपए अर्थदंड और लैगिंक अपराधों बालकों का संरक्षण अधिनियम 2012  की धारा 06 के तहत 10 साल सश्रम कारावास व 10 हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। 

अर्थदंड की राशि नही पटाने पर क्रमश 1 माह, 2 माह और 6 माह की अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगतना होगा। सभी सजाएं साथ-साथ चलेगी। अभियोजन के अनुसार खल्लारी थाना क्षेत्र में पीड़ित के परिजनों  ने 17 अगस्त 2019 को रिपोर्ट दर्ज कराया कि 15 अगस्त 2019 को वह और उसकी पत्नी खेत गए थे। सुबह 11 बजे उसकी बेटी घूमने जा रही हूं कहकर घर से निकली।  वह वापस नही आई। इस पर गुम इंसान कायम कर विवेचना में लिया गया। 

आरोप सिद्ध होने पर सुनाई गई सजा 

विवेचना के दौरान 4 सितंबर 19 को अभियोक्त्री के मिलने पर उसने बताया कि 15 अगस्त को सहेलियों के साथ खल्लारी मंदिर गई थी। जहां डागेश ने प्रेम करता हूं, शादी करूंगा कहकर खल्लारी पहाड़ी में एक रात रखा। उसके बाद ट्रेन से कोल्हापुर (महाराष्ट्र) ले गया ।इस दौरान आरोपी द्वारा अनाचार किया गया। विवेचना के बाद मामला कोर्ट को सौंपा गया। जहां आरोपी सिद्ध होने पर युवक को सजा सुनाई गई।

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