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रेप पीड़िता नाबालिग की डिलीवरी के दौरान मौत, चचेरे भाइयों ने 2 अन्य युवकों के साथ मिलकर किया था गैंगरेप

उत्तर प्रदेश में रेप के मामले लगातार बढ़ते ही जा रहे हैं। ताजा मामला कानपुर का है, जहां नाबालिग के चचेरे भाइयों ने 2 अन्य लोगों के साथ मिलकर गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया है।  पुलिस के मुताबिक गैंगरेप के मामले में पीड़िता के 2 चचेरे भाइयों को गिरफ्तार कर लिया गया है। दोनों आरोपी नाबालिग हैं, जिन्हें कोर्ट ने 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है। इससे पहले मुख्य आरोपी करण को 6 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था। 11 अक्टूबर को नाबालिग के पिता ने करण, लेखपाल रंजीत बरवार और दो अज्ञात लोगों के खिलाफ FIR दर्ज कराई थी।


दरअसल, नाबालिग पीड़िता की डिलीवरी के दौरान मौत हो गई है। वहीं पिता ने आरोप लगाया था कि आरोपी ने उसकी बेटी को बहला-फुसलाकर उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए और गर्भवती होने के दौरान वे बच्चे का गर्भपात कराने का दबाव बना रहे थे। नाबालिग ने चाची को बताया था कि आरोपी शराब के नशे में उसके साथ शारीरिक संबंध बनाते थे। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद ककवन इंस्पेक्टर कृष्ण कुमार कश्यप ने कार्रवाई नहीं की और एसपी आउटर अजीत सिन्हा ने जब इस मामले में संज्ञान लिया तो आरोपी करण को पुलिस ने जेल भेज दिया। 

पुलिस ने दी जानकारी

पुलिस का कहना है कि नाबालिग ने बुधवार को एक मृत बच्चे को जन्म दिया और डिलीवरी के दौरान उसकी भी मौत हो गई। पुलिस ने देर रात जल्दबाजी में लेखपाल रंजीत बरवार को गिरफ्तार कर लिया और पूछताछ के बाद उसे जेल भेज दिया गया। बुधवार को गैंगरेप का मामला सामने आने के बाद आरोपी लेखपाल रंजीत को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया और उसका कहना है कि वो निर्दोष है और उसे फंसाया जा रहा है। प्राथमिकी दर्ज होने के बाद वो कभी गांव नहीं गया। नाबालिग के गैंगरेप मामले में एसपी आउटर अजीत सिन्हा ने बताया कि डीएनए जांच के नमूने हैदराबाद की डीएनए फॉरेंसिक लैब में भेजे जाएंगे। इसमें मृतक और नवजात के खून के नमूनों के अलावा गिरफ्तार आरोपियों, संदिग्धों के ब्लड सैंपल की जांच की जाएगी।

मामले की जांच जारी

पुलिस जल्द से जल्द इसके सैंपल की रिपोर्ट भी लेने का प्रयास करेगी। इस मामले में पिता का कहना है कि उन्हें 10 अक्टूबर को पता चला कि बेटी गर्भवती है। वहीं पीड़िता की मौत के बाद पुलिस ने उसके पिता से भी पूछताछ की और उन्होंने पुलिस को बताया कि उन्हें घटना की जानकारी पहले से नहीं थी और उन्हें पहली बार 10 अक्टूबर को इस बारे में पता चला। वह यह नहीं जानते हैं कि नाबालिग लेखपाल के संपर्क में कैसे आई। पिता ने पुलिस को बताया कि करण और दो अन्य आरोपी रिश्तेदारी में आते हैं और उसका घर आना जाना था। रिश्तेदारी में होने के कारण कभी नहीं सोचा था कि वह ऐसा कर सकते हैं। उन्होंने पुलिस पर आरोप लगाया कि अगर सही समय पर कार्रवाई की गई होती तो बेटी की मौत नहीं होती। मृतका के पिता ने बताया कि वो मजदूरी करते हैं और मां की मौत हो चुकी थी। उनका कहना है कि नाबालिग का एक भाई भी है। फिलहाल मामले की जांच जारी है।

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