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जब कलेक्टर बने रसोइया, किसानों को अपने हाथों से परोसा दाल-भात

आनंदराम साहू

महासमुंद। जिले के कलेक्टर डोमन सिंह की पहचान सहज, सरल और जमीन से जुड़े व्यक्ति के रूप में हो रही है। वे धान खरीदी व्यवस्था का जायजा लेने निकले थे। इस बीच अन्नदाता किसानों को उन्होंने अपने हाथों से दाल-भात परोसकर सबका दिल जीत लिया। दअरसल, बागबाहरा विकासखण्ड के धान उपार्जन केन्द्र खल्लारी में समिति अध्यक्ष  विजय बंजारे ने एक नवाचार किया है। यह छत्तीसगढ़ प्रदेश का एकमात्र ऐसा धान उपार्जन केन्द्र है, जहां पर एक दिसम्बर 2021 से निशुल्क और भरपेट भोजन किसान-मजदूरों को दिया जा रहा है। धान बेचने आने वाले किसानों, कामगार और हमाल सभी के लिए सार्वजनिक भंडारा खोल रखा है।

किसानों के साथ किया मध्यान्ह भोजन

कलेक्टर डोमन सिंह जिले में धान उपार्जन केन्द्रों की सुचारू व्यवस्था देखने लगातार दौरा कर रहे हैं। इस बीच उन्हें खल्लारी में बेहतर प्रबंधन की सूचना मिली। तब वे धान उपार्जन केन्द्र खल्लारी पहुंचे। जहां खल्लारी के धान उपार्जन केन्द्र के समिति अध्यक्ष ग्राम कन्हारपुरी निवासी विजय बंजारे द्वारा किसानों के लिए की गई भोजन व्यवस्था देखी। इस दौरान उन्होंने किसानों के लिए बनाए जा रहे भोजन, दाल, सब्जी का पहले अवलोकन किया। कलेक्टर ने  इस नेक पहल की जमकर सराहना की। और किसानों को खुद भोजन परोसने लगे। कलेक्टर की सहृदयता देखकर अध्यक्ष बंजारे ने उनसे भोजन का स्वाद भी चखने का आग्रह किया। जिसे सहर्ष स्वीकार कर कलेक्टर सिंह जमीन पर पालथी मारकर बैठ गए और किसानों के साथ मध्यान्ह भोजन किया ।

मुख्य सचिव ने भी नवाचार को सराहा

कलेक्टर ने किसानों और समिति अध्यक्ष को बताया कि छत्तीसगढ़ प्रदेश के प्रशासनिक मुखिया मुख्य सचिव अभिताभ जैन ने भी उनके इस अच्छे और नेक कार्य की सराहना की है। धान उपार्जन केंद्र खल्लारी समिति के अध्यक्ष विजय बंजारे ने कलेक्टर को बताया कि उनके पिता स्व. हीरालाल बंजारे पूर्व में समिति के अध्यक्ष थे। उनके साथ वे धान बेचने के लिए आया करते थे। जिससे वे किसानों की परेशानियों को अच्छी तरह से समझते हैं। 

अंचल के किसान अल सुबह जागकर 5-6 बजे तक धान खरीदी केन्द्र में धान बेचने के लिए पहुंचते हैं। और उन्हें अपनी बारी के साथ धान की तौलाई-भराई करते हुए शाम-रात हो जाता है। ऐसे में भूखे-प्यासे रहकर किसान अपनी धान को बेचते हैं। इसलिए उनके मन में अन्नदाता किसानों को भरपेट भोजन कराने का विचार आया। इसके लिए उन्होंने इस बारे में पहले से ही तैयारी कर रखी थी। 01 दिसंबर 2021 से प्रारम्भ हुई धान खरीदी के साथ ही किसानों के लिए धान खरीदी केन्द्र में ही भोजन की व्यवस्था प्रारंभ कर दी गई।

रोज ढाई-तीन सौ लोग कर रहे भोजन

उन्होंने बताया कि 01 दिसंबर से रोजाना किसानों के साथ आने वाले 250 से 300 लोगों को यहां दोपहर का भोजन  बंजारे स्वयं के खर्चे से करा रहे हैं। जिला मुख्यालय महासमुंद से लगभग 24 किलोमीटर की दूरी पर स्थित खल्लारी सहकारी समिति में करीब 13 गांव के लगभग 2 हजार किसान पंजीकृत हैं। खल्लारी सेवा सहकारी समिति के अध्यक्ष विजय बंजारे ने बताया कि वे पिछले 5 साल से समिति के अध्यक्ष पद पर हैं। उनकी इच्छा है कि वे आजीवन इस खल्लारी सहकारी समिति में किसानों के लिए निशुल्क भोजन कराते रहें। 

दोपहर भोजन की व्यवस्था

उन्होंने बताया कि समिति में कुल 13 गांव के किसान धान बेचने आते है। इनमें खल्लारी, भीमखोज, जोरातराई, रैताल, कन्हारपुरी, कोमा, आमानारा, बोहलडीह, गाड़ाघाट, पतेरापाली, बीकेबाहरा, आंवराडबरी और तोषगांव शामिल हैं। इनमें से जोरातराई, रैताल और पतेरापाली खरीदी केंद्र से 10 किमी की दूरी पर होने की वजह से किसानों को वापस अपने गांव-घर पहुंचने में रात हो जाता है। ऐसे किसानों के लिए यहां दोपहर भोजन की व्यवस्था एक बड़ी राहत वाली बात है।

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