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विशेष लेख: देश में समावेशी विकास का मॉडल बना छत्तीसगढ़

राम राज्य  तुलनात्मक मानक एक ऐसा राज्य जहां हर आम व्यक्ति खास था प्रजा के सुख से बड़ा कुछ नहीं था।  राम राज्य की बात हो तो श्री राम का ननिहाल कहां अछूता रह सकता है। भारत में लोक कल्याणकारी राज्य की कल्पना में राम राज्य को तुलनात्मक मानक की तरह माना जाता है। एक ऐसा राज्य जहां हर आम व्यक्ति खास था, प्रजा के सुख से बड़ा कुछ नहीं था। राम राज्य की बात हो तो श्री राम का ननिहाल कहां अछूता रह सकता है। माता कौशल्या का धाम पुरातन दक्षिण कोसल और आज का छत्तीसगढ़ जहां भगवान राम ने वनवास का अधिकांश समय बिताया अपनी लोक कल्याणकारी नीतियों की वजह से देश-दुनिया में मॉडल राज्य के रूप में अपना परचम लहरा रहा है। 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ ने न सिर्फ अपनी समृद्ध विरासत से देश-दुनिया का परिचय कराया है, बल्कि यह बताया है कि अपनी जड़ों को मजबूत रखते हुए कैसे आसमान छुआ जाता है। छत्तीसगढ़ की माटी में रचे बसे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने बीते 3 सालों में अपने ऐतिहासिक फैसलों और जनहितैषी नीतियों से लोगों के दिलों में मजबूत जगह बनाने के साथ छत्तीसगढ़ का गौरव पुनर्जीवित किया है। 

उन्होंने छत्तीसगढ़ के समृ़द्ध सांस्कृतिक मूल्यों और पुरातन परंपराओं को शासकीय रूप से मनाने की पहल कर यहां की धरोहर से पूरी दुनिया का परिचय कराया है। उनके द्वारा आदिवासियों की जमीन वापसी ,किसानों की कर्जमाफी और धान का बोनस, सिंचाई जल कर माफी, समर्थन मूल्य में धान खरीदी, तेंदूपत्ता खरीदी का मूल्य बढ़ाने, समर्थन मूल्य में 52 वनोपजों की खरीदी, गोबर खरीदी, बिजली बिल में रियायत जैसे लोक हित के फौलादी निर्णयों ने लोगों के लिए आर्थिक सशक्तिकरण की नींव तैयार की। 

वैश्विक महामारी कोरोना के प्रसार के दौरान भी उन्होंने त्वरित फैसले लेकर दूर-दराज के अंतिम छोर तक बसे लोगों के बचाव, ठहरने और भोजन की व्यवस्था के साथ स्वास्थ्य सुविधाओं का तेजी से विस्तार किया जिससे हजारों जाने बच सकीं। कोरोना काल में लिए गए उनके फैसलों से छत्तीसगढ़ जहां आर्थिक मंदी से बचा रहा। वहीं आटोमोबाइल सेक्टर और रियल स्टेट ने अच्छी बढ़त हासिल की। 

लोकहित को सर्वोपरी रखकर समावेशी विकास के नए रास्ते ढूढ़ निकालने की कुशलता और ऐतिहासिक फैसले लेने की क्षमता ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को देश का सर्वश्रेष्ठ मुख्यमंत्री बनाया। वहीं कमजोर वर्गों तक न्याय और सरकार की पहुंच बनाने के लिए 'महात्मा फूले समता पुरस्कार' दिलाया। प्रदेश के मुखिया द्वारा सर्वजन हिताय सर्वजन सुखाय के दृष्टिकोण का परिणाम है कि उन्हें BP मंडल सामाजिक न्याय रत्न सम्मान से भी नवाजा गया है। 

मुख्यमंत्री  बघेल के नेतृत्व में आम जनता के सरोकारों को पूरा करने की कोशिशों के चलते बीते तीन सालों में छत्तीसगढ़ ने राष्ट्रीय स्तर पर अपनी नई पहचान कायम की है। महिलाओं, दिव्यांगों,पंचायतों के सशक्तिकरण के साथ  स्वच्छता, खाद्यान्न उत्पादन, स्वास्थ्य, आवास, पोषण समेत कई क्षेत्रों में प्रदेश ने राष्ट्रीय स्तर पर अपना परचम लहराया है और कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं। इससे छत्तीसगढ़ की पहचान नक्सल राज्य से इतर एक समृद्ध सांस्कृतिक विरासत लिए प्राकृतिक संपदा और पर्यटन से भरपूर कृषि राज्य की बन रही है। 

धान के कटोरे के रूप में छत्तीसगढ़ का सम्मान फिर लौटा है। सर्वाधिक खाद्यान्न उत्पादन के लिए कृषि कर्मण पुरस्कार मिलने के साथ धान की दुर्लभ किस्मों के संरक्षण के लिए छत्तीसगढ़ के आदर्श महिला समूह को पादप जीनोम सेवियर पुरस्कार से राष्ट्रीय स्तर पर सम्मान मिला है। 

लगातार तीसरे साल छत्तीसगढ़ ने सबसे स्वच्छतम राज्य का अपना स्थान बनाए रखा है। वहीं साल 2021 में सफाई मित्र सुरक्षा चैलेंज में प्रदेश ने बेस्ट स्टेट का खिताब हासिल किया है। इसके साथ छत्तीसगढ़ को ग्रामीण स्वच्छता सर्वेक्षण में राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया है। नागरिकों, कर्मचारियों और प्रदेश सरकार की दृढ़ इच्दाशक्ति का परिणाम है कि देश के प्रथम ODF राज्य के रूप में भी छत्तीसगढ़ गौरवान्वित हुआ है। 

योजनाएं बनाने के साथ लोगों तक उसका लाभ पहुंचाना भी महत्वपूर्ण है, इसे ध्यान में रखते हुए छत्तसगढ़ में सुराजी गांव योजना और अन्य महत्वपूर्ण फ्लैगशिप योजनाओं की मॉनिटरिंग की व्यवस्था की गई। इसके लिए बनाए गए मोबाइल दर्पण पोर्टल और मोबाइल एप को राष्ट्रीय स्तर पर सराहना मिली और शासकीय स्तर पर किए गए इस नवाचार ने भी राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त किया। 

नई सरकार बनने के बाद आम आदमी तक उनकी मूलभूत आवश्यकताओं भोजन, मकान और स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच बनाना राज्य सरकार की प्राथमिकताओं में रहा। हर परिवार के मकान का सपना पूरा करने की दिशा में छत्तीसगढ़ में काम हुआ और यहां के मोर-जमीन मोर मकान योजना को बेहतरीन प्रदर्शन के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार मिला। 

कमजोर वर्गों  के लिए काम करते हुए दिव्यांगजनों के कल्याण के लिए उत्कृष्ट कार्यों के लिए छत्तीसगढ़ को बीते 3 दिसंबर को तीन राष्ट्रीय पुरस्कार मिले। स्वास्थ्य सेवा के लिए भी राज्य ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के सफल क्रियान्वयन और डॉ. खूबचंद बघेल स्वास्थ्य योजना में श्रेष्ठ प्रदर्शन पर प्रदेश ने राष्ट्रीय स्तर पर चार पुरस्कार प्राप्त किये हैं। यहां के आदिवासी अचंलों और दूर-दराज तक स्वास्थ्य सुविधाओं की पहुंच बनाने के लिए शुरू की गई 'हाट-बाजार क्लीनिक योजना और मुख्यमंत्री शहरी स्लम स्वास्थ्य योजना ने बड़ी संख्या में लोगों को लाभान्वित किया है। कम कीमत पर लोगों तक दवा पहुंचाने के लिए शुरू की गई धन्वंतरी दवा योजना ने छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सुविधाओं को नए आयाम तक पहुंचा दिया है। 

मूलभूत आवश्यक्ताओं के साथ अच्छी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा विकास का आधार बनती है, इसे देखते हुए प्रदेश में 177 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की शुरूआत ने हर वर्ग के बच्चों के लिए अच्छी शिक्षा और सर्वांगीण विकास के रास्ते खोले हैं। महात्मा गांधी के आदर्शों और दिखाए रास्ते पर चलते हुए राज्य सरकार ने गांवों और पंचायतों को अधिकार संपन्न और सशक्त बनाने की दिशा में भी कदम बढ़ाए। प्रदेश में सुराजी ग्राम योजना के तहत नरवा, गरवा, घुरवा, बारी के संरक्षण से ग्रामीण सशक्तिकरण और संसाधनों को सहेजने की नई पहल हुई है। गोधन न्याय योजना के माध्यम से गोबर खरीदी करने वाला छत्तीसगढ़ पहला राज्य बना है, जिसने पशुपालकों और ग्रामीणों को नया आर्थिक साधन उपलब्ध कराया है। 

गांवों की खुशहाली के लिए किए गए सरकार के प्रयासों को जहां भरपूर सराहना मिली है। वहीं प्रदेश की पंचायतों को लगातार तीसरे साल 11 राष्ट्रीय पुरस्कार मिले हैं। राष्ट्रीय ई-पंचायत पुरस्कारों में भी प्रदेश ने दूसरा स्थान हासिल किया है। यह छत्तीसगढ़ की मजबूत होती पंचायत व्यवस्था का ही परिणाम है कि राष्ट्रीय पंचायत अवार्ड में भी छत्तीसगढ़ को 12 पुरस्कारों से नवाजा गया है। मनरेगा, आजीविका मिशन, आवास योजना और PMGSY में उत्कृष्ट कार्यों के लिए भी छत्तीसगढ़ को 22 पुरस्कारों और ग्राम स्वराज अभियान के लिए 9 राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। 

छत्तीसगढ़ 11 पुरस्कारों से सम्मानित

पंचायतों को बनाने के कारण छत्तीसगढ़ ने महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना में बेहतर प्रदर्शन किया है। आज छत्तीसगढ़ बेरोजगारी दूर करने वाले देश के अग्रणी राज्यों में शामिल है। इसके साथ वनांचल में निवासरत आदिवासी-वनवासी लोगों की आय बढ़ाने के लिए राज्य सरकार ने लघु वनोपजों को और अधिक मूल्यवान बना दिया, जिससे इसके संग्राहकों को अधिक से अधिक लाभ दिलाया जा सके। इसकी परिणामस्वरूप छत्तीसगढ़ लघु वनोपजों के संग्रहण, प्रसंस्करण और विपणन के क्षेत्र में एक माडल राज्य के रूप में तेजी से उभरा। इसके लिए भारत सरकार ने छत्तीसगढ़ को 11 पुरस्कारों से सम्मानित किया गया।

रागगढ़ जिला राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित

अवसर की समानता की बात की जाए तो छत्तीसगढ़ बहन-बेटियों के लिए बेहतर राज्यों में शामिल है। पंचायतों में 50 फीसदी आरक्षण, मुफ्त शिक्षा, रोजगार के अवसर के साथ सुरक्षित समानता का वातारण ही है कि आज लिंगानुपात में छत्तीसगढ़ पहले स्थान पर है। छत्तीसगढ़ में नगरीय क्षेत्रों में महिलाओं के लिए शुरू की गई दाई-दीदी-क्लीनिक योजना अपनी तरह की अनूठी योजना है जिसमें पूरा महिला स्टाफ काम करता है।  लिंगानुपात में निरंतर वृद्धि और बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं अभियान के लिए रागगढ़ जिला राष्ट्रीय स्तर पर सम्मानित हुआ है। 

स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में बेहतर सुधार

मुख्यमंत्री सुपोषण योजना से जहां गरम भोजन और पौष्टिक आहार से महिलाओं और बच्चों के स्वस्थ जीवन को सुनश्चित रखने की दिशा में कदम बढ़ाया गया है। वहीं कौशल्या मातृत्व योजना से दूसरी कन्या संतान की सुरक्षा और पोषण की कवायद की जा रही है। स्वास्थ्य और पोषण के क्षेत्र में बेहतर सुधार के लिए संकल्पित प्रयासों का परिणाम है कि नक्सल प्रभावित कोंडागांव जिले ने देश में प्रथम ओवरऑल रैंकिंग में देश भर के महत्वाकांक्षी जिलों में दूसरा स्थान प्राप्त किया है। 

सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने में सरकार विशेष रूचि

छत्तीसगढ़ की सरकार ने समावेशी विकास को तरजीह दी है। पुरातन तीज-त्यौहारों, खान-पान, रीति-रिवाजों, परम्पराओं और सांस्कृतिक धरोहरों को सहेजने में सरकार विशेष रूचि ने छत्तीसगढ़ की सांस्कृतिक पहचान को नया आयाम दिया है। राजधानी रायपुर में आयोजित आदिवासी नृत्य महोत्सव तो छत्तीसगढ़ की आदिवासी संस्कृति के साथ देशी-विदेशी प्राचीन संस्कृति के संरक्षण और संवर्धन के लिए अद्भुद समागम बन गया है। आदिवासी संस्कृति को सहेजने देवगुड़ियों के संरक्षण की योजना भी इसी क्रम में महत्वपूर्ण स्थान रखती है। 

समावेशी राज्य का साकार मॉडल प्रस्तुत 

भगवान राम ने छत्तीसगढ़ में वनगमन के दौरान 51 स्थलों में अपना समय व्यतीत किया था। ये स्थान धार्मिक आस्था के प्रतीक के रूप में माने जाते हैं। इन स्थलों को जोड़ते हुए बनाए जा रहे राम वन गमन पथ से छत्तीसगढ़, तीर्थयात्रियों और पर्यटकों के आकर्षण के बड़े केंद्र के रूप में आकार ले रहा है। इसका प्रत्यक्ष लाभ रोजगार और विकास के रूप में छत्तीसगढ़ निवासियों को मिलेगा। इस प्रकार छत्तीसगढ़ के तेजी से बढ़ते कदम और राष्ट्रीय स्तर पर उसका लहराता परचम सहज ही आभास कराता है कि यह लोकतांत्रिक कल्याणकारी समावेशी राज्य का साकार मॉडल प्रस्तुत कर रहा है।

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