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किसान धान उपजाते हैं, बारदाना नहीं, सरकार करे बोरा का इंतजाम

महासमुंद। किसान नेता, जिला पंचायत सदस्य जागेश्वर जुगनू चंद्राकर ने बयान जारी कर कहा है कि किसानों से अपने बारदाना में धान बेचने के लिए लाने का फरमान गलत है। किसान धान उपजाते हैं, बारदाना नहीं। इसलिए धान खरीदी के लिए बारदाना की व्यवस्था सरकार करे। वर्ष 2021-22 में समर्थन मूल्य पर धान खरीदी टोकन का नाम एंट्री हिंदी वर्णमाला अ आ इ ई उ ऊ के अनुसार होगा। किसानों को यह नियम मान्य है। लेकिन, प्रत्येक किसान को 25% बारदाना देना है,यह किसानों को मान्य नहीं है। उन्होंने किसानों की पीड़ा बताते हुए कहा कि किसान धान उगाते हैं, बारदाना नहीं। 75 रुपये में नया बारदाना आता है। 

पुराने बारदाना की कीमत 40 से 45 रुपये है और सरकार 18 रुपये प्रति बारदाना देती है। इसलिए किसानों को यह मान्य नहीं है। उन्होंने कहा है कि किसान एक भी बारदाना नहीं देंगे। हमारा धान कट के तैयार है समिति को 25 प्रतिशत बारदाना नहीं देंगे, व्यवस्था करना उस समिति की नैतिक जवाबदारी है। उन्होंने किसान अपना धान साफ सुथरा और  सुखाकर लाने के नियम को समिति हित में मान्य करने की बात कही है।

किसानों से की अपील

अभी तक क्षेत्र के किसी भी जनप्रतिनिधि को धान खरीदी के विषय में जानकारी लिखित रूप में अभी तक शासन-प्रशासन के द्वारा नहीं दिया गया है। इसलिए  किसान भाइयों से उन्होंने आग्रह किया है कि वे जल्दबाजी ना करें। सभी का 15 क्विंटल धान खरीदने की जवाबदारी राज्य सरकार की है। 18 रुपये हम किसान प्रति बोरी सहकारी समिति को देंगे और समिति बारदाना हम किसानों को दिलाये। समिति अगर नहीं दिला सकती है, तो बारदाना हम किसान नहीं देंगे।

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