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छत्तीसगढ़ी साहित्यकार राजेश्वर खरे को राजभाषा सम्मान

रायपुर/महासमुंद: छत्तीसगढ़ राजभाषा आयोग रायपुर द्वारा 28 नवंबर 2021 को छ्त्तीसगढ़ राजभाषा दिवस पर सम्मान समारोह का आयोजन किया गया।  राजधानी रायपुर स्थित महंत घासीदास संग्रहालय  सभागार में समारोह का आयोजन हुआ। इस मौके पर संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत और मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने छ्त्तीसगढ़ी संस्कृति,भाषा और साहित्य सेवा में सराहनीय योगदान के लिए पूरे छत्तीसगढ़ से उन्नीस साहित्यकार, लेखक कवियों, आकाशवाणी और मीडिया से जुड़े उद्घोषक-पत्रकारों का सम्मान किया। 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और संस्कृति मंत्री अमरजीत भगत ने महासमुन्द निवासी छत्तीसगढ़ी साहित्य के सशक्त हस्ताक्षर बन्धु राजेश्वर खरे को भी छत्तीसगढ़िया साफा,स्मृति चिन्ह और प्रशस्ति पत्र भेंटकर सम्मानित किया। 

45 साल से कर रहे हैं साहित्य सृजन

बता दें कि बन्धु राजेश्वर खरे विगत 45 सालों से साहित्य सृजन कर रहे हैं। 1980 में उनकी पहली छ्त्तीसगढ़ी कहानी 'कुभारज बेटा' प्रकाशित हुई।अंचल के समाचार पत्र-पत्रिकाओं में कहानियाँ, निबंध, व्यंग्य पद्य और गद्य दोनों विधा में प्रकाशन हो रहा है। आकाशवाणी और दूरदर्शन से छत्तीसगढ़ी कथा, कहानियों और कविताओं का निरंतर प्रसारण हो रहा है। 1982-86 में छत्तीसगढ़ी शब्द,कहावतों मुहावरों का संग्रह उनके द्वारा किया गया। उनका प्रकाशित छत्तीसगढ़ी काव्य संग्रह 'खंतिहा बर खरी अउ बैठांगुर बर बरी' को काफी प्रसिद्धि मिली। छत्तीसगढ़ी लोककथा संग्रह 'भरम के नाव टोनही' अभी प्रकाशनाधीन है। 

बहुआयामी  प्रतिभा के धनी हैं खरे

खरे बहुआयामी प्रतिभा के धनी हैं। गांव की तत्कालीन रामलीला मंडली में कौमिक लेखन मंचन एवं अभिनय भी किया है। इंटैक के बैनर तले विरासत संरक्षण के लिये भी वे सेवारत हैं। जल संरक्षण के लिये जनजागृति लाने उन्होंने नदी नालों की जल यात्रा भी की है।शासकीय सेवा में रहते विभिन्न आयोजनों में कलाकार चयन,उद्घोषणा एवं मंच संचालन की बखूबी भूमिका निभायी है।

उनकी रचनाधर्मिता के लिये विभिन्न प्रतिष्ठानों द्वारा उन्हे सम्मानित किया गया है। जिनमें पूर्व सांसद  पी आर खुंटे द्वारा छत्तीसगढ़िया अस्मिता के लिये कार्यरत साहित्य प्रतिभा सम्मान, त्रिवेणी संगम साहित्य सम्मान, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी स्व. श्री कन्हैयालाल डड़सेना स्मृति सम्मान, छ्त्तीसगढ़ी साहित्य महोत्सव 2021 द्वारा शिवनाथ स्वाभिमान एवं महाप्रसाद सम्मान, कला परंपरा-कला विरादरी संस्थान द्वारा राज्य स्तरीय साहित्य रत्न सम्मान एवं छ्त्तीसगढ़ राजभाषा आयोग छ. ग . शासन द्वारा छ्त्तीसगढ़ी राजभाषा दिवस सम्मान 2021 से इन्हे नवाजा गया है। इस उपलब्धि पर विभिन्न साहित्यिक मंचों,संस्थाओं के पदाधिकारियों एवं स्नेहीजनों ने बधाई एवं शुभकामनायें दी है।

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