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महासमुंद नपाध्यक्ष प्रकाश ने कहा कांग्रेस सरकार और विधायक नहीं चाहते शहर का विकास !

महासमुंद। नगर पालिका महज़ के 12 अधिकारी- कर्मचारी को स्थानांतरित कर दिया गया। उनकी जगह एक भी नहीं आया। स्टाफ की कमी से कई विभागों के कामकाज प्रभावित हैं। इससे स्पष्ट है कि कांग्रेस सरकार और स्थानीय विधायक नहीं चाहते हैं कि शहर का विकास हो। ऐसा कहना है नपाध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर का।  

उन्होंने जारी बयान में कहा है कि नगर पालिका परिषद में भाजपा पार्षदों की बहुलता है। भाजपा से वे अध्यक्ष हैं। इस वजह से दो सालों में 12 अधिकारी और कर्मचारियों का स्थानांतरण किया गया है। यह कोई संयोग नहीं बल्कि राजनीतिक द्वेष है।

मूलभूत सुविधाओं से वंचित करने की साजिश

उन्होंने कहा कि 80 हजार की आबादी वाले महासमुन्द को मूलभूत सुविधाओं से वंचित करने की कांग्रेस सरकार और विधायक विनोद चंद्राकर की सोची समझी साजिश का हिस्सा है। अब हालात ऐसे हो गए हैं कि लोक निर्माण और राजस्व विभाग में ताला जड़ने की नौबत आ गई है। बार-बार अनुरोध के बावजूद लगातार अधिकारी और कर्मचारियों का ट्रांसफर करना और मांग के बाद भी रिक्त पदों पर नियुक्त नहीं किया जाना विधायक और सरकार की नाकामी और जनता के प्रति संवेदनहीनता को दर्शाता है। 

सेटअप में 26 नियमित पद स्वीकृत 

नगर पालिका अध्यक्ष प्रकाश चंद्राकर ने कहा कि 5 जून 2006 में राज्य शासन ने महासमुंद नगर पालिका परिषद को नवीन पद संरचना स्वीकृत किया था। सेटअप में 26 नियमित पद स्वीकृत हैं। जिसमें से कार्यपालन अभियंता, स्वास्थ्य अधिकारी, उप अभियंता के दो पद, जलकार्य निरीक्षक, राजस्व निरीक्षक, लेखापाल, राजस्व उप निरीक्षक, पंप अटेंडेंट, मैकेनिक फिटर, लाईन मेन सहित 11 पद रिक्त हैं। सहायक अभियंता के दो पद हैं। जिसमें से एक पद का अतिरिक्त प्रभार रायपुर के सहायक अभियंता के पास है। जो सप्ताह में बमुश्किल दो दिन महासमुंद नगर पालिका को अपनी सेवा दे पाते हैं। 

एक भी लिपिक नहीं

सहायक वर्ग 3 के तीन लिपिकों में एक भी पालिका में नहीं रह गए हैं। एक-एक करके तीनों लिपिकों के स्थानांतरण से पालिका में भवन अनुज्ञा, प्रधानमंत्री आवास, सड़क,नाली जैसे मूलभूत कार्य प्रभावित हैं। हाल ही में जारी ट्रांसफर लिस्ट में दो और कर्मचारियों का स्थानांतरण कर दिया गया है। जबकि उनकी जगह पर किसी को महासमुंद नहीं भेजा गया है। बल्कि पिछले दो साल में नगर पालिका महासमुंद से जितने भी अधिकारी-कर्मचारियों का स्थानांतरण किया गया है, उनके जगह पर कोई नहीं आया है।

जनता का काम कैसे होगा?

पालिका अध्यक्ष ने कहा है कि अधिकारी-कर्मचारियों की भारी कमी से नगर पालिका प्रशासन जूझ रहा है। अगर पालिका में अधिकारी कर्मचारी नहीं होंगे तो जनता का काम कैसे होगा ?

'विधायक के इशारे पर पालिका के खिलाफ प्रदर्शन'

फिर भी नगर की जनता को पानी, बिजली, सड़क, सफाई जैसे सुविधाएं उपलब्ध कराने में पालिका प्रशासन कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। वर्तमान में विकट जल संकट से नगरवासी जूझ रहे हैं। क्योंकि शहर की प्यास बुझाने वाली महानदी का पानी प्रदूषित हो गया है। ऐसे विकट परिस्थितियों में नगर की जनता को शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने के लिए पालिका प्रशासन का सहयोग करने के बजाय कुछ कांग्रेसी पार्षद विधायक के इशारे पर पालिका के खिलाफ प्रदर्शन करते हैं।

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