कवर्धा सत्र न्यायाधीश नीता यादव ने पिता की हत्या करने वाले बेटे बलराम और उसके दोस्त झुरूवा उर्फ देवचरण को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। साथ ही 500 रूपये के अर्थदंड से दंडित किया है। दरअसल, गोरेलाल शादी के बाद ससुराल बघर्रा में सास भागमती के घर पर परिवार समेत रहता था। लगभग 3 साल पहलेणगोरेलाल ने अपनी पत्नी को दूसरे पुरूष के साथ देखा था। गोरेलाल ने अपनी पत्नी को मना किया था। इस बात पर गोरेलाल की पत्नी ने उसे अलग कर दिया था।
बेटे ने दोस्त के साथ किया था पिता पर हमला
गोरेलाल की पत्नी बच्चों समेत मायके में ही रह रही थी। इसके बाद गोरेलाल दूसरी पत्नी बनाकर लाने के लिए रिश्ता देखने गया था। सास भागमती ने मना किया था। इसी बात पर 10 नवंबर 2019 को गोरेलाल की सास कमार कश्यप के घर के सामने गली में मिली थी और गोरेलाल के साथ गाली-गलौच की थी। साथ ही गोरेलाल के मना करने पर उसने डंडे से वार दिया था। इसके बाद गोरेलाल अपने घर जा रहा था। इसी बीच आरोपी बलराम ने लोहे की राड से पिता की सिर पर और झुरूवा ने डंडे से बाएं पैर, दोनों हाथ और पीठ पर वार कर दिया, जिससे बायां पैर टूट गया था।
इलाज के दौरान हो गई थी गोरेलाल की मौत
10 नवंबर 2019 को गोरेलाल ने आरोपियों के खिलाफ दर्ज कराई थी। वहीं इलाज के दौरान कवर्धा के रेडियंस अस्पताल में गोरेलाल की मौत हो गई। मामले में कुंडा पुलिस ने आरोपी बेटे बलराम, झुरूवा उर्फ देवचरण और सीता बाई को गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद सभी को न्यायालय में पेश किया। जहां कुल 11 साक्षियों के कथन दर्ज करने के बाद 17 नवंबर को सत्र न्यायाधीश नीता यादव ने घटना के तुरंत पुलिस को दिए गोरेलाल के बयान के आधार पर सीता बाई को दोषमुक्त कर दिया। जबकि दोनों आरोपियों को उम्र कैद की सजा सुनाई। साथ ही 5 हजार का जुर्माना लगाया। वहीं अर्थदंड अदा नहीं करने पर एक-एक महीने का अतिरिक्त सश्रम कारावास भुगताए जाने का आदेश दिया।