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महासमुंद नगर में दूषित पेयजल आपूर्ति के लिए जिम्मेदार कौन ?

महासमुंद नगर में लगातार एक वर्ष से दूषित पेयजल आपूर्ति की शिकायत की जा रही है। नगर पालिका परिषद के द्वारा की जा रही है जलापूर्ति की शुद्धता पर सवाल उठ रहा है। इसकी शिकायत नागरिको के द्वारा की गई। समय समय पर मीडिया के द्वारा समाचार प्रमुखता से उठाया गया। बावजूद नगर व पालिका के प्रतिनिधियों की कुम्भकर्णी निद्रा आज पर्यंत नही खुली है । नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। जनभावनाओं से जनप्रतिनिधियों को कोई सरोकार नहीं है। जागरूक नागरिकों का कहना है कि नेता और अधिकारी इस समस्या से मुंह मोड़ चुके हैं। 

नगर के लगभग 80 हजार आबादी को पालिका के द्वारा नलों के माध्यम से पेयजल आपूर्ति की जाती है। विगत वर्ष से पेयजल आपूर्ति में भारी अनियमितता और लापरवाही बरती जा रही है। पेयजल गंदा होने के साथ ही बदबूदार है। जिसे पिया नही जा सकता है। इसकी जमीनी हकीकत जानने जल आवर्धन फिल्टर प्लांट का निरीक्षण किया गया। जिसमें विगत एक वर्ष से पानी की लैब में जांच नही की जा रही है और लैब कबाड़ में तब्दील हो गया है। पी एच ई से जानकारी लेने पर मालूम हुआ कि 01 वर्ष से पालिका के द्वारा शुल्क भुगतान नहीं किया गया है। जिसके कारण लैब में जांच बंद कर दिया गया है और इसकी सूचना जिला कलेक्टर को दे दी गई है।

मौका मुआयना करने पहुंचे छत्तीसगढ़ नागरिक कल्याण समिति के पंकज साहू का कहना है कि फिल्टर प्लांट का जाली विगत 02 वर्षों से अधिक समय से निकाल गया है। पर आज तक नही लगवाया गया है जो कि पालिका के जिम्मेदारों व विपक्ष के कार्यकलाप पर प्रश्नचिन्ह है।02 माह के बाद ब्लीचिंग पावडर आया है। टंकियो में गंदगी और काई की भरमार है । 02 मोटर बंद पड़े हैं। 02 चालू है जिसमे 01 में लीकेज ज्यादा हो रहा है। यदि ये मोटर भी जल गई तो पेयजल आपूर्ति में रुकावट हो सकता है?

नगर के नागरिकों के स्वास्थ्य प्रभावित होने के पीछे दूषित पेयजल ही उत्तरदायी है । अहम बात तो यह भी है कि पालिका में जल विभाग नपाध्यक्ष के अधीन व प्रभार में है और ऐलम सप्लाईकर्ता भी पर्दे के पीछे से प्रभारी प्रतिनिधि ही है। पूर्व में भी मोटर खरीदी एवम अन्य सामग्री क्रय करने में भारी वित्तीय अनियमितता बरती गई है। पालिका के लिए यह सफेद हाथी के रूप में भ्रष्टाचार के लिए सबसे उपयुक्त स्थान बना हुआ है। इतने गंभीर मुद्दों व नागरिको के स्वास्थ्य से खिलवाड़ पर पक्ष-विपक्ष मौन धारण कर भाईचारा का उदाहरण पेश कर रहे हैं। और विपक्ष की भी संलिप्तता प्रमाणित होती है।

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