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जम्मू-कश्मीर में गृहमंत्री अमित शाह का कड़ा संदेश, कहा जीरो टॉलरेंस की नीति रहेगी जारी

देश के गृहमंत्री अमित शाह 3 दिवसीय दौरे पर शनिवार को जम्मू-कश्मीर पहुंचे, धारा 370 हटने के बाद अपनी पहली यात्रा पर आए गृहमंत्री शाह ने आतंकवादियों के हमले में मारे गए लोगों के परिजन से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने शांति भंग करने वाले लोगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई का आश्वसन दिया। उन्होंने ये भी दोहराया कि परिसीमन के बाद केंद्रशासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव होंगे और उसके बाद राज्य का दर्जा दिया जाएगा। साथ ही आतंक पर सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति जारी रहेगी। 


गृहमंत्री ने घाटी के युवाओं से शांति दूत बनने की अपील करते हुए कहा कि पांच अगस्त, 2019 के बाद से आतंकवाद घटा है। भ्रष्टाचार और वंशवादी राजनीति पर पूर्ण विराम लग गया है और शांति, विकास और समृद्धि का युग शुरू हुआ है।  शाह ने जम्मू-कश्मीर के शहीद पुलिस इंस्पेक्टर परवेज अहमद डार के घर जाकर अपने दिनभर के व्यस्त कार्यक्रम की शुरुआत की। शहर के बाहरी इलाके नौगाम में 22 जून को मस्जिद में शाम की नमाज अदा कर लौट रहे अहमद डार को आतंकवादियों ने उनके घर के पास गोली मार दी थी।

गृहमंत्री ने 9 लोगों के परिवार से की मुलाकात

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि शाह ने डार के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और डार की पत्नी फातिमा अख्तर को अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरी में नियुक्ति के दस्तावेज सौंपे। शाह ने श्रीनगर के लोकप्रिय दवा दुकान के मालिक कश्मीरी पंडित मखनलाल बिंद्रू और स्कूल की प्राचार्या सुपिंदर कौर समेत हाल के आतंकवादी हमलों में मारे गए 9 लोगों के परिवार के सदस्यों से भी मुलाकात की।

मिशन यूथ विभाग ने किया था कार्यक्रम का आयोजन

अधिकारियों के मुताबिक शाह ने सुरक्षा स्थिति की भी समीक्षा की। इस दौरान गृह मंत्री को केंद्र शासित प्रदेश से आतंकवाद को खत्म करने के लिए उठाए गए कदमों और सुरक्षा बलों द्वारा घुसपैठ रोधी उपायों की जानकारी दी गई। उन्होंने  केंद्रशासित प्रदेश के यूथ क्लब को संबोधित करते हुए कहा कि 'मैं यहां कश्मीर के युवाओं से मित्रता करने आया हूं।  मोदी जी और भारत सरकार के साथ हाथ मिलाइए और कश्मीर को आगे ले जाने की यात्रा में भागीदार बनिए।' मिशन यूथ विभाग ने इस कार्यक्रम का आयोजन किया था।

BJP नीत राजग सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने के लिए किए गए फैसले का बचाव करते हुए शाह ने कहा कि 5 अगस्त, 2019 को कश्मीर के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जाएगा। उन्होंने कहा कि कश्मीर में दहशत, आतंकवाद, भय, भ्रष्टाचार, भाई-भतीजावाद पर पूर्ण विराम के साथ एक नई शुरुआत की गई और शांति, विकास, समृद्धि और सह-अस्तित्व का नया युग शुरू हुआ।

गृहमंत्री का लोगों को संदेश

गृहमंत्री शाह ने कहा कि कुछ लोग दावा करने लगे थे कि कश्मीर में आतंकवाद बढ़ेगा, लेकिन वो घटा और पथराव कहीं नजर नहीं आता। केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि 'हम उनसे कड़ाई से निपटेंगे जो जम्मू कश्मीर की शांति में बाधा पहुंचाएंगे।  ये हमारा वादा है कि कोई भी विकास की इस यात्रा को रोक नहीं पाएगा।' उन्होंने कहा कि कुछ स्थानीय नेता परिसीमन की प्रक्रिया बाधित कर रहे हैं।  उन्होंने कहा कि 'जो शोर मचा रहे हैं, वे ऐसा इसलिए कर रहे हैं क्योंकि लोकतंत्र तीन परिवारों के चंगुल से बाहर आ गई है और अब यह गरीबों की हो गया है।'

जल्द दिया जा सकता है राज्य का दर्जा

गृहमंत्री ने कहा कि उन्होंने संसद से वादा किया है कि विधानसभा चुनाव के बाद जम्मू कश्मीर का राज्य का दर्जा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि 'चुनाव होंगे।  (कश्मीर के नेतागण चाहते हैं कि) परिसीमन को रोक दिया जाए। क्यों? क्योंकि इससे उनकी राजनीति को नुकसान होता है।  अब, कश्मीर में ऐसी चीजें नहीं रुकेंगी।' शाह ने कहा कि 'कश्मीर के युवाओं को मौके मिलेंगे, इसलिए एक सही परिसीमन किया जाएगा, उसके बाद चुनाव होंगे और फिर राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा।  मैंने देश की संसद में यह कहा है और इसका यह रोडमैप है।' शाह ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद और विकास साथ-साथ नहीं रह सकते।


गृहमंत्री ने कहा कि 'आतंकवाद का सफाया कौन करेगा? सरकार? नहीं।  सरकार बस प्रयास कर सकती है, लेकिन युवा क्लब के सदस्यों की आतंकवाद को दूर करने की जिम्मेदारी है।  आपको शांति और विकास का दूत बनना होगा और जम्मू कश्मीर में यह संदेश फैलाना होगा कि यह हमारी जिंदगी को आगे ले जाने का रास्ता नहीं है।  ये रास्ता नहीं हो सकता।'  उन्होंने कहा कि 'जो पाकिस्तान की बात कर रहे हैं, मैं उन्हें जवाब दे सकता हूं, लेकिन मैं यहां उसके लिए नहीं आया हूं।  मैं अपने छोटे भाई-बहनों से बतियाने आया हूं।  पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर समीप में है, वैसे हम यहां के विकास से संतुष्ट नहीं हैं, लेकिन जम्मू कश्मीर से उसकी तुलना कीजिए। PoK के लोगों को गरीबी और अंधेरे के सिवा क्या मिला है?'

'लोगों को गुमराह करने की कोशिश'

गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि 'ईश्वर ने प्राकृतिक सुंदरता के साथ कश्मीर को स्वर्ग बनाया है, लेकिन मोदी जी यहां शांति, समृद्धि और विकास भी देखना चाहते हैं।  उसके लिए, मैं यहां कश्मीर के युवाओं से समर्थन मांगने के लिए आया हूं।' उन्होंने कहा कि 'प्रशासन ने मित्रता का हाथ बढ़ाया है, युवा क्लब स्थापित किए गए हैं, आपको एक मंच, एक मौका दिया गया है, इसलिए आगे आएं और इस मौके का लाभ उठाएं।  यहां लोकतंत्र को मजबूत बनाएं, युवा उन तत्वों को जवाब दें जो लोगों को गुमराह करने की कोशिश करते हैं।'

यूथ क्लबों का लाथ उठाते हुए बढ़े आगे: शाह

गृहमंत्री  ने कहा कि '70 साल की जम्हूरियत ने क्या दिया? 87 विधायक, सात सांसद, और तीन परिवार, लेकिन मोदी ने इतने कम समय में 30 हजार निर्वाचित प्रतिनिधि दिए।  उन्होंने कहा कि यूथ क्लबों के सदस्यों के साथ बातचीत के बाद उन्हें खुशी हुई क्योंकि कश्मीर के युवा अब सही मार्ग पर निकल पड़े हैं और विकास की यात्रा में साझेदार बन गए हैं।' उन्होंने आगे  कहा कि 'मैं आपके अच्छे भविष्य की कामना करता हूं।  यूथ क्लबों के इस अवसर का लाभ उठाते हुए आगे बढ़ते रहें और प्रशासन को सहयोग दें।'

गृहमंत्री अमित शाह की यात्रा जरूरी थी: फारूक अब्दुल्ला

अमित शाह की यात्रा पर नेशनल काफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि नागरिकों की लक्षित हत्याओं के बाद केंद्रीय गृहमंत्री की यात्रा जरूरी थी। हालांकि उन्होंने BJP के इस दावे पर सवाल खड़ा किया कि इस केंद्रशासित प्रदेश से आतंकवाद का सफाया हो गया है। अब्दुल्ला ने कहा कि 'जम्मू कश्मीर केंद्र के प्रत्यक्ष शासन में है और उभरती स्थिति की मांग थी कि शाह आएं क्योंकि ऐसा जरूरी था।  वो आए हैं और लोगों को उम्मीद है कि  लक्षित हत्या रूकेगी। वह उन्हें सुरक्षा दे पाएंगे।' बता दें कि गृहमंत्री के दौरे को लेकर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई है। 

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