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सूरजपुर वनमंडल में एक और मादा हाथी को लगाया गया रेडियो कॉलर

वन मंत्री मोहम्मद अकबर के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ में हाथी-मानव द्वंद पर नियंत्रण के उद्देश्य से विभाग द्वारा चलाए जा रहे महत्वपूर्ण अभियान के तहत 27 अक्टूबर को सूरजपुर वनमंडल के प्रतापपुर बीट में एक और मादा हाथी का सफलतापूर्वक रेडियो कॉलर किया गया। बता दें कि 3 दिन पहले ही 24 अक्टूबर को सरगुजा वृत्त के सूरजपुर वनमंडल के मोहनपुर, कक्ष क्रमांक पी 2552 में एक मादा हाथी को रेडियो कॉलर किया गया है। 

गौरतलब है कि छत्तीसगढ़ शासन वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग और भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून की संयुक्त परियोजना के तहत मानव-हाथी द्वंद को कम करने के उद्देश्य से हाथियों के विचरण की जानकारी प्राप्त करने के लिए हाथियों का रेडियो कॉलरिंग करने के अभियान जारी है। इसके तहत  27 अक्टूबर को सरगुजा वृत्त के सूरजपुर वनमंडल के प्रतापपुर बीट कक्ष क्रमांक आरएफ 36 में एक मादा हथनी को रेडियो कॉलरिंग करने में सफलता प्राप्त हुई है।  

वन मंत्री मोहम्मद अकबर के निर्देश और प्रधान मुख्य वन संरक्षक-वन बल प्रमुख राकेश चतुर्वेदी, प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) पी. वी. नरसिंग राव के मार्गदर्शन में वन विभाग की स्थानीय टीम और साइंटिस्ट-एफ डॉ. पराग निगम, भारतीय वन्यजीव संस्थान देहरादून और उनकी टीम, तमिलनाडु के डॉ. मनोहरन द्वारा रेडियो कॉलरिंग का कार्य किया जा रहा है। 

रेडियो कॉलरिंग की प्रक्रिया पूरी

27 अक्टूबर को सूरजपुर वनमंडल के प्रतापपुर से बनारस रोड, ग्राम सरहरी जंगल, परिक्षेत्र प्रतापपुर के कक्ष क्रमांक आर. एफ. 36 प्रतापपुर बीट में हाथी दल जिसमें 09 हाथी विचरण कर रहे थे, में से एक हथिनी उम्र 30-35 साल की पहचान कर कुमकी हाथी राजू और दुर्योधन के सहयोग से डार्ट किया गया। रेडियो कॉलरिंग की प्रक्रिया पूरी होने के बाद हाथी अपने दल में वापस मिल गया।

इनका रहा योगदान  

प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यप्राणी) पी. वी. नरसिंग राव द्वारा अभियान की लगातार समीक्षा करते हुए रणनीति तैयार कर आवश्यक दिशा-निर्देश दिए जा रहे हैं। इस अभियान में मुख्य वन संरक्षक सरगुजा वृत्त अनुराग श्रीवास्तव, वन संरक्षक (वन्यप्राणी) और फील्ड डायरेक्टर (एलीफेंट रिजर्व) सरगुजा डॉ. के. मेचियो, भारतीय वन्यजीव संस्थान, देहरादून की टीम, अधीक्षक तमोर पिंगला अभयारण्य जयजीत केरकेट्टा, परिक्षेत्र अधिकारी पिंगला अजय सोनी और परिक्षेत्र अधिकारी प्रतापपुर लक्ष्मी नरायण ठाकुर, डॉ. पी.के. चंदन, डॉ. सी.के. मिश्रा, डॉ. राकेश वर्मा, लक्ष्मी नारायण, अंकित, समर्थ मंडल, प्रभात दुबे और वन विभाग के मैदानी अमले सहित कुमकी हाथी राजू और दुर्योधन के महावतों का योगदान सराहनीय रहा।

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