राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजनांतर्गत केले की खेती के लिए प्रति हेक्टेयर लागत पर 50 हजार रूपए का अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। साल 2021-22 में राज्य में राष्ट्रीय बागवानी मिशन के अंतर्गत एक हजार यूनिट (1 हजार हेक्टेयर) यूनिट लक्ष्य है। केले की व्यवसायिक खेती के इच्छुक कृषक अपने इलाके के उद्यानिकी विभाग के अधिकारियों से सम्पर्क कर विस्तृत जानकारी और योजना का लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
गौरतलब है कि राष्ट्रीय बागवानी मिशन अंतर्गत केले की व्यवसायिक खेती की प्रति हेक्टेयर 1 लाख 25 हजार रूपए की इकाई लागत पर 40 प्रतिशत अनुदान दिए जाने का प्रावधान है। राज्य में साल 2019-20 में लगभग 720 किसानों की ओर से 1293 हेक्टेयर क्षेत्र में केला टिश्यु कल्चर पौध का रोपण कर 3 लाख 88 हजार टन केले का उत्पादन किया गया। साल 2021-22 में भी केला क्षेत्र विस्तार के लिए 1000 ई. का लक्ष्य रखा गया है। उद्यानिकी विभाग की ओर से राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना संचालित की जा रही है।
केले की प्रजाति जी-9 किस्म का रोपण
इस योजना के तहत बालोद, बलौदाबाजार, बलरामपुर, बेमेतरा, बिलासपुर, दुर्ग, गरियाबंद, गौरेला-पेंड्रा-मरवाही, जगदलपुर, जशपुर, कवर्धा, कोंडागांव, कोरबा, कोरिया, मुंगेली, रायगढ़, रायपुर, राजनांदगांव, सूरजपुर और सरगुजा जिला शामिल हैं। राष्ट्रीय बागवानी मिशन योजना के घटक केला क्षेत्र विस्तार से किसानों को लाभान्वित किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य में मुख्यत केले की प्रजाति जी-9 किस्म का रोपण व्यवसायिक खेती के लिए बहुतायत रूप से किया जाता है।
10 लाख रु तक का मुनाफा अर्जित
किसान केले के पौधों को एक बार अपने खेत में लगाकर 2-3 साल तक उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं। राज्य में प्रति हेक्टेयर औसतन 3 हजार केले पौधे को रोपित कर 250-500 क्विंटल तक उत्पादन प्राप्त किया जा सकता है। प्रति हेक्टेयर केले की व्यवसायिक खेती पर औसतन एक लाख 10 हजार रूपए की लागत आती है। जबकि 3 सालों तक इससे लगातार फल प्राप्त कर 5 लाख से 10 लाख रूपए तक का मुनाफा अर्जित किया जा सकता है।